संदेश

factNfiction लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैं

fact 'n' fiction : सड़क मेरे मोहल्‍ले वाली

चित्र
भारत में सड़क सलामत बन जाये, शायद यह उस सड़क का अपना भाग्‍य होगा, वरना यहां पर सड़क बनने के बाद उस पर कुदाल आदि चलते हैं। पिछले दिनों मेरे मोहल्‍ले वाली सड़क बन गई, सही सलामत। यह उसका अपना भाग्‍य था। सच में उसका भाग्‍य, क्‍यूंकि उसको एक सही सोच वाले अधिकारी का दिमाग मिल गया था। यह पहली सड़क थी, जो सब रीति रिवाज पूरे होने के बाद संपन्‍न हुई। इसलिये यह सलामत बन गई। आप सोच रहे होंगे। यह कैसी पहेली है। पहेली को सुलझाने के लिये एक लघु कथा सुनाता हूं। छोटी कहानी। कहानी शुरू होती है कुछ महीने पहले। एक अख़बार में ख़बर प्रकाशित हुई, मेरे मोहल्‍ले की सड़क बन गई। इस सुर्खी ने कई विभागों की नींद उड़ा दी। बस फिर क्‍या था, दूर संचार, वॉटर सप्‍लाई और बिजली विभाग के अधिकारियों ने कमर कस ली। नई सड़क बनने के बाद के रीति रिवाज पूरे करने के लिये, दूसरे देशों का तो पता नहीं, लेकिन हमारे भारत में यही रीति है, पहले सड़क बनेगी, फिर अन्‍य रीति रिवाज विधिवत संपन्‍न होंगे, जैसे वॉटर सप्‍लाई लाइन, टेलीफोन लाइन व स्‍ट्रीट लाइटिंग पोल। सभी विभाग के कर्मचारी नई बनी सड़क पर पहुंचते हैं। देखते हैं चादर सी पतली

fact 'n' fiction : नरेंद्र मोदी का चुनावी घोषणा पत्र

चित्र
वैसे तो हर बार राजनीतिक पार्टियां या गठबंधन अपना चुनावी घोषणा पत्र चुनावों से पूर्व जारी करते हैं, लेकिन इतिहास में पहली बार 'नरेंद्र मोदी : द मैन इन पीएम रेस' की ओर से अपना चुनावी घोषणा पत्र जारी किया गया है। इस चुनावी घोषणा पत्र की एक कॉपी हमारे फर्जी सूत्रों द्वारा उपलब्‍ध करवाई गई है। केंद्र सरकार को उखाड़ फेंकने का आह्वान करने वाले नरेंद्र मोदी की ओर से चुनावी घोषणा पत्र युवा पीढ़ी और आम जनता को ध्‍यान में रखकर बनाया गया है। विकास पुरुष की ओर से इसमें विकास संबंधी कोई घोषणा नहीं, जो है वे आपके सामने रखने जा रहे हैं। सोशल मीडिया स्‍वतंत्रता मैं सोशल मीडिया के अस्‍तित्‍व को बरकरार रखने के लिये पुरजोर कोशिश करूंगा। मुझे पता है कि यह एक अभिव्‍यक्‍ति का सशक्‍त प्‍लेटफॉर्म है, बशर्ते कि आप इस तरह की गतिविधियों का संचालन नहीं करेंगे, जिससे मेरी सरकार को ख़तरा पैदा हो। पहले स्‍पष्‍ट कर दूं, मैं मनमोहन सिंह की तरह बेदाग और इमानदार रहूंगा, लेकिन नेताओं की गारंटी लेना मुश्‍िकल है। पांच उंगलियां एक बराबर नहीं होती। हर शहर में लाल किला सोशल मीडिया के अस्‍तित्‍व को बरकरार रखन

fact 'n' fiction : राहुल गांधी को लेने आये यमदूत

चित्र
सुबह सुबह का समय था। राहुल गांधी अपने बिस्‍तर पर नींदफरमा थे। आंख खुली तो देखा, उसके बिस्‍तर के पास दो लोग खड़े हैं। राहुल ने चौकते हुए पूछा, आप कौन हैं ? सामने से उत्‍तर आया .. यम ऐम्‍बेसी से आये हैं। राहुल तपाक से बोले ... क्‍या मैं प्रधान मंत्री बन गया ? नहीं.. नहीं.. यमन ऐम्‍बेसी से नहीं, यम लोक वाली ऐम्‍बेसी से आये हैं। तो आप यहां क्‍यूं आये ? राहुल ने परेशानी वाले लिहाजे में पूछा। दरअसल हमारे लोक में एक रियालिटी शो का आयोजन होने जा रहा है। उसी के सिलसिले में आपको लेने आये हैं, आपका नाम राहुल है न ? यम दूतों ने पूछा। राहुल ने हौसला भरते हुये कहा, हां मेरा नाम राहुल है, लेकिन मुझे पता है, आप बिग बॉस बना रहें हैं, जहन्‍नुम का अओ, और जन्‍नत का वओ कंसेप्‍ट पर, लेकिन इस शो में पहले भाग ले चुका राहुल मैं नहीं, वे राहुल महाजन हैं। नहीं.. नहीं ... वो नहीं चाहिए। हम को ऐसा प्रतिभागी चाहिये जो लम्‍बा खेल सके। अच्‍छा.. अच्‍छा.., आपको राहुल द्राविड़ की तलाश कर रहे हैं। हां.... हां... मुझे पता है वे अच्‍छा क्रिकेट खेलते हैं। टेस्‍ट में तो उनको द वॉल का टैग भी मिला हुआ है, तो क्‍या आपक

fact 'n' fiction : सोनिया गांधी के नाम मल्‍लिका शेरावत का पत्र

चित्र
नमस्‍कार, सोनिया गांधी जी। आज सुबह जब दरवाजे के नीचे से कुछ अख़बार आये, हर सुबह की तरह। मैंने उनको दौड़कर उठाया। शायद किसी सुर्खी में मेरा नाम हो, लेकिन एक सुर्खी ने मुझे पत्र लिखने के लिए मजबूर कर दिया। उस सुर्खी में पूर्व सेना अध्‍यक्ष वीके सिंह का नाम था, और उन पर किसी गुप्‍तचर एजेंसी की स्‍थापना व गलत इस्‍तेमाल करने का आरोप था। सोनिया जी, यह वीके सिंह वहीं हैं ना, जो पिछले दिनों मेरे मूल राज्‍य हरियाणा के रेवाड़ी शहर में नरेंद्र मोदी के साथ नजर आये थे, एक पूर्व सैनिक रैली में। मुझे लगता है शायद उसी कार्य के लिए वीके सिंह सम्‍मानित किये जाने के प्रयासों का हिस्‍सा है यह सुर्खी। और एक संकेत है कि इस तरह के कार्य करने वाले अन्‍य लोगों को भी किसी न किसी रूप से सम्‍मानित किया जा सकता है, मैं सम्‍मानित नहीं होना चाहती, मुझे सम्‍मान पसंद नहीं, क्‍यूंकि मैं तो पहले ही बेरोजगारी का शिकार हूं, सम्‍मान वाले व्‍यक्‍ति तो छोटा मोटा काम नहीं कर सकते। रोजगार पाने के मकसद से तो गुजरात के मुख्‍यमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्‍मदिवस पर गीत गाया था, शायद किसी को मेरी आवाज पसंद आ जाये,