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दिल्‍ली अभी दूर है 'नरेंद्र भाई'

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भले गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम आज देशभर में ही नहीं, बल्कि विश्व स्तर पर लोकप्रियता की सभी हदें पार कर चुका है, लेकिन इसको आगामी लोक सभा चुनावों के लिए सफलता की गारंटी कदापि नहीं माना जा सकता। आंकड़ों की धरातल को सही से देखे बिना भले ही भाजपा या उसके समर्थक सत्ता पर बैठने का ख्वाब संजो रहे हों, क्योंकि आंकड़े वैसे नहीं, जैसे भाजपा सोच रही है, आंकड़े विपरित हैं, खासकर भाजपा की सोच से। हां, अगर कोई करिश्मा हुआ तो जरूर भाजपा को २०१४ में सत्ता का स्वाद चखने का मौका मिल सकता है। वैसे ज्यादातर उम्मीद करना बेईमानी होगी, क्यूंकि आज स्थितियां १९९८ या १९९९ वाली नहीं हैं, जब भाजपा अन्य सहयोगी पार्टियों की सहायता से सिंहासन पर बैठी थी। अटलबिहारी वाजपेई जैसा एक सशक्त और दूरदर्शी सोच का व्यक्ति भाजपा का अगुवाई कर रहा था। अब भाजपा नरेंद्र मोदी के जरिए उस इतिहास को दुहराना चाहती है। मगर नरेंद्र मोदी को पार्टी के शीर्ष नेता व अन्य भाजपा के मुख्यमंत्री तक नहीं सहज से ले पा रहे तो जनता से कैसी उम्मीद की जा सकती है, खासकर उस समुदाय से, जो नरेंद्र मोदी को आज भी मन ही मन में मुस्लिम समुदाय

राजनाथ सिंह, नरेंद्र मोदी और भाजपा की स्‍थिति

''राह में उनसे मुलाकात हो गई, जिससे डरते थे वो ही बात हो गई''  विजय पथ फिल्‍म का यह गीत आज भाजपा नेताओं को रहकर का याद आ रहा होगा, खासकर उनको जो नरेंद्र मोदी का नाम सुनते ही मत्‍थे पर शिकन ले आते हैं। देश से कोसों दूर जब न्‍यूयॉर्क में राजनाथ सिंह ने अपना मुंह खोला, तो उसकी आवाज भारतीय राजनीति के गलियारों तक अपनी गूंज का असर छोड़ गई। राजनाथ सिंह, भले ही देश से दूर बैठे हैं, लेकिन भारतीय मीडिया की निगाह उन पर बाज की तरह थी। बस इंतजार था, राजनाथ सिंह के कुछ कहने का, और जो राजनाथ सिंह ने कहा, वे यकीनन विजय पथ के गीत की लाइनों को पुन:जीवित कर देने वाला था। दरअसल, जब राजनाथ सिंह से पीएम पद की उम्‍मीदवारी के संबंधी सवाल पूछा गया तो उनका उत्तर था, मैं पीएम पद की उम्‍मीदवारी वाली रेस से बाहर हूं। मैं पार्टी अध्‍यक्ष हूं, मेरी जिम्‍मेदारी केवल भाजपा को सत्ता में बिठाने की है, जो मैं पूरी निष्‍ठा के साथ निभाउंगा। यकीनन, नरेंद्र मोदी आज सर्वाधिक लोकप्रिय नेता हैं, अगर भाजपा सत्ता हासिल करती है तो वे पीएम पद के उम्‍मीदवार होंगे। दूर देश में बैठे राजनाथ

तोगड़िया ने कुछ गलत तो नहीं कहा

विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के अंतर्राष्‍ट्रीय प्रमुख डॉक्टर प्रवीण तोगड़िया ने कहा, ''जो लोग नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का दावेदार बता रहे हैं, वे बुनियादी रूप से एनडीए और बीजेपी को तोड़ने की रणनीति पर काम कर रहे हैं''। अगर विहिप के नेता की बात मान भी ली जाए तो इसमें बुरा भी कुछ नहीं। अगर देश की जनता नरेंद्र मोदी के रूप में भाजपा को बहुमत दे देती है तो इसके देश के लिए बेहद अच्‍छी बात है, जब तक इसको बहुमत सरकार नहीं मिलेगी, तब तक इस देश का भला होना मुश्किल है, वो बहुमत चाहे कांग्रेस को मिले चाहे फिर बीजेपी को, बहुमत देश के हित में है। भाजपा अपनी तैयारी कर चुकी है नितिन गड़करी को महाराष्‍ट्र भेज राजनाथ सिंह को अध्‍यक्ष बनाकर। अपने पुराने साथी कल्‍याण सिंह को एक बार फिर अपने साथ खींच लाई। नरेंद्र मोदी अपने शपथ समारोह में जयललिता से लेकर प्रकाश सिंह बादल को बुलाकर अपनी आगे की योजना को सबके सामने रख चुके हैं। वाइब्रेंट गुजरात 2013 के जरिए अपना शक्‍ति प्रदर्शन ही नहीं, बल्‍कि उसमें छत्‍तीसगढ़ के मुख्‍यमंत्री रमन सिंह की उपलब्‍धियों भरी स्‍पेशल प्रदर्शनी कर अपने साथ ला ख