कुछ तुम कहो, कुछ हम कहें
अपना ये संवाद न टूटे  हाथ से हाथ न छूटे  ये सिलसिले यूँ ही चलते रहें  कुछ तुम कहो, कुछ हम कहें  इसे भी पढ़ें : प्रेम की परिभाषा  न हो तेरी बात खत्म  न हो ये रात खत्म  ये सिलसिले यूँ ही चलते रहें  कुछ तुम कहो, कुछ हम कहें  इसे भी पढ़ें : खंडर का दर्द   मिलने दे आँखों को आँखों से  दे गर्म हवा मुझको साँसों से  ये सिलसिले यूँ ही चलते रहें  कुछ तुम कहो, कुछ हम कहें  इसे भी पढ़ें : एक देश के अन्दर, कई देश हैं!   हाथ खेलना चाहें तेरे बालों से  लाली होंठ माँगते तेरे गालों से  ये सिलसिले यूँ ही चलते रहें  कुछ तुम कहो, कुछ हम कहें