पत्‍नि गई थरूर की।

पत्‍नि गई थरूर की।
चर्चा छिड़ी फजूल की।
शशि थरूर तो अंतिम ठौहर थे,
सुन्‍नदा के पहले भी दो शौहर थे,
शशि का भी तीसरा करार था
हमें क्‍या पता सौदा था कि प्‍यार था
जाने वाले को जाना होगा
दो दिन रोना धोना,
फिर नया तराना होगा
हर जीवन एक नसीहत
एक कहानी है
रूह सदा अमर,
शरीर तो फानी है
कब तक रखेगा अहं अपना

हैप्‍पी जीवन बुलबुला पानी है
मरघट बस्‍ती, जगत मुसाफिरखाना,
यहां तो आनी जानी है

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