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“Engलिश ग्रंथि से ग्रसित हिन्‍दी फिल्‍म”

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फिल्‍म “इंग्‍लिश-विंग्‍लिश” का नाम सुनते ही ऐसा लगता है, मानों फिल्‍म की कहानी समाज में छाए अंग्रेजी के जादुई छद्म प्रभाव को कुछ हद तक कम करने वाली और इंग्‍लिश नहीं जानने वालों की हीनग्रंथि में आत्‍मविश्‍वास का रस घोलने वाली होगी, लेकिन इस फिल्‍म को देखने के बाद पता चलता है कि यह फिल्‍म इंग्‍लिश नहीं जानने वालों को बडी ही कुशल संवेदना के साथ उनकी औकात दिखा देती है, वहीं चालाकी के साथ अंग्रेजी सीखने के लिए मन में हवा भी भर देती है. व“इंग्‍लिश-विंग्‍लिश” देखने में बडी ही बढिया, शानदार और मनोरंजन प्रधान पारवारिक फिल्‍म है. इसका स्‍वस्‍थ परिवेश किसी भी दर्शक को बडी कुशलता के साथ अंग्रेजी सीखने के लिए ललचा सकता है, इस बात को ध्‍यान में रखते हुए कि अंग्रेजी नहीं सीखने पर इस बाजारवादी समाज में उसकी हालत, घबराई, डरी, सहमी और सबसे छिपती-फिरती “शशि” की तरह ही हो सकती है. दरअसल, यह फिल्म पूंजीवादी मानसिकता से ग्रसित एक ऐसी फिल्‍म है, जिसमें अंग्रेजी को हमारे परिवेश में रिश्‍तों की अहमियत, आपसी स्‍नेह, सम्‍मान और आत्‍मीयता का नया मानक बनाकर उभारा गया है. फिल्‍म में “शशि” उर्फ श्रीदेवी जब अपनी ब