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शिव सेना की हालत ऐसी — न तलाक लेते बनता है, न साथ रहते बनता है

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वो समय कुछ और था। जब भाजपा के बड़े बड़े नेता बाला साहेब ठाकरे के सामने जाकर सजदे में खड़े होते थे। अब समय बदल चुका है। अब भारतीय जनता पार्टी खुद नरेंद्र मोदी के गगनचुंबी कद के सामने सिर झुकाए खड़ी हो चुकी है। अगर ऐसे में भी शिव सेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे स्वर्गीय बाला साहेब ठाकरे वाला अदब चाहते हैं, तो उनको बिस्तर पर आराम करना चाहिये, अच्छी नींद लेनी चाहिये और नींद में खूबसूरत ख्वाब देखना चाहिये, क्योंकि हकीकत में ऐसा होना संभव नहीं है। वैसे भी शिव सेना का शुरू से झुकाव नरेंद्र मोदी की ओर कम वरिष्ठ नेता एलके आडवाणी की ओर से अधिक रहा है। शिव सेना के शुरूआती तेवरों से नरेंद्र मोदी समझ गए थे कि उनको अगली पारी कैसे खेलनी है क्योंकि नरेंद्र मोदी और चीजों को भले ही याद न रखें, लेकिन, अपने विरोधियों के साथ निबटना अच्छे से जानते हैं। कभी कभी तो लगता है कि नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनते ही मन की दीवार पर वॉट पुट्टी लगा ली थी, ताकि शिव सेना जैसी विरोधी सहयोगी पार्टी की बारिश का उन पर कोई असर न हो। पिछले तीन साल से शिव सेना और नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाला सरकार के बीच पति पत्नी वाली कह

रेप मुआवजे से नरेंद्र मोदी पर चुटकियां लेती शिव सेना तक

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जम्‍मू कश्‍मीर की कमान एक युवा नेता उमर अब्‍दुला के हाथ में है, लेकिन शनिवार को उनकी सरकार की ओर से लिए एक फैसले ने उनको सवालों के घेरे में लाकर खड़ा कर दिया। जम्‍मू कश्‍मीर सरकार ने रेप पीड़ित को मुआवजे वाली लिस्‍ट में शामिल किया है। अगर युवा नेता उमर अब्‍दुला इस मुआवजे वाली सूची को जारी करने की बजाय बलात्‍कारी को सजा देने वाली सूची जारी करते तो शायद भारतीय युवा पीढ़ी को ही नहीं, बल्‍कि देश की अन्‍य राज्‍यों की सरकारों को भी सीख मिलती। उमर अब्‍दुला, इज्‍जत औरत का सबसे महंगा गहना होती है, उसकी कीमत आप ने ज्‍वैलरी से भी कम आंक दी। उसको मुआवजे की नहीं, उसको सुरक्षा गारंटी देने की जरूरत है। उसको जरूरत है आत्‍मराक्षण के तरीके सिखाने की, उसको जरूरत है आत्‍मविश्‍वास पैदा करने वाली आवाज की। अगर इज्‍जत गंवाकर पैसे लेने हैं तो वे कहीं भी कमा सकती है। आपके मुआवजे से कई गुना ज्‍यादा, जीबी रोड दिल्‍ली में अपना सब कुछ दांव पर लगाकर पैसा कमाती बेबस लाचार लड़कियां महिलाएं इसकी  साक्षात उदाहरण हैं। जख्‍मों पर नमक छिड़ने का काम अगर आज के युवा नेता करने लग गए तो शायद देश की सत्‍ता युवा हाथों में सौंप