रॉबर्ट वाड्रा के लिए कांग्रेस मीडिया को नसीहत क्यों देती है ?



रॉबर्ट वाड्रा न कांग्रेसी है और न मनमोहन सरकार के दौरान किसी मंत्री पद पर रहा। हां, रॉबर्ट वाड्रा सोनिया गांधी का दामाद है, जो अब पूरा विश्व जानने लगा है, लेकिन जब भी रॉबर्ट वाड्रा पर उंगली उठती है तो कांग्रेसी क्यों सफाई देने लगते हैं। उसको इस तरह बचाने लगते हैं, जैसे रॉबर्ट वाड्रा सोनिया गांधी का नहीं, बल्कि कांग्रेस का दामाद है।

जब मीडिया ने रॉबर्ट वाड्रा को घेरा तो रविवार को कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला और दिग्विजय सिंह ने वाड्रा का बचाव करते नजर आए। सुरजेवाला ने कहा कि रॉबर्ट वाड्रा न तो किसी सार्वजनिक पद पर हैं, न किसी राजनीतिक दल के पदाधिकारी हैं। ऐसे में उनकी निजता का सम्मान किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पत्रकारों को निजी समारोहों में अप्रिय सवालों को बार-बार पूछने से बचना चाहिए।

कितनी अजीब बात है कि मीडिया को नसीहत देते हुए रणदीप सुरजेवाला स्वयं भूल गए कि रॉबर्ट वाड्रा सोनिया गांधी के दामाद है, न कि कांग्रेस के, यदि याद है तो ऐसा बयान देना बिल्कुल उचित नहीं है। मीडिया को नसीहत उस समय देनी चाहिए, जब आप स्वयं नियम का पालन करते हों।

एक अन्य बात मीडिया को एक बात समझनी चाहिए कि पत्रकारिता की गरिमा बनाए रखने के लिए संयम, समझ एवं अच्छी सोच का होना जरूरी है। वाड्रा पर आरोप हैं, जो अभी सिद्घ नहीं हुए, इस माहौल में आप हर जगह एक सवाल पर स्पष्टीकरण लेते अच्छे नहीं लगते हैं।

टिप्पणियाँ

  1. Bahut sahi kaha aapne media apne kartavy ka palan kar rahi hai puri nishtha ke saath... Lekin congress itni nishtha vadra ke liye dikhaaye galat baat hai... Sunder prastuti !!

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