मोदी काठमांडू सीट से लड़ेंगे !
पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी देश के प्रधान मंत्री पद के लिए उम्मीदवार चुने गए। इस बात से देश को खुशी होनी चाहिए थी, लेकिन अफसोस के देश के भीतर राजनीतिक पार्टियां उनको रोकने के लिए चुनाव मैदान में उतर गई। बड़ी हैरानीजनक बात है, भला कोई इस तरह करता है। माना कि देश में लोकतंत्र है, लेकिन किसी की भावनायों को भी समझना लोकतंत्र का फर्ज है कि नहीं। बेचारे मोदी कहते हैं कि भ्रष्टाचार रोको। तो विरोधी कहते हैं मोदी रोको। मोदी कहते हैं कि गरीबी रोको तो विरोधी कहते हैं मोदी रोको। कितनी नइंसाफी है। वाराणसी से चुनाव लड़ने का मन बनाया था लेकिन मुरली मनोहर जोशी कहने लगे पाप कर बैठे जो वाराणसी से लड़ बैठे। स्थिति ऐसी हो चुकी है कि भाजप से न तो मुरली मनोहर जोशी को पाप मुक्त करते बनता है न ही पाप का भागीदार बनाते बनता है। राजनाथ सिंह : आप बनरास से लड़े नरेंद्र मोदी : जीतने की क्या गारंटी है ? राजनाथ सिंह : गारंटी चाहिए तो arise इनवेटर ले आएं। भाई गारंटी तो चाहिए क्यूंकि मुरली मनोहर जोशी के दीवाने भी अड़चन पैदा कर सकते हैं। अंत नरेंद्र मोदी ने फैसला किया है कि वो काठमांडू से चुना