राजनीतिक पार्टियां यूं क्यूं नहीं करती
हर राजनीति देश के विकास का नारा ठोक रही है। सब कहते हैं, हमारे बिना देश का विकास नहीं हो सकता, सच में मैं भी यही मानता हूं, आपके बिना देश का विकास नहीं हो सकता, लेकिन एकल चलने से भी तो देश का विकास नहीं हो सकता, जो देश के विकास के लिए एक पथ पर नहीं, चल सकते, वो देश को विकास की बातें तो न कहें। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी देश को एकता का नारा देते हैं, लेकिन खड़े एकल हैं, जहां जाते हैं, वहां की सरकार की खाटिया खड़ी करते हैं। कभी कभी तो ऐसा भी होता है कि दो इंच कील की जगह चार इंच हथोड़े की चोट से ठोक देते हैं। कांग्रेस समेत देश की अन्य पार्टियां भी कुछ यूं ही करती हैं, वो देश के विकास का मोडल रखने को तैयार नहीं। टीवी चैनलों ने तो केजरीवाल सरकार को गिराने के लिए निविदा भर रखी है, जो गिराने में सशक्त होगा, उसको निविदा दी जाएगी। लेकिन क्यूं नहीं देश की राजनीतिक पार्टियां एक सार्वजनिक मंच पर आ जाएं। अपने अपने विकास मोडल रखें, जैसे स्कूल के दिनों में किसी प्रतियोगिता में बच्चे रखते थे, जिसका अच्छा होगा, जनता फैसला कर लेगी। इससे दो फायदे होंगे, एक तो टेलीविजन पर रोज शाम को बकबक बंद ह