कागज से बना रावण, कब तक जलाते रहोगे
कागज से बना रावण, कब तक जलाते रहोगे और कितने दिन खुद को मूर्ख बनाते रहोगे अब छोड़ो यूं पुतले बनाकर जलाने हकीकत में रावण को जलाना सिखो रावण सी हैं कई समस्या देश में सब जोश के साथ उसको मिटाना सिखो यूं झूठी जीत का जश्न कब तक मनाते रहोगे कागज से बना रावण, कब तक जलाते रहोगे गरीब की इच्छा, आजादी, उड़न जहां तक नींद अगवा है मैं अकेला कहता नहीं यारों पूरा देश इसका गवाह है झूठी आजादी का स्वांग कब तक रचाते रहोगे कागज से बना रावण, कब तक जलाते रहोगे शहीदों को तो बस फूल मिले मिली कुर्सी स्वार्थियों को बस वोट बैंक बनाकर रख दिया अपनों और शर्णार्थियों को कब तक आंख मूँदे यूं ही बटन दबाते रहोगे कागज से बना रावण, कब तक जलाते रहोगे