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वो निकलती थी...

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वो निकला करती थी पेड़ों की छाया में, मैं भी मिला करता था पेड़ों की छाया में, अच्छा लगता था, उसका बल खाकर चलना पेड़ों की छाया में, बुरा लगता था विछड़ना और दिन डलना पेड़ों की छाया में, बहुत अच्छा लगता था, खेतों, खलियानों को चीरते हुए मेरे गांव तलक उसका आना पेड़ों की छाया में, पहली मुलाकात सा लगता था, कड़कती धूप में घर से निकलकर उसके आगोश में जाना पेड़ों की छाया में, याद है मुझे आज भी इस नहर में डुबकी लगाना पेड़ों की छाया में,

लहू के धब्बे बनते हैं 'कुमारित्व' के गवाह

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पिछले महीने अफगानिस्तान की ओर से खबर आई थी कि अगर पति की सैक्स भूख को एक पत्नी शांत नहीं करती तो उसको भूखे पेट रहना पड़ सकता है, लेकिन कुछ दिन पहले एक ऐसी ही मन को झिंझोड़कर रख देने वाली एक और खबर पढ़ने को मिली। यहां की महिलाओं के लिए शादी के बाद की पहली रात सुहागरात नहीं बल्कि इम्तिहान की रात होती है, अगर इम्तिहान में असफल हुई तो बदले में मिलेगा तलाक। जी हां, पामीर की खूबसूरत पहाड़ियों की कोख में बसे ताजिकिस्तान की खूबसूरत महिलाओं को एक कड़े इम्तिहान से गुजरना पड़ता है, क्योंकि आज भी वहां के मर्दों की सोच पर वो ही पुरानी कबिलाई मानस्किता हावी है। वो आज भी चादर पर खून के धब्बे देखकर महिला की कौमार्य या कुमारित्व का पता लगाते हैं, अगर वो असफल हुई तो वो अगली सुबह शादीशुदा नहीं बल्कि तलाकशुदा कहलाएगी। रूस यात्रा पर गई प्रतिभा पाटिल के साथ यात्रा कर रहे नई दुनिया के स्थानीय संपादक जयदीप कार्णिक की 8 सितम्बर को प्रकाशित हुई रिपोर्ट कुछ ऐसा ही खुलासा करती है। जहां ताजिकीस्तान की महिलाओं को इस इम्तिहान से गुजरना पड़ता है, वहीं दूसरी तरफ हॉलीवुड की सुंदरी मैगन फॉक्स बड़े बिंदास ढंग से कहती है कि

हड़ताल - काव्य

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क्यों जी खाली हाथ आ रहे हो, क्या बताउं भाग्यवान जब बस स्टेंड पहुंचा तो पता चला, बस वालों की हड़ताल है। पैदल पैदल बैंक पहुंचा तो पता चला कि बैंक वालों की हड़ताल है। अपने गांव वाले बंते से पकड़े कुछ पैसे उधार मैंने लेकिन जब दुकान पहुंचा तो जाना कि दुकानदारों की हड़ताल है। बस ठोकरें खाकर खाली हाथ लौट आया, चलो, तुम एक कप चाय तो पिला दो। कहां से बनाउं जी, दूध गिरा दिया बच्चों ने, सुबह से चाय की हड़ताल है।

मेरी मौत की खबर

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मैं शिकार हो गया अपनों के ही धोखे का, न करें इंतजार वो अब किसी मौके का, मेरी मौत के चश्मदीदों, एक फजल कर दो मेरे दुश्मनों को मेरी मौत की खबर कर दो रुक गई सांस और शब्दों का कारवां मैं धोखों की आंधी में हो गया फनां मेरी मौत के चश्मदीदों, एक फजल कर दो मेरे दुश्मनों को मेरी मौत की खबर कर दो वक्त की साजिश, हुआ एक बड़ा हादसा पल में रेत हो गया 'हसरतों का बादशाह' मेरी मौत के चश्मदीदों, एक फजल कर दो मेरे दुश्मनों को मेरी मौत की खबर कर दो दुश्मन न मार सके, बस एक तन्हाई ने मारा जान ली उसने, जो था हैप्पी जान से प्यारा मेरी मौत के चश्मदीदों, एक फजल कर दो मेरे दुश्मनों को मेरी मौत की खबर कर दो

आओ कप्म्यूटर के नोटपैड पर लिखें अपनी भाषा

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अगर मेरी आज की पोस्ट आपके काम आ सकी तो, इस को आगे भी बढ़ा देना, चाहिए अपने ही ब्लॉग पर अपने ही नाम से। मेरा तो मक्सद सबको सुविधा देना है। इसके लिए आप सब का शुक्रिया होगा। start से चलकर setting पर पहुंचे और वहां से control panel में प्रवेश करें। इसके बाद यहां पर regional and language options पर क्लिक करें। आपके सामने तस्वीर में दिखाया हुआ एक बॉक्स खुलेगा। अब इस बॉक्स पर लिखे languages टैब पर क्लिक करें। यहां पर आपको supplemental language support लिखा दिखाई दे रहा होगा। इसके तले आपको टिक करने के लिए दो ऑप्शन दिखाई दे रहें होंगे। अगर मैं ठीक जा रहा हूं तो आप पहले वाले पर क्लिक करें। बॉक्स के अंत में आपको ok cancel apply तीन ऑप्शन नजर आ रहे होंगे। apply बटन को दबाने से पहले आप अपने कम्प्यूटर में xp की सीडी डालिए, क्योंकि अब आपका कम्प्यूटर एक फाइल मांगेगा। वो आपकी एक्सपी की सीडी में है। कहीं आप बोर तो नहीं हो रहे, अगर हो रहे हैं तो मुझे माफ करें। अब आप यहां क्लिक कर हिन्दी , पंजाबी , गुजराती एवं अन्य भाषाओं की आईएमई download करें। इस क्रिया के खत्म होते ही आप उस साफ्टफेयर को अपने कम