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गुरदास मान वो दीया है जो तूफानों में....

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दूसरा माइकल जैक्सन, दूसरा अमिताभ बच्चन, दूसरा सचिन तेंदुलकर जैसे मिलना मुश्किल है, वैसे ही पंजाबी संगीतप्रेमियों को दूसरा गुरदास मान मिलना मुश्किल है। मुश्किल ही नहीं मुझे तो नामुमकिन लगता है। आने वाली 4 जनवरी 2010 को गुरदास मान 53 वर्ष के हो जाएंगे, लेकिन उनकी स्टेज पर्फामेंस (लाईव शो) आज भी युवा गुरदास मान जैसी है। वर्ष 1980 को पंजाबी संगीत जगत में कदम रखने वाले गुरदास मान ने पिछले तीन दशकों में पंजाबी संगीत को इतना कुछ दिया है, जिसकी कल्पना कर पाना भी मुश्किल है। गीतों में खुद को 'मरजाना मान' कहने वाले गुरदास मान ने अपनी आवाज और अपने लिखे हुए गीतों की बदौलत पंजाबी संगीत में वो रुतबा हासिल कर लिया है जो यमले जट्ट ने हासिल किया था। जट्ट यमला की तूंबी की तरह गुरदास की डफली भी संगीत में अपनी अनूठी छाप छोड़ चुकी है। उसके गाए हुए गीत लोकगीत बनते जा रहे हैं, यमले जट्ट के गाए गीतों की तरह। इन तीन दशकों में पता ही नहीं कितने गायक आएं और चले गए, मगर गुरदास मान समय के साथ साथ सफलता की शिखर की तरफ बढ़ता चला गया। इन दशकों में ड्यूट का आंधी आई, पॉप की आंधी आई, फिर ड्यूट की आंधी, लेकिन गुर

काले चिट्ठे खोलती 'पत्रकार की मौत'

पिछली बार जब बठिंडा गया था, तो कुछ पंजाबी किताबें खरीदने का मन हुआ, ताकि अपनी जन्मभूमि से दूर कर्मभूमि पर कुछ तो होगा, जो मातृभाषा से मुझे जोड़े रखेगा। बस फिर क्या था, पहुंच गया रेलवे स्टेशन के स्थित एक किताबों वाली दुकान पर, जहां से अक्सर हिन्दी पत्रिकाएं खरीदा करता था, और कभी कभार किताबें, लेकिन इस बार किताबे लेने का मन बनाकर दुकान के भीतर घुसा था। मैंने कई किताबें देखी, लेकिन हाथ में दो किताबें आई, जिसमें एक थी 'पत्रकार दी मौत' हिन्दी में कहूं तो 'संवाददाता की हत्या'। इस किताब का शीर्षक पढ़ते एक बार तो ऐसा लगता है, जैसे ये कोई नावल हो, जिसका नायक कोई पत्रकार, जिसकी किसी ने निजी रंजिश के चलते हत्या कर दी हो, मगर किताब खोलते ही हमारा ये भ्रम दूर हो जाता है, क्योंकि पूरी किताब में कहीं भी पत्रकार की शारीरिक हत्या नहीं होती, हां जब भी होती है तो उसके आदर्शों की हत्या, पत्रकारिता के आदर्शों की हत्या. 'पत्रकार दी हत्या' को शब्दों में बयान करने वाला लेखक गुरनाम सिंह अकीदा खुद भी पत्रकारिता की गलियों से गुजर चुका है. उसने इस किताब में अपने आस पास घटित हुई घटनाओं का उल्