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हैप्‍पी अभिनंदन में स्‍पंदन वाली शिखा जी

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नमस्‍कार दोस्‍तो, मैं कुलवंत हैप्‍पी , एक लम्‍बे समय बाद आपके समक्ष हमारे बीच में से ही एक शख्‍िसयत को हैप्‍पी अभिनंदन के जरिए आपसे मिलवाने लाया हूं, वैसे तो यकीनन आप उनकी रचनाओं एवं उनके ब्‍लॉगों के मार्फत उनसे कई बार मिल चुके होंगे, लेकिन हैप्‍पी अभिनंदन में आज उनसे मिलकर देखिए, और बताइए कि इस बार मिलने में और पहले मिलने में क्‍या अंतर लगा, जो शख्‍िसयत आज हैप्‍पी अभिनंदन में मेरे सवालों के जवाब में अपने विचार रखने जा रही है, वह कोई और नहीं बल्‍कि ब्‍लॉग स्पंदन/अंतर मन में उठती हुई भावनाओं की तरंगें पर लिखने वाली शिखा वार्ष्‍णेय जी हैं, जो रहती लंडन में हैं, लेकिन लिखती हिन्‍दी में हैं, और उनकी स्‍मृतियों में बसता है रूस, जहां से उन्‍होंने पत्रकारिता की पढ़ाई की एवं चैनल में न्‍यूज प्रड़यूसर रह चुकी हैं शिखा जी अब स्‍पंदन पर लिखकर अपने अंदर की पत्रकार आत्मा तृप्त कर रही हैं। हैप्‍पी के सवाल, शिखा के जवाब शिखाजी, आपने पत्रकारिता की पढ़ाई की, लेकिन परिवारिक जिम्‍मेदारियों को पहल देते हुए आपने उससे नाता तोड़ लिया, लेकिन फिर अचानक आपको ब्‍लॉग जगत मिल गया, यहां पर आकर आप क