प्रिय शर्मा जी और पुरस्कार
प्रिय शर्मा जी हम आपको चाहते हैं पुरस्कार देना माफ कीजिए जी जनाब मुझे नहीं लेना न मैं सैफ हूँ न मैं ओबामा तुम दोगे पुरस्कार यहाँ होगा हंगामा अखबारों के ऐसे ही पन्ने होंगे काले कम खर्च न करेंगे समय टीवी वाले जब होगी हर तरफ आलोचना आलोचना मुश्किल होगा फिर मुझको सोचना सोचना घर कैसे जाऊंगा पत्नि को मुँह कैसे दिखा लाऊंगा अच्छा है कदम अभी से रोकना रोकना