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सरदार पटेल की बिखरती भारतमाला

सरदार पटेल, एक लौह पुरुष। जिसने बिखरते हुए भारत को एक लड़ी में पिरोने का कार्य किया था। जब भारत को आजाद करने का फैसला अंग्रेजों ने लिया तो भारतीय नेतृत्व के आगे सबसे बड़ी चुनौती थी, देश के बिखराव को रोकना, क्यूंकि अंग्रेजों ने राजा महाराजाओं को वे सब अधिकार वापस कर दिए थे, जो उनके पास अंग्रेजों के आने से पूर्व थे। अब राजे महराजे अपनी मनमर्जी मुताबिक फैसला ले सकते थे। अब राजे महाराजाओं पर निर्भर था, वे भारत का हिस्सा बनें या ना। भारत आजाद होने की कगार पर था, लेकिन समस्याओं का एक पहाड़ उसके सामने खड़ा था, जिस पर पार पाना जरूरी था। ऐसे में भारत के अंतिम वायसराय माउंटबेटन के साथ मिलकर वल्लभभाई पटेल ने एक योजना बनाई, जो भारत को एक डोरी में पिरोने की थी। देश की पांच सौ से अधिक रियासतों का भारत में विलय करना आसान काम नहीं था, जब जिन्ना जैसा व्यक्ति अलग देश की मांग लिए खड़ा हो। ऐसे में सरदार पटेल ने एक लौह पुरुष की भूमिका निभाई, आज जो भारत हमारे सामने है। उसमें बहुत बड़ा योगदान लौह पुरुष सरदार पटेल का है। अगर पटेल न होते तो शायद जोधपुर रियासत आज पाकिस्तान का हिस्सा होती, देश के कई हिस्से अल