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बैंड—बाजा, बारात और 'आप' की टोपी

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वाराणसी में निकली आप की टोपी पहने बारात की ख़बर। हिसार (हरियाणा) चुनाव की खुमारी अब सिर चढ़कर बोलने लगी है। राजनीतिक पार्टियों के समर्थक अपने-अपने दल के लिए प्रचार का कोई तरीका नहीं छोड़ रहे हैं। इसी कड़ी में हरियाणा में जिला सिरसा के गांव सलारपुर के एक युवक ने भी आम आदमी पार्टी के प्रचार-प्रसार के लिए अनोखा तरीका अपनाया। आम आदमी पार्टी के इस पक्के समर्थक मुकेश धंजु ने अपनी शादी में सेहरा तो पहना, मगर उस पर टोपी पहनी 'आप' की। उसने बारात में शामिल होने वाले दोस्तों-रिश्तेदारों को भी 'आप' की टोपी पहनने का आग्रह किया। दूल्हे के आग्रह को कोई ठुकरा नहीं पाया। दूल्हे की बहनों और महिला बारातियों ने भी सिर पर टोपी पहनकर बारात में शिरकत की। गांव सलारपुर से 'आप' की टोपी पहने मुकेश धंजू की बारात ऐलनाबाद पहुंची। दुल्हे मुकेश ने बताया कि मैं हमेशा से ही भ्रष्टाचार विरोधी विचारधारा का रहा हूं। मैं 'आप' के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की नीतियों से प्रभावित रहा हूं। इसी से प्रभावित होकर और प्रेरणा लेकर मैं शुरू से ही केजरीवाल के साथ जुड़ा हुआ हूं और उनके आंदोलन

केजरीवाल से इ​सलिए नाराज!

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एक थका मंदा आदमी नौकरी से घर पहुंचा। पत्नि ने ठंडे पानी का गिलास मुस्कराते हुए दिया। पति ने गिलास को पकड़ा, जैसे थका मंदा आदमी पकड़ता है। थोड़ी देर बाद पत्नि चाय लेकर आई और बोली। बड़े दिनों से मेरा मन कर रहा है कि आप एक दिन के लिए नौकरी से छुट्टी ले लेते, तो हम यहां आस पास किसी पि​कनिक वाली जगह पर घूम आते। पति ने कहा, बॉस छुट्टी नहीं देगा। तुम को पता है कि इन दिनों मुझे ​आफिस में बहुत अधिक काम रहता है। पत्नि बोली, 365 दिनों में से सिर्फ इन्हीं दिनों काम रहता है, तो दूसरे दिन तुम क्या करते हो, अगर मुझे पहले बताया होता तो वो दिन चुन लेती, नहीं नहीं ऐसा नहीं, काम तो हर रोज रहता है। पत्नि तपाक से बोली, यही तो मैं भी कहना चाहती हूं, काम तो हर रोज रहता है, लेकिन छुट्टी तो कभी कभार ली जाती है। नहीं, छुट्टी नहीं मिलेगी। बॉस मुझे आफिस से निकाल देगा। बाद में इतनी अच्छी जॉब भी नहीं मिलेगी। अच्छा तो यह बात है, हम से ज्यादा नौकरी प्यारी है। जब तुम दोस्त की पंचायत बिठाते हो, और अरविंद केजरीवाल को भगोड़ा कहते हो तो तब तुम को समझ नहीं आती कि उसने तो आपसे भी बड़ी कर्सी छोड़ी केवल देश में

एक ख़त आम आदमी पार्टी के नाम

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नमस्कार। सबसे पहले आप को बधाई शानदार शुरूआत के लिए। कल जब रविवार को न्यूज चैनलों की स्क्रीनें, क्रिकेट मैच के लाइव स्कोर बोर्ड जैसी थी, तो मजा आ रहा था, खासकर दिल्ली को लेकर, दिल्ली में कांग्रेस का पत्ता साफ हो रहा था, तो भाजपा के साथ आप आगे बढ़ रहे थे, लेकिन दिलचस्प बात तो यह थी कि चुनावों से कुछ दिन पहले राजनीति में सक्रिय हुई पार्टी बाजी मारने में सफल रही,हालांकि आंकड़ों की बात करें तो भाजपा शीर्ष है, मगर बात आप के बिना बनने वाली नहीं है। यह बात तो आपको भी पता थी कि कुछ समीकरण तो बिगड़ने वाला है, मगर आप ने इतने बड़े फेरबदल की उम्मीद नहीं की थी। अगर आपको थोड़ी सी भी भनक होती तो यकीनन सूरत ए हाल कुछ और होता। आप प्रेस के सामने आए, बहुत भावुक थे, होना भी चाहिए, ऐसा क्षण तो बहुत कम बार नसीब होता है। अब आप को अपने कार्यालय के बाहर एक शेयर लिखकर रखना चाहिए, मशहूर हो गया हूं तो जाहिर है दोस्तो, अब कुछ इलजाम मेरे स​र भी आएंगे जो गुरबत में अक्सर नजर चुराते थे, अब देने बधाई मेरे घर भी आएंगे मगर अब आप विपक्ष में बैठने की बात कर रही है, जो सही नहीं। नतीजे आप ने बदले हैं, मुख्यमंत्री को