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जय शाह के कारोबार पर द वायर की रिपोर्ट से केंद्र सरकार को क्यों लगा करंट?

हाल ही में द वायर ने भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय अमितभाई शाह की कंपनी के टर्नओवर को लेकर सनसनीखेज खुलासा किया। पत्रकार रोहिणी सिंह ने रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज के दस्तावेजों का हवाला देते हुए द वायर के लिए सनसनीखेज स्टोरी करते हुए लिखा कि मोदी सरकार आने के बाद 16000 गुना बढ़ा अमित शाह के बेटे की कंपनी का टर्नओवर। रोहिणी सिंह ने ही 2011 में इकनॉमिक टाइम्स में रॉबर्ट वाड्रा के कारोबार का सनसनीखेज खुलासा किया था। इस खुलासे ने कांग्रेस की नोका डुबाने में अहम भूमिका निभायी थी। याद ही होगा कि 2014 में लोक सभा चुनावों का प्रचार करते हुए नरेंद्र मोदी ने रॉबर्ट वाड्रा का हवाला देते हुए कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा था। उस समय रोहिणी सिंह की स्टोरी भाजपा को बड़ी स्वादिष्ट लग रही थी और बीजेपी की तरह कांग्रेस भी रॉबर्ट वाड्रा के बचाव में उतरी थी। और भाजपा सरकार ने अपने रेल मंत्री पीयूष गोयल को जय शाह के बचाव में उतारकर कांग्रेस की बराबरी करने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी। इस मामले में हैरानीजनक बात तो यह है कि जय शाह मानहानि का केस अहमदाबाद में ठोकते हैं, और उस

गुजरात में भाजपा की स्थिति ख़राब, मीडिया को भी बदलने पड़ रहे हैं तेवर

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शुक्रवार को एनडीटीवी सोशल मीडिया नेटवर्क वेबसाइटों पर तैरने लगा। ख़बर आई कि एनडीटीवी की 40 फीसद हिस्सेदारी नरेंद्र मोदी के करीबी कारोबारी और स्पाइस जेट के संस्थापक अजय सिंह ने खरीद ली, जिनकी बदौलत भारत को अबकी बार मोदी सरकार जैसा नारा मिला था। हालांकि, शाम होते होते एनडीटीवी ने बीएसई को पत्र लिखकर मामले में अपना पक्ष रखते हुए सभी ख़बरों की हवा निकाल दी। मगर, अभी भी टेलीविजन से जुड़े कुछ सूत्रों का कहना है कि एनडीटीवी के कार्यालय में परिवर्तन होना शुरू हो चुका है। वैसे आग के बिना धुंआं होता नहीं, लेकिन, जब महिला ही गर्भवती न होने की पुष्टि कर दे, तो दूसरे लोगों के शोर मचाने से क्या होगा? ​अब तो बस इंतजार करना होगा, गर्भवती महिला की तरह एनडीटीवी के पेट बाहर आने का। शुक्रवार से ठीक एक दिन पहले सोशल मीडिया पर ऐसी भी चर्चा थी कि एनडीटीवी गुजरात में प्रतिबंधित कर दिया गया है। हालांकि, ऐसा भी कुछ देखने में नहीं मिला। दिलचस्प बात तो यह है कि इस पूरे घटनाक्रम में जी मीडिया के शेयरों को झटका लगा और एनडीटीवी के शेयर बाजार में खूब उछले। मीडिया जगत से एक और ख़बर सामने आ रही है, जो गुजरात से ज

महात्मा गांधी के एक श्लोक ''अहिंसा परमो धर्म'' ने देश नपुंसक बना दिया!

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जब खुद में लड़ने का दम नहीं था तो गीता के श्लोक को आधा करके लोगों को नपुंसक बना दिया। भारत में अहिंसा के पुजारी का ढोंग करने वाले महात्मा गाँधी ने हिन्दुओं की सभा में हमेशा यही श्लोक पढ़ते थे लेकिन हिन्दुओं को कायर रखने के लिए गांधी इस श्लोक को अधूरा ही पढ़ता था। ऐसी सैंकड़ों बातें आपको इंटरनेट पर तैरती हुई मिल जाएंगी, जब आप ''अहिंसा परमो धर्म:'' श्लोक को कॉपी पेस्ट करके गूगल सर्च में खोजने निकलेंगे। इस साहित्य को लिखने वाले आपको बताएंगे कि ''अहिंसा परमो धर्म'' अधूरा श्लोक है जबकि पूरा श्लोक तो 'अहिंसा परमो धर्मः धर्म हिंसा तथैव च:' है, जिसका अर्थ है कि अहिंसा परम् धर्म है, तो धर्म के लिए हिंसा भी परम् धर्म है। महात्मा गांधी का शरीर तो नत्थू राम गोडसे ने गोलियों से मार डाला। अब गोडसे के अनुयायी की ओर से महात्मा गांधी के विचारों को मारने की कोशिश पुरजोर चल रही है। इसमें कोई दो राय नहीं कि सोशल मीडिया पर कॉपी पेस्ट चलन के कारण उनके सफल होने की संभावनाएं ज्यादा हैं। दिलचस्प बात तो यह है कि नरफत की आबोहवा पैदा करने के लिए लिखने वाले बेहतर जा

शिव सेना की हालत ऐसी — न तलाक लेते बनता है, न साथ रहते बनता है

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वो समय कुछ और था। जब भाजपा के बड़े बड़े नेता बाला साहेब ठाकरे के सामने जाकर सजदे में खड़े होते थे। अब समय बदल चुका है। अब भारतीय जनता पार्टी खुद नरेंद्र मोदी के गगनचुंबी कद के सामने सिर झुकाए खड़ी हो चुकी है। अगर ऐसे में भी शिव सेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे स्वर्गीय बाला साहेब ठाकरे वाला अदब चाहते हैं, तो उनको बिस्तर पर आराम करना चाहिये, अच्छी नींद लेनी चाहिये और नींद में खूबसूरत ख्वाब देखना चाहिये, क्योंकि हकीकत में ऐसा होना संभव नहीं है। वैसे भी शिव सेना का शुरू से झुकाव नरेंद्र मोदी की ओर कम वरिष्ठ नेता एलके आडवाणी की ओर से अधिक रहा है। शिव सेना के शुरूआती तेवरों से नरेंद्र मोदी समझ गए थे कि उनको अगली पारी कैसे खेलनी है क्योंकि नरेंद्र मोदी और चीजों को भले ही याद न रखें, लेकिन, अपने विरोधियों के साथ निबटना अच्छे से जानते हैं। कभी कभी तो लगता है कि नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनते ही मन की दीवार पर वॉट पुट्टी लगा ली थी, ताकि शिव सेना जैसी विरोधी सहयोगी पार्टी की बारिश का उन पर कोई असर न हो। पिछले तीन साल से शिव सेना और नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाला सरकार के बीच पति पत्नी वाली कह

मृणाल पांडे : जुमला जयंती पर आनंदित, पुलकित, रोमांचित वैशाखनंदन

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लेखिका और पत्रकार मृणाल पांडे ने ऐसी कोई सी आतिशबाजी छोड़ दी कि मीडिया में कार्यरत लोग, जो कभी उनको पढ़ते रहे हैं या कभी उनके साथ काम करते रहे हैं, तिलमिला उठे हैं और लंबी लंबी पोस्टें लिखने लगे। मृणाल पांडे ने एक ट्विटर पोस्ट ही तो की है। और दिलचस्प बात तो यह है कि इस पोस्ट में किसी का नाम भी नहीं लिया। इस पोस्ट में मृणाल पांडे लिखती हैं, ''जुमला जयंती पर आनंदित, पुलकित, रोमांचित वैशाखनंदन'', और साथ ही एक गधे की फोटो लगाती हैं। #JumlaJayanti पर आनंदित, पुलकित, रोमांचित वैशाखनंदन । pic.twitter.com/eSpNI4dZbx — Mrinal Pande (@MrinalPande1) September 17, 2017 असल में गधे को वैशाखनंदन भी कहा जाता है और गदर्भ भी। जो अति गौर करने वाली बात है, वो यह है कि यह ट्वीट प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस पर किया गया है। सवाल है कि क्या उस दिन केवल प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिवस ही होता है? हां, कहना शायद मूर्खता होगी। लेकिन, कुछ पढ़े लिखे बुद्धिजीवी मृणाल पांडे के इस ट्वीट पर लंबे लंबे चिट्ठे लिख रहे हैं। उनके व्यक्तित्व और उनकी गरिमा पर उंगली उठा रहे हैं।