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चैनल को नहीं उड़ाने दिया मोदी का मजाक

काठमांडू । नेपाल ने व्यंग्य पर आधारित एक मशहूर टेलीविजन कार्यक्रम के एक हिस्से के प्रसारण पर रोक लगा दी है जिसमें भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी का कथित रूप से मजाक बनाया गया था। जानकारी के मुताबिक नेपाल टेलीविजन (एनटीवी) ने 'टिटो सत्य' नामक कार्यक्रम के एक भाग का प्रसारण करने पर रोक लगा दी है। अब इसे एडिट कर अगले हफ्ते दिखाया जाएगा। चैनल के कार्यक्रम निदेशक प्रकाश जंग कार्की ने बताया कि एनटीवी के संपादकीय बोर्ड ने कार्यक्रम के 576वें भाग का प्रसारण नहीं करने का फैसला किया है। उनका कहना है कि इसके कुछ हिस्सों को संपादित किया जाना बाकी है। उन्होंने कहा, 'यह कोई बड़ा मुद्दा नहीं है। बात यह है कि संपादकीय टीम एक छोटे हिस्से को संपादित करना चाहती थी और समय के अभाव के कारण गुरुवार को कार्यक्रम के इस भाग को प्रसारण से वापस ले लिया गया।' कार्की ने कहा कि कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर व्यंग्य है, लेकिन मुझे नहीं लगता कि ऐसा कुछ है जिससे भारतीय प्रधानमंत्री की छवि को धक्का लगे। उन्होंने बताया कि इस एपिसोड में को एडिट करने के बाद अगले गुरूवार को इसका प्रसारण होगा। उधर, इस

'6 महीने पार, यू टर्न सरकार' पुस्तक रिलीज

कांग्रेस ने मोदी सरकार के 6 महीने के कार्यकाल के दौरान विभिन्न मुद्दों पर यू-टर्न लेने का आरोप लगाते हुए एक बुकलेट जारी की है। इस बुकलेट में बताया गया है कि सत्ता में आने से पहले बीजेपी ने क्या-क्या वादे किए थे और सत्ता में आने के बाद कैसे वह उनसे पलट गई। '6 महीने पार, यू टर्न सरकार' टाइटल वाली इस बुकलेट में विभिन्न मुद्दों पर बीजेपी सरकार की 22 'पलटियों' का जिक्र किया गया है। इस बुक को जारी करने के बाद कांग्रेस नेता अजय माकन ने कहा कि पिछले 6 महीने में बीजेपी सरकार 25 यू-टर्न ले चुकी है। उन्होंने कहा कि किताब में सिर्फ 22 यू-टर्न का जिक्र है, किताब छपने के लिए भेजने के बाद सरकार ने 3 और मुद्दों पर यू-टर्न ले लिया। माकन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को बांग्लादेश के साथ जमीन की अदला-बदली करने की बात कही, जबकि पिछले साल अरुण जेटली ने हमें चिट्ठी लिखी थी और इस कदम को राष्ट्र विरोधी करार दिया था। उन्होंने पूछा कि सोच में इतना बदलाव कैसे आ गया। इस बुकलेट में सरकार की अहम नीतियों पर निशाना साधा गया है। रेल किराया, ब्लैक मनी, इंश्योंरेंस सेक्टर में एफडीआई 26 फ

Black Money - काला धन, मोदी सरकार और इंद्र की अप्सराएं

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Publish In Swarn AaBha भारत की जनता को लुभावना किसी बच्चे से अधिक मुश्किल नहीं और यह बात भारतीय नेताओं एवं विज्ञापन कंपनियों से बेहतर कौन जान सकता है। इस बात में संदेह नहीं होना चाहिए कि वर्ष २०१४ में हुए देश के सबसे चर्चित लोक सभा चुनाव लुभावने वायदों एवं मैगा बजट प्रचार के बल पर लड़े गए। इस प्रचार के दौरान खूबसूरत प्रलोभनों का जाल बुना गया, जो समय के साथ साथ खुलता नजर आ रहा है। देश में सत्ता विरोधी माहौल था। प्रचार के दम पर देश में सरकार विरोधी लहर को बल दिया गया। प्रचार का शोरगुल इतना ऊंचा था कि धीमे आवाज में बोला जाने वाला सत्य केवल खुसर फुसर बनकर रहने लगा। जनता मुंगेरी लाल की तरह सपने देखने लगी एवं विश्वास की नींद गहरी होती चली गई कि अब तर्क की कोई जगह न बची। जो ऊंचे स्वर बार बार दोहराया गया, वो ही सत्य मालूम आने लगा। इस देश की जनता को पैसे की भाषा समझ आती है और विपक्षी पार्टी ने इसी बात को बड़े ऊंचे सुर में दोहराया, जो जनता को पसंद भी आ गया। नौ जनवरी को यूट्यूब पर मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक भाषण को अपलोड किया गया था, जिसमें उन्होंने तत्कालीन सरकार पर धावा बोल

रॉबर्ट वाड्रा के लिए कांग्रेस मीडिया को नसीहत क्यों देती है ?

रॉबर्ट वाड्रा न कांग्रेसी है और न मनमोहन सरकार के दौरान किसी मंत्री पद पर रहा। हां , रॉबर्ट वाड्रा सोनिया गांधी का दामाद है , जो अब पूरा विश्व जानने लगा है , लेकिन जब भी रॉबर्ट वाड्रा पर उंगली उठती है तो कांग्रेसी क्यों सफाई देने लगते हैं। उसको इस तरह बचाने लगते हैं , जैसे रॉबर्ट वाड्रा सोनिया गांधी का नहीं , बल्कि कांग्रेस का दामाद है। जब मीडिया ने रॉबर्ट वाड्रा को घेरा तो रविवार को कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला और दिग्विजय सिंह ने वाड्रा का बचाव करते नजर आए। सुरजेवाला ने कहा कि रॉबर्ट वाड्रा न तो किसी सार्वजनिक पद पर हैं , न किसी राजनीतिक दल के पदाधिकारी हैं। ऐसे में उनकी निजता का सम्मान किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पत्रकारों को निजी समारोहों में अप्रिय सवालों को बार - बार पूछने से बचना चाहिए। कितनी अजीब बात है कि मीडिया को नसीहत देते हुए रणदीप सुरजेवाला स्वयं भूल गए कि रॉबर्ट वाड्रा सोनिया गांधी के दामाद है , न कि कांग्रेस के , यदि याद है तो ऐसा बयान देना बिल्कुल उचित नहीं है। मीडिया को नसीहत उस समय देनी चाहिए , जब आप स्वयं नियम का पालन करते हों। एक अन्य बात

अब ट्विटर पर सुनिए मनपसंद गाने

वॉशिंगटन । 140 कैरेक्टर्स में आपके विचारों को समेटनेवाली माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने अब मनपसंद गाना सुनाने का नया फीचर शुरू किया है। ट्विटर पर आप अपने पॉडकास्ट, ऑडिओ क्लिप्स और म्यूजिक को अपनी या किसी की भी टाइमलाइन पर जाकर प्ले कर सकते हैं। यह सुविधा ट्विटर स्ट्रीम या मोबाइल डिवाइसेज पर उपलब्ध होगी। ट्विटर ने ब्लॉग पोस्ट में जानकारी दी कि दुनिया के सर्वाधिक प्रभावशाली म्यूजिशियन और मीडिया प्रड्यूसर पहले से ही यूनीक ऑडिओ कंटेंट इस साइट के जरिए शेयर कर रहे हैं। ऐसे में नया फीचर आपको ट्विटर पर सीधे म्यूजिक सुनने का अनुभव कराएगा। ये फीचर ट्विटर ऑडिओ कार्ड पर काम करेगा और एंड्रॉयड और आईओएस, सभी डिवाइसेज पर उपलब्ध होगा। अब ट्विटर ब्राउज करना और गाना सुनना साथ-साथ हो सकेगा। फिलहाल ट्विटर ने पार्टनर के रूप में बर्लिन आधारित साउंडक्लाउड नाम की ऑडिओ स्ट्रीमिंग सर्विस से गठजोड़ किया है। साउंडक्लाउड से जुड़े संगठनों में नासा, बीबीसी वर्ल्ड सर्विस, वाइट हाउस, डेविड गट्टा और कोल्डप्ले शामिल हैं। ट्विटर ने कहा है कि ये एक तरह से ऑडिओ कार्ड फीचर का टेस्ट रन है, ताकि भविष्य में अरबों फॉलोअर्स को बे