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आईपीएल तो हैडर स्‍पेस खा गई

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आईपीएल कवरेज तो ज्‍यादातर अख़बारों के हैडर खा गया, लेकिन उस छात्र की ख़बर पहले पन्‍ने पर भी नहीं आई, जो उस शहर में पुलिस लाठीचार्ज के दौरान मारा गया, जहां आईपीएल का प्रोग्राम था। बड़ी अजीबोगरीब हो गई मीडियाई बंदों की सोच। टाइटल स्‍पेस भी बेच डाली लगता है मीडिया ने, वरना मुफ्त इतना प्रमोशन तो मीडिया खुद का नहीं करता। मगर दैनिक भास्‍कर ने पुराने तौर तरीके को बरकरार रखते हुए पहले दो पृष्‍ठ विज्ञापन के लिए छोड़े, मगर दूसरे मीडिया वाले तो खुद के हैडर को भी बेच गए। सभी हिन्‍दी न्‍यूजपेपरों ने हैडर के नीचे दिया है समारोह का पिक्‍चर यह तो संकेत करता है कि यह टोटल एक एड कंपनी द्वारा प्रायोजित किया गया पेज है, किसी संपादक द्वारा नहीं। जिस तरह अब प्रचार कंपनियों का हस्‍तक्षेप संपादक इलाके में प्रभाव छोड़ता हुआ नजर आ रहा है, आने वाले समय में लगता संपादक केवल कुछ दिनों के लिए समाचारों को कैसे और कहां प्रकाशित करने की सलाह देंगे, बाकी दिन विज्ञापन दाता कंपनियां फैसला करेंगी। हो सकता है कि किसी दिन आपके घर आने वाला अख़बार पूरी तरह विज्ञापन से भरा हो।

बेटर फोटोग्राफी के कवर पेज पर धनबाद के मुकेश

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वेद प्रकाश ओझा धनबाद पेशे से तो हैं वे इलेक्ट्रिकल इंजीनियर हैं, लेकिन कैमरे पर उनकी उंगलियां अजब कमाल दिखाती हैं. उनके घर के ड्राइंग रूम में प्रवेश करते ही ऐसा लगता है जैसे आप किसी प्रोफेशनल फोटोग्राफर के स्टूडियों में हैं. राजस्थान से लेकर आस्ट्रेलिया के नजारे वहां दिखते हैं. कैमरे व तसवीरें ही मुकेश श्रीवास्तव की पूरी दुनिया है. खान सुरक्षा महानिदेशालय के निदेशक के पद से रिटायर मुकेश श्रीवास्तव की उतारी गयी तसवीरें दुनिया में प्रोफेशनल फोटोग्राफी की सभी साइट्स पर हैं. फोटोग्राफी की नामचीन मैगजीन बेटर फोटोग्राफी के अप्रैल 2013 के कवर पेज उनकी चर्चित तस्वीर थ्रस्ट (प्यास) को जगह दी है. यह अंक अभी बाजार में नहीं आया है. एमआइटी से ही कैमरे से रिश्ता मूलत: सीवान के चकरी गांव के मुकेश ने एमआइटी मुजफ्फरपुर से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है. उन्हें प्रतिष्ठित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरू से पीजी डिग्री हासिल करने का भी गौरव हासिल है. हिन्‍दी दैनिक प्रभात ख़बर

तोगड़िया ने कुछ गलत तो नहीं कहा

विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के अंतर्राष्‍ट्रीय प्रमुख डॉक्टर प्रवीण तोगड़िया ने कहा, ''जो लोग नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का दावेदार बता रहे हैं, वे बुनियादी रूप से एनडीए और बीजेपी को तोड़ने की रणनीति पर काम कर रहे हैं''। अगर विहिप के नेता की बात मान भी ली जाए तो इसमें बुरा भी कुछ नहीं। अगर देश की जनता नरेंद्र मोदी के रूप में भाजपा को बहुमत दे देती है तो इसके देश के लिए बेहद अच्‍छी बात है, जब तक इसको बहुमत सरकार नहीं मिलेगी, तब तक इस देश का भला होना मुश्किल है, वो बहुमत चाहे कांग्रेस को मिले चाहे फिर बीजेपी को, बहुमत देश के हित में है। भाजपा अपनी तैयारी कर चुकी है नितिन गड़करी को महाराष्‍ट्र भेज राजनाथ सिंह को अध्‍यक्ष बनाकर। अपने पुराने साथी कल्‍याण सिंह को एक बार फिर अपने साथ खींच लाई। नरेंद्र मोदी अपने शपथ समारोह में जयललिता से लेकर प्रकाश सिंह बादल को बुलाकर अपनी आगे की योजना को सबके सामने रख चुके हैं। वाइब्रेंट गुजरात 2013 के जरिए अपना शक्‍ति प्रदर्शन ही नहीं, बल्‍कि उसमें छत्‍तीसगढ़ के मुख्‍यमंत्री रमन सिंह की उपलब्‍धियों भरी स्‍पेशल प्रदर्शनी कर अपने साथ ला ख

गोलियों की रासलीला 'रामलीला'

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फिल्‍म निर्देशक एवं निर्माता संजय लीला भंसाली  की अगली फिल्‍म गोलियों की रसलीला 'रामलीला' का पोस्‍टर रिलीज हो चुका है। शेक्‍सपियर की 'रोमियो जूलियट' प्रेम कहानी आधारित एवं दीपिका - रणबीर सिंह अभिनीत फिल्‍म रामलीला 29 नवम्‍बर 2013 को सिने पर्दे पर उतरेगी। इस फिल्‍म में पहले करीना को लेने की बात चल रही थी, लेकिन अंत दीपिका पादुकोण को फाइनल किया गया। इस फिल्‍म में दीपिका पादुकोण जिस लहंगे को पहनने वाली हैं, उसका वजन तीस किलोग्राम बताया जा रहा है जबकि डिजाइनर अंजू मोदी द्वारा तैयार किए गए इस लहंगे का घेरा करीबन 50 मीटर है।

सुभाष की खोज मिष्‍टी बनेगी कांची

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सपना रीना रॉय कालीचरण, टीना टीना मुनीम कर्ज, राधा मिनाक्षी हीरो, राधा माधुरी दीक्षित रामलखन, राधा मनीषा कोईराला सौदागर, गंगा माधुरी दीक्षित खलनायक, गंगा महिमा चौधरी परदेस, मानसी, एश्‍वर्या ताल, ईशा करीना कपूर यादें, लक्ष्‍मी ईशा कृष्‍णा, अनुशका कैटरीना कैफ युवराज के बाद अब सुभाष घई दर्शकों को अपनी नई खोज कांची से मिलाने जा रहे हैं। कांची के लिए उन्‍होंने काफी लड़कियों के ऑडिशन लिए और अंत अपनी खोज को संपूर्ण किया। मगर इत्‍तेफाक देखिए, सुभाष घई एक बार फिर से एम फेक्‍टर को अजमाने जा रहे हैं। जी हां, सुभाष घई की फिल्‍मों की ज्‍यादातर नायिकाओं के नाम एम से शुरू होते हैं, एम फेक्‍टर उनके लिए बेहद लक्‍की रहा है। कुछ फिल्‍मों में उन्‍होंने एम फेक्‍टर को भुला दिया था, मगर वो फिल्‍में बॉक्‍स ऑफिस पर पिट गई। यादें, कृष्‍णा एवं युवराज ऐसी फ्लॉप फिल्‍में हैं, जिनमें एम फेक्‍टर नहीं था, इसलिए शायद कांची के लिए उन्‍होंने मिष्‍टी को ढूंढ़कर एक बार फिर से एम फेक्‍टर को अजमाने की कोशिश की है। देखते हैं राधा गंगा से कितने कदम आगे निकल पाती है सुभाष की कांची। इस नयी लड़की नाम मिष्टी है। वह मूल रूप से क