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तोगड़िया ने कुछ गलत तो नहीं कहा

विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के अंतर्राष्‍ट्रीय प्रमुख डॉक्टर प्रवीण तोगड़िया ने कहा, ''जो लोग नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का दावेदार बता रहे हैं, वे बुनियादी रूप से एनडीए और बीजेपी को तोड़ने की रणनीति पर काम कर रहे हैं''। अगर विहिप के नेता की बात मान भी ली जाए तो इसमें बुरा भी कुछ नहीं। अगर देश की जनता नरेंद्र मोदी के रूप में भाजपा को बहुमत दे देती है तो इसके देश के लिए बेहद अच्‍छी बात है, जब तक इसको बहुमत सरकार नहीं मिलेगी, तब तक इस देश का भला होना मुश्किल है, वो बहुमत चाहे कांग्रेस को मिले चाहे फिर बीजेपी को, बहुमत देश के हित में है। भाजपा अपनी तैयारी कर चुकी है नितिन गड़करी को महाराष्‍ट्र भेज राजनाथ सिंह को अध्‍यक्ष बनाकर। अपने पुराने साथी कल्‍याण सिंह को एक बार फिर अपने साथ खींच लाई। नरेंद्र मोदी अपने शपथ समारोह में जयललिता से लेकर प्रकाश सिंह बादल को बुलाकर अपनी आगे की योजना को सबके सामने रख चुके हैं। वाइब्रेंट गुजरात 2013 के जरिए अपना शक्‍ति प्रदर्शन ही नहीं, बल्‍कि उसमें छत्‍तीसगढ़ के मुख्‍यमंत्री रमन सिंह की उपलब्‍धियों भरी स्‍पेशल प्रदर्शनी कर अपने साथ ला ख

गोलियों की रासलीला 'रामलीला'

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फिल्‍म निर्देशक एवं निर्माता संजय लीला भंसाली  की अगली फिल्‍म गोलियों की रसलीला 'रामलीला' का पोस्‍टर रिलीज हो चुका है। शेक्‍सपियर की 'रोमियो जूलियट' प्रेम कहानी आधारित एवं दीपिका - रणबीर सिंह अभिनीत फिल्‍म रामलीला 29 नवम्‍बर 2013 को सिने पर्दे पर उतरेगी। इस फिल्‍म में पहले करीना को लेने की बात चल रही थी, लेकिन अंत दीपिका पादुकोण को फाइनल किया गया। इस फिल्‍म में दीपिका पादुकोण जिस लहंगे को पहनने वाली हैं, उसका वजन तीस किलोग्राम बताया जा रहा है जबकि डिजाइनर अंजू मोदी द्वारा तैयार किए गए इस लहंगे का घेरा करीबन 50 मीटर है।

सुभाष की खोज मिष्‍टी बनेगी कांची

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सपना रीना रॉय कालीचरण, टीना टीना मुनीम कर्ज, राधा मिनाक्षी हीरो, राधा माधुरी दीक्षित रामलखन, राधा मनीषा कोईराला सौदागर, गंगा माधुरी दीक्षित खलनायक, गंगा महिमा चौधरी परदेस, मानसी, एश्‍वर्या ताल, ईशा करीना कपूर यादें, लक्ष्‍मी ईशा कृष्‍णा, अनुशका कैटरीना कैफ युवराज के बाद अब सुभाष घई दर्शकों को अपनी नई खोज कांची से मिलाने जा रहे हैं। कांची के लिए उन्‍होंने काफी लड़कियों के ऑडिशन लिए और अंत अपनी खोज को संपूर्ण किया। मगर इत्‍तेफाक देखिए, सुभाष घई एक बार फिर से एम फेक्‍टर को अजमाने जा रहे हैं। जी हां, सुभाष घई की फिल्‍मों की ज्‍यादातर नायिकाओं के नाम एम से शुरू होते हैं, एम फेक्‍टर उनके लिए बेहद लक्‍की रहा है। कुछ फिल्‍मों में उन्‍होंने एम फेक्‍टर को भुला दिया था, मगर वो फिल्‍में बॉक्‍स ऑफिस पर पिट गई। यादें, कृष्‍णा एवं युवराज ऐसी फ्लॉप फिल्‍में हैं, जिनमें एम फेक्‍टर नहीं था, इसलिए शायद कांची के लिए उन्‍होंने मिष्‍टी को ढूंढ़कर एक बार फिर से एम फेक्‍टर को अजमाने की कोशिश की है। देखते हैं राधा गंगा से कितने कदम आगे निकल पाती है सुभाष की कांची। इस नयी लड़की नाम मिष्टी है। वह मूल रूप से क

पुरुषों की टीम में खेलेंगी सारा टेलर

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इंग्लैंड की राष्ट्रीय महिला क्रिकेट टीम की विकेटकीपर बल्लेबाज सारा टेलर को घरेलू क्रिकेट टीम ससेक्स के अगले सत्र के लिए पुरूषों की टीम में शामिल किया जा सकता है। क्रिकेट जगत पर पैनी निगाह रखने वाली बेवसाइट ने ब्रिटेन के द गार्जियन अख़बार के हवाले से बताया कि टेलर की ससेक्स के अगले सत्र के लिए पुरूषों की टीम में शामिल होने को लेकर लगातार बातचीत जारी है। टेलर ने इस बाबत जानकारी देते हुए बताया कि ससेक्स ने महिला टीम के कोच मार्क लेन से इस बाबत बातचीत की है। जानकार कहते हैं कि एकदिवसीय महिला क्रिकेट विश्वकप के लिए टेलर अगले सप्ताह भारत दौरे पर आएंगी। टेलर ने स्कूल स्तर पर ससेक्स के लिए क्रिकेट खेला है। अब सारा पुरूषों की काउंटी टीम का हिस्सा बनेंगी, जो कि प्रथम श्रेणी क्रिकेट से केवल एक स्तर ही पीछे है। 23 वर्षीय टेलर अगर पुरुषों की टीम में खेलती हैं तो इसको एक अच्‍छी पहल भी माना जा सकता है। हो सकता है कि इस पहल के कई सकारात्‍मक नतीजे सामने आएं। 2006 में भारत के खिलाफ खेलते हुए एक दिवसीय क्रिकेट में कदम रखने वाली टेलर ने 60 एकदिवसीय मैचों में करीबन 1821 स्‍कोर बनाए हैं, जिसमें तीन शतक ए

कहीं विलेन न बन जाएं

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बरिया की नई नई नौकरी लगी थी। बरिया बेहद मेहनती युवा था। काम के प्रति इतना ईमानदार कि पूछो मत, लेकिन बरिया जहां नौकरी करता था, वहां कुछ कम चोर भी थे। बरिया साधारण युवा नहीं जानता था कि जमाना बदल चुका है। मक्‍खनबाजों का जमाना है। काम वालों की भी जरूरत है, क्‍यूंकि घोड़ों की भीड़ में गधे भी चलते हैं। बरिया सबसे अधिक काम करता। वो हर रोज अपने हमरुतबाओं से अधिक वर्क काम करता, जैसे गधा कुम्‍हार के लिए। मगर कुछ दिनों बाद बरिया निराश रहने लगा। उसको लगा, उसके साथी सारा दिन गपशप मारते हैं, वो कार्य करता है, लेकिन उसका बॉस उसको उतना ही मानता है, जितना के उसके हमरुतबाओं को। बरिया उदास परेशान कई दिनों तक तो रहा, लेकिन अब उसके भीतर बैठा इंसान सब्र खोने लगा। वो कुछ भी बर्दाशत करने को तैयार नहीं था। वो अगले दिन बॉस के टेबल पर पहुंचा। उसने अपने हमरुतबाओं के कार्यशैली की भरपूर निंदा की, जो उसका बॉस अच्‍छी तरह पहले से जानता था। बॉस भी मन ही मन में सोच रहा था, अगर वो काम करने लायक होते तो तेरी जरूरत किसे थी। बॉस ने ध्‍यान से शिकायत को सुना। इस दिन के बाद बरिया को शिकायतों की लत लग गई। छोटी छोटी बातों पर