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अर्ज है, नए साल की मुबारकवाद

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गैरों को, अपनों को हकीकत व सपनों को, किसानों को, जवानों को गजलों और तरानों को, ग्रंथों को, किताबों को काँटों और गुलाबों को ब्लॉगरों को, पत्रकारों को ब्लॉगों और अख़बारों को जमीं को, आसमान को किश्ती और विमान को परिंदों को, जानवरों को बसते हुए एवं बेघरों को तुझको मुझको सब को आज, कल व अब को दीवाने को, दीवानी को दुनिया के किसी भी कोने में बसते हर हिन्दुस्तानी को मेरी ओर से नया साल मुबारक हो

"हैप्पी अभिनंदन" में मिथिलेष दुबे

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आज आप जिस ब्लॉगर हस्ती को मिलने जा रहे हैं, वो पेशे तो इंजीनियर हैं, लेकिन शौक शायराना रखते हैं। इस बात का पता तो उनकी ब्लॉगर प्रोफाइल देखने से ही लगाया जा सकता है, इस हस्ती ने अपना परिचय कुछ इस तरह दिया है "कभी यूं गुमसुम रहना अच्छा लगता है, कभी कोरे पन्नों को सजाना अच्छा लगता है, कभी जब दर्द से दहकता है ये दिल तो, शब्दों में तुझको उकेरना अच्छा लगता है" । इससे आप कई दफा मिले होंगे, पर ब्लॉग की जरिए, कविताएं लिखते हैं, लेकिन उससे ज्यादा वस्तुओं, शब्दों एवं अन्य चीजों के उत्थान पर कलम घसीटते हुए ही मिलते हैं, जो उनके गंभीर व्यक्तित्व एवं एक स्पष्ट व्यक्ति होने की पुष्टि करता है। निजी जीवन में क्रिकेट देखने व खेलने, लोगों से मिलने, घूमने एवं साहित्यिक पुस्तकों को पढ़ने में विशेष रुचि लेने वाले गायत्री एवं रामायण जैसी पवित्र किताबों से बेहद प्रभावित हिन्दी पुराने एवं दर्द भरे गीत सुनने के शौकीन मिथिलेश दुबे जी आज हमारे बीच हैं। कुलवंत हैप्पी : आप पेशे से क्या हैं बताने का कष्ट करेंगे? मिथिलेश दुबे : मैं पेशे से सर्वर इंजीनियर हूं, एचपी में। कुलवंत हैप्पी : एचपी मतलब? मिथ

आओ बनाएं "ऑल इंडिया एंटी-रेप फ्रंट"

टेनिस खिलाडी रुचिका गिरहोत्रा हत्या प्रकरण पर एक लेख पढ़ने के बाद मन में खयाल आया कि रुचिका जैसी हजारों बच्चियों को इंसाफ दिलाने के लिए क्यों न एक "ऑल इंडिया एंटी-रेप फ्रंट" बनाया जाए। इस कार्य को शिखर तक केवल ब्लॉगर जगत ही लेकर जा सकता है, क्योंकि आज भारत में से ही नहीं विदेशों में बैठे हुए भारतीय भी ब्लॉगिंग के कारण एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। ब्लॉगर एकता ही बलात्कार पीड़ित महिलाओं को इंसाफ दिला सकती है और उनको जिन्दगी जीने का फिर से एक मौका दे सकती हैं, ताकि रुचिका जैसे लड़कियां अपनी जिन्दगी से हाथ न धोएं। इनके हक में कलम घसीटने के अलावा इनके के लिए जमीनी स्तर पर भी काम किया जाना चाहिए। दिल्ली, मुम्बई, छतीसगढ़, गुजरात, मध्यप्रदेश, पंजाब, हरियाणा, असम, पश्चिमी बंगाल भारत के हर कोने में ब्लॉगर बैठे हुए हैं, जो ऐसी घटनाओं को देखते हुए ही कलम उठा लेते हैं। इतना ही नहीं, इन ब्लॉगरों में बहुत सारे डॉक्टर, बिजनसमैन, वकील, पत्रकार आदि पेशों से जुड़े हुए हैं, जो बलात्कार पीड़ित महिलाओं को इंसाफ दिला सकते हैं, मेरी आप सब से गुजारिश है कि कहीं से भी चुनो बस एक समाज सेवक चुनो, नेता नहीं और चल

शौचालय से सोचालय तक

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कल शाम श्रीमती वर्मा जी का अचानक फोन आया "आप जल्दी से हमारे घर आओ"। मैं उसकी वक्त सोचते हुए दौड़ा कि आखिर ऐसी कौन सी आफत आन खड़ी हुई कि उनको मुझे फोन लगाकर बुलाना पड़ा। मेरे घर से पाँच मिनट की दूरी पर श्रीमान वर्मा जी का घर है, मैंने अपने पैरों की चाल बढ़ाते हुए शीघ्रता के साथ उनके घर की तरफ बढ़ने की कोशिश की। दरवाजा खटखटाने की जरूरत न पड़ी, क्योंकि श्रीमती वर्मा ने दरवाजा खोलकर ही रखा था। मैंने देखा उनका रंग उड़ा हुआ था, जैसे कोई बड़ी वारदात हो गई हो। घर में फैले सन्नाटे को तोड़ते हुए मेरे स्वर श्रीमती वर्मा के कानों तक गए आखिर बात क्या हुई"। मेरी तरफ देखते हुए काँपते होठों से श्रीमति वर्मा बोली "मुझे बोले चाय बनाओ, मैं अभी आया"। "आखिर गए कहां, और कुछ बताकर गए कि नहीं" मैंने बात काटते हुए झट से कहा। श्रीमति वर्मा तुरंत बोली "कहीं नहीं गए"। "अगर कहीं गए ही नहीं तो टेंशन कैसी" मैंने कहा। "टेंशन इस बात की है कि वो पिछले दो घंटों से शौचालय में घुसे हुए हैं, मैंने कई दफा दरवाजा खटखटाया, लेकिन अंदर से कोई जवाब नहीं आ रहा" अपनी आवाज क

एनडी तिवारी के नाम खुला पत्र

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भारत का मीडिया रूसी मीडिया से बहुत अलग है। अब तक इस बात का अहसास तो श्रीमान नारायण दत्त तिवारी जी आपको हो ही गया होगा। भारतीय मीडिया ऐसी खबरों के लिए तो उतावला रहता है, वैसे तो आप भी कम नहीं हैं, सुर्खियां बटोरने के लिए क्या क्या हथकंडे नहीं अपनाते। आपका किस्सा आज पहली बार थोड़ी सार्वजनिक हुआ है, इससे पहले तो सुनना है कि मशहूर गायक नरेंद्र सिंह नेगी ने भी आप पर गीत फिल्माया था, जिसके कारण उसको गाने बजाने के लिए सरकारी प्रोग्राम मिलने बंद हो गए थे। भले ही आपकी वजह से राजनेताओं की छवि धूमिल हो रही हो, लेकिन गर्भनिरोधक गोलियां बनाने वाली और कंडोम बनाने वाली कंपनियों को अच्छी कमाई हो रही है, क्या इन कंपनियों से आपको पैसा बगैरह आता है या फिर इस तरह की घटनाओं से चर्चा में आकर किसी सेक्स शक्ति बढ़ाने वाले तेल की कंपनी एवं दवाई की कंपनी के लिए ब्रांड दूत बनाने का इरादा है। अगर उक्त दोनों बातें नहीं तो यकीनन आपकी शर्त रूसी प्रधानमंत्री ब्लादिमीर पुतिन से लगी होगी, सबसे ज्यादा अपने देश में कौन बदनाम होता है। मुझे जहां तक मालूम पड़ता है उसकी राजनीतिक पहुंच आप से कुछ ज्यादा है, क्योंकि उन्होंने