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fact 'n' fiction : दिग्‍गी सुर्खियों से गैरहाजिर, तो जनपथ होना पड़ा लाइन-हाजिर

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बुधवार की सुबह। सोनिया अपने आवास पर गॉर्डन में टेंशन भरी मुद्रा में घूम रही थी, मानो कोई बड़ा विज्ञापन छूटने के बाद संपादक। बस इंतजार था, बयानवीर दिग्‍विजय सिंह का। कब आयें, कब लेफ्ट राइट सेंटर किया जाये। दरवाजे खुले एक गाड़ी आई। गाड़ी में वो सवार थे, जिनका इंतजार था। पास आये, मैडम का चेहरा और आंखें लाल। साथ आये सलाहकार ने पूछा, मैडम क्‍या गुस्‍ताखी हुई ? जो इतना गुस्‍से में हैं। तुम को शर्म आनी चाहिए, अब गुस्‍ताखी पूछते हो ? अख़बार और टेलीविजन चैनलों से समझ नहीं पड़ता, आख़िर चूक कहां हो रही है ? गुस्‍से में लाल पीली मैडम ने साजो सामान समेत की चढ़ाई। मैडम आप साफ साफ बतायें बात क्‍या हुई, दिग्‍विजय सिंह का सलाहकार बोला। नरेंद्र मोदी ने रेवाड़ी पहुंचकर हम पर हल्‍ला बोला। कोई प्रतिक्रिया नहीं, हमारी ओर से। मोदी का जन्‍मदिवस ऐसे मनाया गया, जैसे देश का कोई उत्‍सव, कोई प्रतिक्रिया नहीं हमारी ओर से। वहां नरेंद्र मोदी बयान के ड्रोन दागे जा रहा है, ताकि हमारा जनपथ ध्‍वस्‍त किया जाये, और आप गुस्‍ताखी पूछते हो ? मुझे बिल्‍कुल पसंद नहीं, पाकिस्‍तान निरंतर सीमा पर हमले करे, और

एक है गुज्‍जु नरेंद्र मोदी

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आंख देश के सिंहासन पर, मगर निगाह जनता की ओर, पूरे हिन्‍दुस्‍तान में ऐसा एक ही व्‍यक्‍ितत्‍व है नरेंद्र मोदी। भले ही भाजपा का अस्‍ितत्‍व खतरे में हो, भले ही भाजपा का कद्दवार नेता लालकृष्‍ण आडवानी किसी गैर सियासती को प्रधानमंत्री पद का दावेदार बोल रहे हों, मगर जनता केवल एक ही नाम बोल रही है वो नरेंद्र मोदी, जबकि देश के संविधान अनुसार बहुमत हासिल करने वाली पार्टी अपना नेता चुनती है प्रधानमंत्री पद के लिए। मगर फिर भी देश में आज एक ही नाम गूंज रहा है, वो है नरेंद्र मोदी, जो गुजरात का मुख्‍यमंत्री है, जिसके दामन पर गोधरा दंगों के कथित धब्‍बे भी हैं, मगर वो आलोचनाओं की फिक्र नहीं करता, वो कहता है अगर दोषी हूं तो लटका दो फांसी पर, अगर दोषी नहीं तो जीने दो। आज मोदी को लेकर फेसबुक पर तरह तरह की प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं, जिनमें एक है, अगर देश का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी होता तो विदेशी संबंधों पर क्‍या असर पड़ता, तो आगे से उत्तर आता है, अगर देश का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी होता तो पाकिस्‍तान कश्‍मीर के लिए नहीं हम से लाहौर के लिए लड़ रहा होता। कोई उसको एक है गुज्‍जु लिख रहा है। ताज