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राजनाथ सिंह, नरेंद्र मोदी और भाजपा की स्‍थिति

''राह में उनसे मुलाकात हो गई, जिससे डरते थे वो ही बात हो गई''  विजय पथ फिल्‍म का यह गीत आज भाजपा नेताओं को रहकर का याद आ रहा होगा, खासकर उनको जो नरेंद्र मोदी का नाम सुनते ही मत्‍थे पर शिकन ले आते हैं। देश से कोसों दूर जब न्‍यूयॉर्क में राजनाथ सिंह ने अपना मुंह खोला, तो उसकी आवाज भारतीय राजनीति के गलियारों तक अपनी गूंज का असर छोड़ गई। राजनाथ सिंह, भले ही देश से दूर बैठे हैं, लेकिन भारतीय मीडिया की निगाह उन पर बाज की तरह थी। बस इंतजार था, राजनाथ सिंह के कुछ कहने का, और जो राजनाथ सिंह ने कहा, वे यकीनन विजय पथ के गीत की लाइनों को पुन:जीवित कर देने वाला था। दरअसल, जब राजनाथ सिंह से पीएम पद की उम्‍मीदवारी के संबंधी सवाल पूछा गया तो उनका उत्तर था, मैं पीएम पद की उम्‍मीदवारी वाली रेस से बाहर हूं। मैं पार्टी अध्‍यक्ष हूं, मेरी जिम्‍मेदारी केवल भाजपा को सत्ता में बिठाने की है, जो मैं पूरी निष्‍ठा के साथ निभाउंगा। यकीनन, नरेंद्र मोदी आज सर्वाधिक लोकप्रिय नेता हैं, अगर भाजपा सत्ता हासिल करती है तो वे पीएम पद के उम्‍मीदवार होंगे। दूर देश में बैठे राजनाथ

भाजपा का खेल, टेस्‍ट मैच के अंतिम दिन सा

क्रिकेट के मैदान पर अक्‍सर जब दो टीमें होती हैं, खेलती हैं तो यकीनन दोनों टीमें अपना बेहतर प्रदर्शन देने के लिए अपने स्‍तर पर हरसंभव कोशिश करती हैं, ताकि नतीजे उनकी तरफ पलट जाएं, लेकिन भारतीय राजनीति की पिच पर वैसा नजारा नहीं है। यहां तो केवल भारतीय जनता पार्टी, जो एनडीए की सबसे बड़ी और अगुवाईकर्ता पार्टी है, खेल रही है, पूरा ड्रामा रच रही है। अहम मुद्दों पर चर्चा कर पक्ष को हराने की बजाय उसका पूरा ध्‍यान मैच के अंदर खलन पैदा कर सुर्खियां बटोरना है, वे एक मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाते हुए नजर नहीं आ रही, वे केवल एक राज्‍य के विकास के दम पर राजनीति ब्रांड बना चुके चेहरे के इस्‍तेमाल पर सत्ता हथियाना चाहती है। भाजपा का रवैया केवल उस टेस्‍ट टीम सा है, जो टेस्‍ट मैच के अंतिम दिन समय बर्बाद करने के लिए हर प्रकार का हथकंड़ा अपनाती है। भाजपा ने पहला ड्रामा रचा। जब राष्‍ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक गोवा में होनी थी। कुछ नेताओं ने वहां जाने से इंकार कर दिया, तो कुछ ने अनचाहे मन से वहां जाना बेहतर समझा। ख़बरों में थी भाजपा, और विरोधी टीम के इक्‍का दुक्‍का बयानबाज नेता। इस बैठक के

'कल के नेता' आज के नेताओं के कारण मुश्‍िकल में

नीतीश कुमार बाबू के राज्‍य में बसते छपरा के एक सरकारी स्कूल में विषाक्त दोपहर के भोजन से हुई 22 बच्चों की मौत अत्यंत पीड़ादायक है, इसने इस महत्वपूर्ण योजना के प्रति बरती जा रही आपराधिक लापरवाही को ही जगजाहिर किया है। कल के नेता कहे जाने वाले बच्‍चे स्कूल में पढ़ने गए थे, लेकिन हमारे सड़ी-गली व्यवस्था वाले सिस्‍टम मासूम बच्‍चों के सपनों को साकार होने से पहले ही ताश के पत्तों की तरह बिखेर दिया। बेहद बुरा लगता है जब, भोजन में मरी छिपकली होने या उसके किसी और तरह से विषाक्त होने की शिकायतें मिलती हैं और पहले भी कुछ जगहों पर कुछ बच्चों की विषाक्त भोजन से मौत तक हुई है, इसके बावजूद शिक्षा के बुनियादी अधिकार को आधार देने वाली इस योजना को लेकर चौतरफा कोताही बरती जा रही है।  यह तो जांच से पता चलेगा कि उन बच्चों को दिए गए भोजन में कीटनाशक मिला हुआ था या कोई और जहरीला पदार्थ, मगर जिस तरह से स्कूलों में दोपहर का  भोजन, ''जिसको हम मिड डे मील कहते हैं'' तैयार किया जाता है और बच्चों को परोसा जाता है, उस पूरी व्यवस्था में ही बहुत सारी खामियां हैं। इसमें सबसे बड़ी गड़

मैन ऑफ द वीक नरेंद्र मोदी

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खुदी को कर बुलंद इतना की खुदा बन्दे से ये पूछे की बता तेरी रजा क्या है, शायद कुछ इसी राह पर चल रहे हैं गुजरात के मुख्‍यमंत्री नरेंद्र मोदी। वक्‍त भी कदम दर कदम उनका साथ दे रहा है, उनकी तरफ विरोधियों द्वारा फेंका गया पासा भी उनके लिए वरदान साबित होता है। इस महीने की शुरूआत से नमो या कहूं नरेंद्र मोदी सुर्खियों में हैं, क्‍यूंकि कर्नाटका में भाजपा की हार के बाद लोगों की निगाह टिकी थी कि गुजरात में नमो मंत्र का क्‍या हश्र होगा, 2 तारीख को चुनाव हुए, नमो बेफिक्र थे, मानो उनको पता हो कि नतीजे मेरे पक्ष में हैं। नमो पर वक्‍त मेहरबान तो उस समय हुआ, जब भाजपा के सीनियर नेता व वेटिंग इन पीएम लालकृष्‍ण आडवानी मध्‍यप्रदेश के ग्‍वालियर पहुंचे, और उन्‍होंने गंगा गए गंगाराम, जमुना गए जमुना राम, की कहावत को चरितार्थ करते हुए कह दिया, गुजरात से अच्‍छे तो मध्‍यप्रदेश और छतीसगढ़ हैं, क्‍यूंकि इनकी हालत बेहद खराब थी, जब भाजपा सत्‍ता में आई, हैरानी की बात तो यह है कि सीनियर नेता अपना लोक सभा का चुनाव निरंतर डेढ़ दशक से गुजरात की राजधानी गांधीनगर से लड़ते आ रहे हैं। वेटिंग इन पीएम की वाणी ने राजनीति

तोगड़िया ने कुछ गलत तो नहीं कहा

विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के अंतर्राष्‍ट्रीय प्रमुख डॉक्टर प्रवीण तोगड़िया ने कहा, ''जो लोग नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का दावेदार बता रहे हैं, वे बुनियादी रूप से एनडीए और बीजेपी को तोड़ने की रणनीति पर काम कर रहे हैं''। अगर विहिप के नेता की बात मान भी ली जाए तो इसमें बुरा भी कुछ नहीं। अगर देश की जनता नरेंद्र मोदी के रूप में भाजपा को बहुमत दे देती है तो इसके देश के लिए बेहद अच्‍छी बात है, जब तक इसको बहुमत सरकार नहीं मिलेगी, तब तक इस देश का भला होना मुश्किल है, वो बहुमत चाहे कांग्रेस को मिले चाहे फिर बीजेपी को, बहुमत देश के हित में है। भाजपा अपनी तैयारी कर चुकी है नितिन गड़करी को महाराष्‍ट्र भेज राजनाथ सिंह को अध्‍यक्ष बनाकर। अपने पुराने साथी कल्‍याण सिंह को एक बार फिर अपने साथ खींच लाई। नरेंद्र मोदी अपने शपथ समारोह में जयललिता से लेकर प्रकाश सिंह बादल को बुलाकर अपनी आगे की योजना को सबके सामने रख चुके हैं। वाइब्रेंट गुजरात 2013 के जरिए अपना शक्‍ति प्रदर्शन ही नहीं, बल्‍कि उसमें छत्‍तीसगढ़ के मुख्‍यमंत्री रमन सिंह की उपलब्‍धियों भरी स्‍पेशल प्रदर्शनी कर अपने साथ ला ख

मोदी के ड्रीम प्रोजेक्‍ट गिफ्ट सिटी का हुआ लोकार्पण

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-: वाईआरएन सर्विस :- गांधीनगर। मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरूवार को राज्‍य के सबसे ऊंचे इमारती प्रोजेक्‍ट गिफ्ट सिटी के अंदर बनकर तैयार हो चुके पहले 28 मंजिला टॉवर का लोकार्पण किया। हालांकि इस मौके पर मुख्‍यमंत्री ने वादा किया कि बहुत जल्‍द दूसरे टॉवर का निर्माण कार्य भी मुकम्‍मल कर दिया जाएगा। उन्‍होंने कहा, इस इमारत के प्रवेश द्वारा पर सरस्‍वती के साथ साथ लक्ष्‍मी जी भी विराजमान रहेंगी। मोदी ने टॉवरों का लोकार्पण करने के बाद कहा कि उनका पहला सपना साकार हुआ, आधुनिक शहरों के लिए गिफ्ट सिटी एक मॉडल बनेगी। गिफ्ट सिटी को बेहतर वित्तीय सेवाओं का केंद्र बनाने के भरोसे के साथ कहा कि युवाओं के लिए हाईटेक वित्तीय सेवाओं का मार्ग प्रशस्त हुआ है। गिफ्ट सिटी के अध्यक्ष व पूर्व सचिव सुधीर मांकड ने बताया गिफ्ट का पहला टॉवर रिकार्ड 14 माह में बनकर तैयार हो गया जबकि दूसरा टॉवर अगले दो माह में तैयार हो जाएगा। दोनों टावर पर अनुमानित एक हजार करोड़ रु की लागत आएगी। गिफ्ट वन 29 मंजिला है तथा इसमें करीब 8 लाख वर्गफीट का स्पेस है। इसका 60 फीसद व्यापारिक सेवाओं के लिए जबकि शेष आवासीय, होटल, हॉस्पीट

तो मोदी का सिर मांग लेता मीडिया

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सुषमा स्‍वराज  टि्वट के जरिए लोगों को संबोधित करते हुए कहती हैं, 'मैं आपकी भावनाओं को समझती हूं, आपके गुस्‍से का सत्‍कार करती हूं, हमें कुछ वक्‍त दें, हम बातचीत कर रहे हैं, जल्‍द ही किसी नतीजे पर पहुंचेंगे'। उधर, तस्‍लीमा नस्‍रीन  लिखती हैं, 'यह औरतों की सुरक्षा का सवाल नहीं, केवल औरतों के लिए नहीं, बल्‍कि मानव अधिकारों का सवाल है, हर किसी को इस मार्च में शामिल होना चाहिए'। वहीं आजसमाज  ने टि्वट पर लिखा है कि अगर यह मसला गुजरात के अंदर बना होता तो मीडिया अब तक नरेंद्र मोदी का सिर मांग चुका होता, लेकिन अभी तक मीडिया एवं अन्‍य पार्टियों ने शीला दीक्षित से नैतिकता के तौर पर अस्‍तीफा देने जैसे सवाल नहीं उठाए। वहीं कुछ मित्रों ने फेसबुक पर लिखा है कि लोगों का जनाक्रोश अब किसी दूसरी तरफ मोड़ खाता नजर आ रहा है, ऐसे में किसी अनहोनी के होने से पहले लोगों को सतर्क होते हुए वापिस जाना चाहिए। वहीं, मीडिया के रुख पर गुस्‍साए अभिनेता परेश रावल अपने टि्वट पर लिखते हैं, ''ख़बर कमरे में बैठकर लोगों के गुस्‍से को गलत बताने वाले पत्रकारों को घटनास्‍थल पर जाकर आंसू गोलो

नरेंद्र मोदी को मिला 'जन समर्थन'

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-: वाईआरएन सर्विस :- तीन बार बतौर मुख्‍यमंत्री अपनी जिम्‍मेदारी निभा चुके नरेंद्र मोदी पर गुजरात की जनता ने एक बार फिर विश्‍वास जताते हुए अपना फैसला सुना दिया। भले चुनाव नतीजों में पूरा गुजरात भाजपा के नारे की तरह एकमत गुजरात नजर न आया हो, लेकिन नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली भाजपा 115 सीटों पर जीतकर सत्‍ता में लौट रही है। भाजपा से अलग हुए केशुभाई पटेल की अगुवाई वाली गुजरात परिवर्तन पार्टी चुनावों में दो सीटें जीतकर अपना खाता खोलने में सफल रही। केशुभाई की अगुवाई में भाजपा दो बार सत्‍ता में आई थी, लेकिन चली नहीं, उसके बाद ही नरेंद्र मोदी को भाजपा ने कामन सौंपी थी। उधर, सत्‍ता की राह देख रही कांग्रेस पार्टी को 61 सीटों पर विजय मिली, जो कांग्रेसी नेताओं के अनुमान के हिसाब से बिल्‍कुल ठीक है, मगर इन चुनावों में कांग्रेस के लिए बेहद बुरी बात यह है कि जिन कंधों पर वो चुनाव लड़ रही थी, वो कंधे कमजोर निकले, विपक्ष नेता अर्जुन मोढ़वाडिया एवं कांग्रेस प्रमुख शक्‍ति सिंह गोहिल। भाजपा को सौराष्‍ट्र कच्‍छ, दक्षिण गुजरात एवं मध्‍य गुजरात से बेहद सफलता मिली, लेकिन नरेंद्र मोदी के गृह क्षेत्र उत्‍तर ग

असली 'द व्‍हाइट टाइगर' नरेंद्र मोदी

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अपनी पहली बुक 'द व्‍हाइट टाइगर' से धूम मचाने देने वाले अरविंद अडिगा को अगर अपनी दूसरी बुक लिखने का मन करे तो वो नरेंद्र मोदी पर लिख सकते हैं, क्‍यूंकि नरेंद्र मोदी भी 'अरविंद अडिगा' की किताब 'द व्‍हाइट टाइगर' के किरदार की तरह काफी उतार चढ़ावों से गुजरते हुए गुजरात की सत्‍ता पर विराजमान हुए हैं। नरेंद्र मोदी का जन्‍म उत्‍तर गुजरात में पड़तते वडनगर कस्‍बे के एक मध्‍य वर्गीय परिवार में हुआ। उनके पिता चाय बेचने का कार्य करते थे, उनकी मां हीरा बा को आज भी विश्‍वास नहीं होता कि उनका पुत्र नरेंद्र आज देश की राजनीति में सबसे बड़े कद के नेताओं को मात दे रहा है। नरेंद्र मोदी, चौथी बार गुजरात के मुख्‍यमंत्री बनने जा रहे हैं, जबकि 2012 के विधान सभा चुनावों में हुई उनकी इस  जीत को उनकी चुनावी हैट्रिक कहा जा रहा है। दरअसल केशुभाई पटेल के 2001 में त्‍याग पत्र देने के बाद तत्‍कालीन सत्‍ताधारी पार्टी भाजपा ने अपनी सरकार की बागडोर नरेंद्र मोदी को सौंप दी थी। शायद तब भाजपा को भी अंदाजा न था कि नरेंद्र मोदी इतना लम्‍बा राजनीति की पिच पर खेल पाएंगे, क्‍यूंकि गुजरात की राजनीति में

गुजरात को मिली एनएसजी क्षेत्रीय हब की मंजूरी

-: वाईआरएन सर्विस :- गुजरात में एनएसजी क्षेत्रीय हब स्‍थापना करने के लिए केंद्र से मंजूरी मिल गई है। गुजरात सरकार इसकी स्‍थापना के लिए जगह देख रही है। गांधीनगर एवं अहमदाबाद के बाहरी इलाकों में इसके स्‍थापित होने की उम्‍मीद की जा रही है।   गौरतलब है कि गत 12 दिसम्‍बर को गृह राज्‍य मंत्री श्री आरपीएन सिंह ने राज्‍यसभा में पूछे गए एक प्रश्‍न के लिखित उत्‍तर में बताया कि गुजरात सरकार से अनुरोध प्राप्‍त होने पर, गृह मंत्रालय ने गुजरात में राष्‍ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के क्षेत्रीय हब की स्‍थापना करने के लिए अपने ‘सिद्धांत रूप में’ अनुमोदन की सूचना गुजरात सरकार को दे दी है, बशर्ते राज्‍य सरकार एनसीजी द्वारा उपयुक्‍त पाए गए स्‍थान पर नि:शुल्‍क जमीन उपलबध कराए। एक अंग्रेजी समाचार पत्र के अनुसार मंत्री सिंह ने हब में कमांडों समूहों की संख्‍या राष्‍ट्रीय सुरक्षा के हित में प्रकट करते हुए कहा कि गुजरात सरकार हब के लिए गांधीनगर के नजदीक 20 से 30 एकड़ जगह देने के लिए योजना बना रही है, हालांकि कुछ अन्‍य गतिविधियों के लिए अहमदाबार के बाहरी इलाके में भूमि लेने संबंधी भी विचार किया जा रहा है।

चुनाव संपन्‍न, मोदी को मिलेगा बहुमत

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-: वाईआरएन सर्विस :-   गुजरात विधान सभा चुनावों के नतीजे तो 20 दिसम्‍बर को आएंगे, लेकिन यह भविष्‍यवाणी तो एग्जिट पोल गुरू कर रहे हैं। विधान सभा चुनाव संपन्‍न होने के बाद सामने आए एग्‍जिट पोल में नरेंद्र मोदी को 120 से 130 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है, जबकि आम राजनीति में रुचि रखने वाले लोगों की भी यह राय है। मगर कुछेक लोगों का मानना है कि नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली भाजपा इस बार अनुमान से ज्‍यादा सीटें खींचने में पूरी तरह सफल रहेगी। केशु बापा के अलग पार्टी बनाने से नरेंद्र मोदी को झटका लगने की संभावना से इंकार तो नहीं किया जा सकता, लेकिन इससे नरेंद्र मोदी को कम और कांग्रेस को ज्‍यादा झटका लगेगा। इस बार हुई रिकॉर्ड तोड़ वोटिंग नरेंद्र मोदी की जीत का संकेत देती है। एग्‍जिट पोलों की मानें तो कांग्रेस का इस बार बुरा हश्र होने वाला है। भारत में प्रसारित होने वाले अलग अलग न्‍यूज चैनलों ने अलग अलग अनुमान लगाएं हैं, मगर सभी न्‍यूज चैनलों ने नरेंद्र मोदी को बहुमत मिलने की बात कही है।

जोश में नजर आए 'नरेंद्र मोदी'

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-: वाईआरएन सर्विस :- गुजरात विधान सभा चुनावों में तीसरी बार जीत का परचम लहराने के लिए संघर्षरत गुजरात के मुख्‍यमंत्री नरेंद्र मोदी आज दूसरे चरण के मतदान दौर में अपना मत देने के बाद 'जोश' में नजर आए। नरेंद्र मोदी ने आज सुबह करीबन पौने दस बजे राणिप स्‍थित एक स्‍कूल में स्‍थापित इलेक्‍शन बूथ पर अपनी वोट डाली। वोट करने के बाद नरेंद्र मोदी पूरे जोश ए खरोश में नजर आए। उनके चेहरे पर जोश देखने लायक था। वो बूथ से अपनी गाड़ी तक विक्‍ट्री चिन्‍ह दिखाते हुए आए। उन्‍होंने कहा, 'संतोष है कि गुजरात के में चुनाव शांति पूर्ण संपन्‍न हो रहे हैं, एवं लोग अपनी जिम्‍मेदारी समझते हुए इलेक्‍शन बूथों पर पहुंचकर, अपने मत अधिकार का इस्‍तेमाल कर रहे हैं'। पूरे आत्‍मविश्‍वास के साथ नरेंद्र मोदी ने कहा कि भाजपा फिर से सत्‍ता सम्‍हालेगी, क्‍यूंकि भाजपा ने जो विकास की गाथा गुजरात में लिखी है, वो भाजपा को फिर से विजय बनाने में अहम रोल अदा करेगी। गौरतलब है कि आज नरेंद्र मोदी समेत 820 उम्‍मीदवारों की किस्‍मत ईवीएम मशीनों में बंद होने वाली है। अभी तक करीबन 60 फीसदी मतदान हो चुका है। नरेंद्र मोदी मणिनगर

'मोदीनु माफिया राज' पुस्‍तक बाजार में

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-:वाईआरएन सर्विस:- गुजरात विधान सभा चुनाव 2012 का प्रथम दौर आज संपन्‍न हुआ जबकि दूसरे दौर के लिए मतदान 17 दिसम्‍बर को होने वाला है। इसी दौरान मुख्‍यमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि को जनता में बिगाड़ने के लिए कुछ व्‍यक्‍तियों ने 'मोदीनु माफिया राज' नामक पुस्‍तक को बाजार में धकेल दिया। इसके कवरपेज पर घबराहट वाले नरेंद्र मोदी, और दूसरी तरफ इनसेट में उनकी कथित पत्‍नी यशोद्धाबेन मोदी की पिक्‍चर लगाई है। इसके नीचे रोष प्रदर्शनों की फोटो को मिक्‍स कर प्रकाशित किया गया है। इस किताब के अंतिम पेज पर उन भाजपा नेताओं की तस्‍वीरें हैं, जो भाजपा को छोड़कर चले गए। इस किताब में नरेंद्र मोदी की तुलना दाऊद अब्राहिम से की गई है, जिनके आईक्‍यू को लेकर भाजपा अध्‍यक्ष नितिन गड़करी मुश्किल में आ गए थे। इस पुस्‍तक पर प्रकाशक के तौर पर गुजरात महासंघ, प्रमुख सवाई मार्ग, संस्‍कार सोसायटी के समीप, सुरेंद्रनगर गुजरात लिखा है, और यह किताब नरेंद्र मोदी के चुनाव क्षेत्र मणिनगर में खूब धड़ल्‍ले से सप्‍लाई हो रही है।

गुजरात विस चुनाव का प्रथम चरण संपन्‍न, 68 फीसद मतदान

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-:वाईआरएन सर्विस:-   गुरूवार सुबह आठ बजे से लेकर शाम पांच बजे तक सौराष्‍ट्र, दक्षिण गुजरात और अहमदाबाद जिले की चार विधान सभा सीटों पर पहले दौर का मतदान संपन्‍न हुआ। पहले दौर के मतदान में 87 विधान सभा सीटों पर लगभग 68 फीसद मतदान हुआ। राजनीतिक जानकारों की माने तो दक्षिण गुजरात की पांच एवं सौराष्‍ट्र की 48 सीटों पर गुजरात परिवर्तन पार्टी का प्रभुत्‍व है। इस पार्टी का गठन गुजरात के पूर्व मुख्‍यमंत्री केशुभार्इ पटेल द्वारा किया गया है, जो भाजपा से इस लिए अलग हो गए थे, क्‍यूंकि नरेंद्र मोदी का बढ़ा प्रभुत्‍व उनकी छवि को पीछे धकेल रहा था। इस क्षेत्र के नतीजे यह तय करेंगे कि आख़िर किस की साख़ ज्‍यादा मजबूत है एक मुख्‍यमंत्री की या एक पूर्व मुख्‍यमंत्री की, जो एक बड़ी पार्टी को छोड़कर अपने दम पर चुनाव लड़ रहे हैं।

गुजरात विस चुनाव 2012 बनाम नरेंद्र मोदी

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गुजरात विधान सभा चुनाव 2012 पर भारत की ही नहीं, बल्‍कि विश्‍व की निगाह टिकी हुई है, क्‍यूंकि नरेंद्र मोदी हैट्रिक बनाने की तरफ अग्रसर हैं, और उनका प्रचार प्रसार राष्‍ट्रपति बराक ओबामा का प्रचार कर चुकी पीआर एजेंसी के पास है, जो प्रचार पसार के लिए नए नए हथकंडे अपनाने के लिए बेहद तेज है। इतना प्रचार तो आदित्‍य चोपड़ा और आमिर ख़ान भी नहीं कर पाते, जितना प्रचार नरेंद्र मोदी का हो रहा है। अक्षय कुमार की तरह मीडिया की नजरंदाजी के बावजूद अपनी उपस्‍थिति दर्ज करवाने में कामयाब रहे नरेंद्र मोदी, आज सबसे ज्‍यादा चर्चित नेता हैं। आख़िर कैसे देते हैं हर बात का जवाब नरेंद्र मोदी एक दिन में सबसे ज्‍यादा प्रचार रैलियां करने वाले शायद भारत के पहले नेता होंगे, फिर भी वो हर भाषण का पलटकर जवाब दे रहे हैं। इसके पीछे एक ही कारण है कि मोदी ने अपने आस पास ऐसे लोगों का घेरा बनाया हुआ है जो मीडिया के संपर्क में हैं, कुछ मीडिया संस्‍थान तो विरोधी नेताओं द्वारा अलग अलग स्‍थानों पर दिए गए, बयानों की कॉपियां पल पल नरेंद्र मोदी तक पहुंचाते हैं, और मोदी कभी भी पटकथा तैयार कर रैली को संबोधित नहीं करते, वो कांग्रे

कांजी भाई की निगाह में मोदी की छवि

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-: वाईआरएन सर्विस :- 'ओह। माय गॉड' में अपने तर्क संवादों के कारण दर्शकों को प्रभावित करने वाले अभिनेता परेश रावल, अब राजनीतिक रैलियों में नरेंद्र मोदी का खुलकर समर्थन एवं प्रचार करते हुए नजर आ रहे हैं। आसोदर चौकड़ी में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए रावल एंव ओह। माय गॉड के कांजी भाई ने कहा कि जिस तरह कैलास जैसे ऊंचे पर्वत पर भगवान शंकर के अलावा कोई विराजमान नहीं हो सकता, उसी तरह गुजरात की गद्दी पर भी मोदी के अलावा कोई नहीं विराज सकता। उनका यह संवाद सुनकर कुछ लोगों ने तो जरूर कहा होगा, ओह। माय गॉड। वैसे परेश रावल की अगली फिल्‍म टेबल नम्‍बर 21 की पंच लाइन है, ईफ यू लाइ, यू डाइ, अगर झूठ बोला तो गए। उधर, अपने चुटीले संवादों के लिए बेहद प्रसिद्ध क्रिकेटर टू राजनेता नवजोत सिंह सिद्धू ने मनमोहन सिंह के सरदार होने पर सावलिया निशान लगाते हुए कुछ यूं कहा, मनमोहन सिंह के सरदार होने पर उनको शंका है, क्‍यूंकि सरदार देश की सरहदों पर देश की रक्षा करते हैं, लेकिन एक मनमोहन सिंह हैं, जो घोटालेबाजों की सरकार की चुप चाप अगुवाई कर रहे हैं।

सुन सनकर तंग आए ''देश का अगला...........?"

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कांग्रेस, हम ने कल लोक सभा में एफडीआई बिल पारित करवा दिया। अब हम गुजरात में भी अपनी जीत का परचम लहराएंगे। मीडिया कर्मी ने बीच में बात काटते हुए पूछा, अगला प्रधानमंत्री कौन होगा, अगर मध्‍याविधि चुनाव हों तो।  अगर देश का प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की तरह जनता से बातचीत नहीं करेगा तो, मीडिया तो ऐसे सवाल पूछता ही रहेगा।                                           नोट  पेंट की एड का पॉलिटिकल वर्जन देश के लोकतंत्र में शायद पहली बार हो रहा है कि बात बात पर एक सवाल उभरकर सामने आ जाता है ''देश का अगला प्रधान मंत्री कौन होगा ?'' यह बात तब हैरानीजनक और कांग्रेस के लिए शर्मजनक लगती है जब चुनावों में एक लम्‍बा समय पड़ा हो, और बार बार वो ही सवाल पूछा जाए कि ''देश का अगला प्रधान मंत्री कौन होगा ?'' जब इस मामले से जोर पकड़ा था तो देश के प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह ने कहा था, ''कांग्रेस जब भी कहे, मैं राहुल गांधी के लिए खुशी खुशी कुर्सी छोड़ने को तैयार हूं, मैं जब तक इस पद पर हूं, अपना दायित्‍व निभाता रहूंगा''। देश के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भले द

आम आदमी का खुलासा ; अदानी के हाथों में खेलता है मोदी

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नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (एएपी) के राष्‍ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल मंगलवार को एक और खुलासा करने के दावे के साथ मीडिया से रूबरू हुए। इस बार अरविंद केजरीवाल ने गुजरात के मुख्‍यमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाने बनाते हुए कहा कि निजी कंपनियों के हाथों में खेल रहे हैं। इससे पूर्व अरविंद केजरीवाल भाजपा अध्‍यक्ष नितिन गड़करी को निशाना बना चुके हैं, जिसको लेकर भाजपा अभी तक दुविधा में है। गुजरात चुनावों की तरफ ध्‍यान दिलाते हुए केजरीवाल ने कहा कि चुनावों में एक तरफ मोदी हैं तो दूसरी तरफ कांग्रेस। हमारे पास कागजात हैं जो ये साबित करते हैं कि दोनों मिलकर निजी कंपनियों का फायदा करवाते हैं। हमारे कागजात के मुताबिक अगर कांग्रेस मुकेश अंबानी की दुकान है तो क्या मोदी सरकार अदानी की दुकान है। उन्‍होंने नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली भाजपा सरकार आरोप लगाते हुए कहा कि 14306 एकड़ जमीन मात्र 1 रुपये से 32 रुपये प्रति यूनिट के भाव से क्यों दे दी जबकि एयरफोर्स को 8800 रुपये प्रति यूनिट के भाव से। ये सरकार देश के लिए काम कर रही है या प्राइवेट कंपनियों के लिए। उन्‍होंने कहा कि भाजपा के नेता नरेंद्र मोदी ख

जनता की पसंद, एक बुद्धू तो दूसरा बांदर

देश में दो नाम पिछले लम्‍बे समय से चर्चाओं का केंद्र बने हुए हैं। दोनों को देश का भावी प्रधान मंत्री बनाने का सपना भारतीय जनता संजो रही है। मगर हैरानी की बात है कि जनता की पसंद एक बुद्धू तो दूसरा बांदर है। यकीन नहीं आता तो आप सुब्रमण्यम स्वामी का बयान सुनिए और दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्षा बरखा सिंह का बयान सुनिए। गौर तलब है कि :- जनता पार्टी प्रमुख सुब्रमण्यम स्वामी ने गुरूवार को एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर सोनिया गांधी एवं राहुल गांधी पर एक समाचार पत्र को 90 करोड़ का कर्ज देने की बात कहते हुए 1600 करोड़ की संपत्ति हड़पने का आरोप लगाया था। इस बयान के बाद राहुल गांधी ने कहा कि वो स्‍वामी पर मानहानि का दावा करेंगे। राहुल का बयान आते ही कानून की मदद से सोनिया गांधी के रास्‍ते में मुश्‍िकलें खड़ी करने वाले स्‍वामी ने राहुल गांधी को 'बुद्धू' कहा है। स्वामी ने ट्विटर पर राहुल को बुद्धू लिखते हुए कहा, 'इस (बुद्धू को) मानहानि के कानून पर जानकारी लेने की जरूरत है। पब्लिक सर्वेंट एवं सांसद होने के नाते उन्हें यह साबित करना होगा कि जो कुछ मैंने कहा है, वह झूठ है, न कि मुझे यह साबि

अमेरिका ने क्‍यूं कहा, ''आओ नरेंद्र मोदी''

नरेंद्र मोदी के लिए बेहद गर्व की बात है कि अमेरिका ने उनको वीजा आवेदन पत्र दाखिल करने की अनुमति दे दी है, जो कि 2002 गुजरात दंगों के बाद से प्रतिबंधित थी। अमेरिका का नरेंद्र मोदी के प्रति नरम होना, नरेंद्र मोदी एवं भाजपा के लिए सुखद है, वहीं कांग्रेस के लिए बेहद दुखद। इसको भाजपा सत्‍य की जीत कहेगी। अमेरिका ने ऐसे ही नरेंद्र मोदी के लिए अमेरिका के प्रवेश द्वार नहीं खोले, अमेरिका में चुनावी माहौल है, वहां पर बहुत सारे हिन्‍दुस्‍तानी बसते हैं, जो सोशल मीडिया पर नरेंद्र मोदी की वाह वाही से प्रभावित हैं, और उसके दीवाने हैं। क्‍यूं का दूसरा अहम कारण, नरेंद्र मोदी का निरंतर बढ़ता राजनैतिक कद। अमेरिका को आज से दस साल पूर्व यह आभास न था कि नरेंद्र मोदी एक दिन इतना बड़ा ब्रांड बन जाएगा, जो उसके फैसलों को बदलने की क्षमता रखता हो। आज नरेंद्र मोदी भारत में सबसे ज्‍यादा चर्चा का विषय। देश में इस बात की चर्चा नहीं कि भाजपा केंद्र में आए, चर्चा तो इस बात की चल रही है कि नरेंद्र मोदी होंगे अगले प्रधान मंत्री। एक नेता जब पार्टी से ऊपर अपनी पहचान बना ले, तो किसी को भी रुक का सोचना पड़ सकता है, अमेरिका