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आधे पौने घंटे की फिल्‍म वन्‍स अपॉन ए टाइम इन मुम्‍बई दोबारा

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वन्‍स अपॉन ए टाइम इन मुम्‍बई दोबारा। यह 2010 में आई सुपरहिट फिल्‍म वन्‍स अपॉन ए टाइम इन मुम्‍बई का स्‍किवल है। इसका नाम पहले वन्‍स अपॉन ए टाइम इन मुम्‍बई अगेन था, लेकिन कहीं हिन्‍दी बुरा न मान जाए, इसलिए एक हिन्‍दी शब्‍द दोबारा का इस्‍तेमाल किया गया। एकता कपूर टूने टोटकों में विश्‍वास करती है, कहीं न कहीं यह बात उनके फिल्‍म टाइटल में नजर आई है, हर बार एक अलग अक्षर, जैसे इसमें ए के साथ छोटी सी वाय का इस्‍तेमाल किया गया है। रजत अरोड़ा की पटकथा और मिलन लथुरिया का निर्देशन, एकता कपूर का पैसा वन्‍स अपॉन ए टाइम इन मुम्‍बई दोबारा। फिल्‍म की कहानी दाऊद इब्राहिम पर आधारित है, लेकिन बॉलीवुड स्‍वीकार करने से डरता रहता है। फिल्‍म में फेरबदल हुए थे, शायद उस दौरान क्रिकेट वाला सीन रिशूट कर डाला गया होगा, जो फिल्‍म की शुरूआत को कमजोर बनाता है। दाऊद इब्राहिम मुम्‍बई का बेताज बादशाह बने रहना चाहता है, जो शोएब  नाम से रुपहले पर्दे पर उतारा गया है। शोएब दाऊद की तरह एक पुलिस कर्मचारी का पुत्र, हाजी मस्‍तान के बाद मुम्‍बई का अगला डॉन, डोंगरी से संबंध रखता है। शोएब मुम्‍बई में सिर उठा रहे अपने एक दुश

बॉलीवुड रिपोर्ट बनाम बॉक्‍स ऑफिस 2012

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इंडिया में दो चीजें बेहद पापुलर हैं एक क्रिकेट और दूसरा मूवीज। दोनों को देखने के लिए भारतीय दर्शक उतावले रहते हैं। सलमान ख़ान की दबंग 2 के साथ बॉलीवुड 2012 के बही ख़ाते को बंद करने जा रहा है। साल 2012 में रिलीज हुई फिल्‍मों में सलमान ख़ान की 'एक था टाइगर' बॉलीवुड में सबसे अधिक कमाई करने वाली फिल्‍मों में शुमार है एवं पहले दिन बॉक्‍स ऑफिस 32 करोड़ रुपए एकत्र करने का रिकॉर्ड भी इसी के नाम दर्ज हुआ, लेकिन पूरे साल भर की एकत्र राशि करने में अक्षय कुमार सबसे आगे रहे क्‍यूंकि अक्षय कुमार ने इस साल फिल्‍म निर्माताओं को चार सौ करोड़ से भी अधिक रुपयों का कलेक्‍शन करके दिया। अक्षय कुमार, सलमान ख़ान के अलावा इस साल बॉक्‍स ऑफिस पर गंभीर दिखने वाले अजय देवगन ने भी काफी धमाल मचाई। अजय देवगन की बोल बच्‍चन ने जहां 100 करोड़ के क्‍लब में एंट्री मारी, वहीं सन ऑफ सरदार सौ करोड़ से कुछ कदम पीछे ठहर गई, लेकिन फिर भी यह फिल्‍म भारतीय सर्वाधिक कलेक्‍शन करने वाली फिल्‍मों की टॉप टेन सीरिज में है। इस साल रिलीज हुई शाहरुख़ ख़ान की जब तक है जान ने बॉक्‍स ऑफिस पर सौ करोड़ से अधिक कलेक्‍शन की, लेकिन उतन

स्‍पेशल छब्‍बीस के प्रमोशन का नया फंडा

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-: वाईआरएन सर्विस :- कुछ दिनों पहले आप ने कुछ अख़बारों में पढ़ा होगा कि एक एमएलए के घर पर फेक सीबीआई रेड, दरअसल यह समाचार नहीं बल्‍कि प्रमोशन का नया फंडा था। इस नए फंडे को ईजाद करने वाले अक्षय कुमार हैं। जी हां, अक्षय कुमार ने अपनी अगली फिल्‍म 'स्‍पेशल छब्‍बीस' के प्रमोशन के लिए स्‍पेशल फंडा निकाला है। इस फंडे के कारण 'स्‍पेशल छब्‍बीस' को प्रमोशन मिल रहा है, जिसे ए वेडनेस डे फेम नीरज पांडे निर्देशित कर रहे हैं। इतना ही नहीं, अक्षय कुमार की अगली फिल्‍म स्‍पेशल छब्‍बीस का प्रोमो आपको दबंग टू फिल्‍म के साथ मुफ्त देखने को मिल सकता है, क्‍यूंकि फिल्‍म यूनिट इसको इस फिल्‍म के साथ रिलीज करने का मन बना रही है। इस फिल्‍म में अक्षय कुमार के साथ जिम्‍मी शेरगिल, मनोज वाजपेयी और अनुपम खेर मुख्य भूमिका में नज़र आएंगे।

खिलाड़ी कुमार ने दी समकालीनों को मात

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-: वाईआरएन सर्विस :- 'खिलाड़ी 786' भले ही बॉक्‍स ऑफिस पर 65 करोड़ रुपए कमाने में सफल हुई, मगर कुल मिलाकर 2012 अक्षय कुमार के लिए बेहद लक्‍की ईयर रहा है, क्‍यूंकि इस साल रिलीज हुई अक्षय कुमार की फिल्‍मों ने लगभग चार सौ करोड़ तक की कमाई की। रविवार को अंधेरी स्‍पोर्ट्स कम्‍पलेक्‍स में आयोजित तीसरे बिग स्‍टार इंटरटेनमेंट अवार्ड 2012 समारोह में अक्षय कुमार ने तीन पुरस्‍कारों पर अपना कब्‍जा जमाया। इस समारोह के दौरान अक्षय कुमार बेस्‍ट एक्‍शन हीरो, बेस्‍ट फिल्‍म निर्माता एवं बेस्‍ट कामेडी एक्‍टर के लिए पुरस्कृत किया गया, क्रमश: रौउड़ी राठौड़, ओह माय गॉड एवं हाऊसफुल। इस मौके पर अक्षय कुमार की लक्‍की चैम रही कैटरीना कैफ को रोमांटिक रोल एवं एक्‍शन रोल के लिए सम्‍मानित किया गया, जो उन्‍होंने क्रमश: जब तक है जान एवं एक था टाइगर में निभाए। इसके अलावा शाहरुख ख़ान एवं कैटरीना कैफ को बेस्‍ट कपल ऑन स्‍क्रीन पुरस्‍कार से सम्‍मानित किया गया।

फिल्‍म समीक्षा 'तलाश' से 'खिलाड़ी 786' तक

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-: वाईआरएन सविर्स :- 'तलाश' बड़े नामों के साथ बनाई गई एक साधारण फिल्‍म। आमिर ख़ान के साथ लोगों का ब्रांड पर विश्‍वास वाला रिश्‍ता हो सकता है, लेकिन 'तलाश' फिल्‍म निराश करती है। फिल्‍म की कहानी एक सड़क हादसे से शुरू होती है और खत्‍म भी एक सड़क हादसे के बाद। मगर इस दौरान फिल्‍म में बहुत साधारण सी कहानी है, सस्‍पेंस के नाम पर आपको वहां कुछ भी नहीं मिलेगा। अंत में आप कई सवालों के जवाब की तलाश में तलाश को अलविदा कहेंगे। इस फिल्‍म को कहानी से जोड़कर देखने वालों के लिए इस फिल्‍म में निराशा के सिवाय कुछ नहीं। गम्‍भीर अभिनय तो आमिर बाख़ूबी कर लेते हैं। टूटे परिवार के रिश्‍तों को चलते चलते में रानी मुखर्जी से पहले भी रुपहले पर्दे पर जीवंत कर चुकी हैं। वेश्‍या के रूप में करीना को देखना कहीं भी सुकून नहीं देता। इससे बेहतर होता अगर कोंकणासेन को इस रोल के लिए चुना होता। फिल्‍म का सस्‍पेंस तो इंटरमेशन में तोड़ देते हैं। सीबीआई एवं अन्‍य मर्डर मिस्‍ट्री हल करने वाले सीरियल देख चुके लोगों के लिए तलाश में कुछ भी खास नहीं। अंतिम हादसे से पूर्व करीना की एंट्री जबरदस्‍त है। अगर वहां आक

क्‍यूं है उम्‍मीद ''खिलाड़ी 786'' से

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-: वाईआरएन सर्विस :- जहां ''तलाश'' से निराशा दर्शक ''खिलाड़ी 786'' उम्‍मीद लगाए बैठे हैं, वहीं फिल्‍मी पंडितों का मानना है कि अक्षय कुमार की यह तीसरी फिल्‍म होगी 2012 की, जो 100 करोड़ के क्‍लब में एंट्री बहुत जल्‍द अपना नाम दर्ज करेगी, इससे पहले इस क्‍लब में हाऊसफूल, राउडी राठौड़ है, जबकि 20 करोड़ के बजट में तैयार हुई ओह माय गॉड भी केवल 17 करोड़ के फर्क से पीछे रह गई। उम्‍मीद क्‍यूं दरअसल हिमेश एवं अक्षय की जोड़ी क्रमश संगीतकार एवं अदाकार के रूप में बेहद पुरानी है, भले ही अदाकार एवं निर्माता के रूप में नई हो। अक्षय कुमार जब बुरे दौर से गुजर रहा था, जब उसकी फिल्‍में बॉक्‍स ऑफिस खिड़की पर पानी भी नहीं मांग रही थी, जब हिमेश के संगीत ने दर्शकों को सिने खिड़की तक खींचकर लाने में बड़ा योगदान अदा किया। अक्षय कुमार की एतराज, इंसान, हम को दीवाना कर गए, नमस्‍ते लंडन, ओह माय गॉड तक का म्‍यूजिक हिमेश ने तैयार किया। इस बार भी हिमेश का म्‍यूजिक और अक्षय की अदाकारी दर्शकों को बेहद पसंद आ रही है। एक और कारण वो है फिल्‍म के टाइटल में खिलाड़ी शब्‍द का होना। अक

बनेगा ओह! माय गॉड का स्‍किवल

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मराठी सिनेमा में प्रवेश करने के बाद होगा पंजाबी, बंगाली एवं दक्षिण की तरफ रुख   अभिनेता, निर्माता अक्षय कुमार एवं परेश रावल की अभिनीत फिल्‍म ओह! माय गॉड का स्‍िकवल बनेगा। 43वां अंतर्राष्‍ट्रीय फिल्‍मोत्‍सव होस्‍ट कर रहे अक्षय कुमार अपनी बिजनस पार्टनर अश्‍िवनी जर्डी के साथ एक मराठी फिल्‍म कोल्‍हापुर 72 माइल्‍स एक प्रवास का निर्माण भी कर रहे हैं। इस फिल्‍म के बाद हो सकता है अक्षय कुमार एवं अश्‍विनी यार्डी की संयुक्‍त फिल्‍म निर्माण कंपनी गेजिंग गोट ओह! माय गॉड का निर्माण करे। सूत्रों की माने तो अक्षय कुमार का मानना है कि और भी काफी मुद्दे हैं, जिस पर फिल्‍म निर्माण किया जा सकता है। अब देखना यह है कि ओह! माय गॉड का स्‍किवल दर्शकों को कितना पसंद आता है, वैसे भी बॉलीवुड में स्‍िकवल बनाने की होड़ सी लगी हुई है। रेस टू, दबंग टू, रॉक ऑन टू, वन्‍स टाइम अपन एट मुम्‍बई टू, हाऊस फुल टू ब्‍लॉ ब्‍लॉ। सुनने में तो यह भी आया है कि अक्षय कुमार बहुत जल्‍द पंजाबी, बंगाली एवं दक्षिण की तरफ रूख करने वाले हैं। ऐसा लगता है कि अक्षय कुमार एवं अश्‍िवनी यार्डी बॉलीवुड से बाहर निकलकर कुछ ऐसा करने च

43वां भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव आज से शुरू

43वां भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव मंगलवार से गोवा में शुरू हो रहा है। यह महोत्सव 20 से 30 नवंबर तक चलेगा। उद्घाटन समारोह के लिए सिने सितारे अक्षय कुमार मुख्य अतिथि होंगे। इस अवसर पर सूचना और प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी उपस्थित होंगे। उनके साथ पोलैंड के संस्कृति मंत्री और गोवा के मुख्य मंत्री मनोहर पर्रिकर भी मौजूद होंगे। दस दिवसीय इस महोत्सव में दर्शकों के उत्कृष्ट सिनेमा का प्रदर्शन किया जाएगा। भारतीय परिदृश्य जैसे वर्गों के तहत फीचर और गैर फीचर सिनेमा को शामिल किया गया है। इसके अलावा भारतीय सिंहावलोकन, श्रद्धांजलि, उत्कृष्ट तथा विद्यार्थी फिल्मों और काफी कुछ शामिल किया गया है। इसके अलावा अंतर्राष्ट्रीय स्क्रीनिंग वर्ग के तहत महोत्सव के विभिन्न पक्ष, विश्व सिनेमा, विदेशी सिंहावलोकन, श्रद्धांजलि, प्रमुख देश, पर्दे पर रेखाचित्र (एनिमेशन और थ्री डी सिनेमा), वृतचित्र जैसे विशेष पहलू दर्शाए जाएंगे। दस दिवसीय इस अवधि में 200 से अधिक फिल्में दिखाई जाएंगी। इसमें ऑस्कर पुरस्कार प्राप्त आंग ली की लाइफ ऑफ पाई का भी प्रदर्शन किया जाएगा और साथ ही महोत्सव में अंतिम फिल्म के तौर पर मीरा नायर

सरदार के बाद खिलाड़ी मुश्‍िकल में

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तलाश के बाद होगी रिलीज खिलाड़ी 786 सन ऑफ सरदार एवं जब तक है जान के बीच की टक्‍कर खत्‍म हो गई, दोनों फिल्‍में बॉक्‍स ऑफिस पर अच्‍छा धन जुटाने में सफल रही। अगर आंकड़ों को देखते तो सन ऑफ सरदार ने यशराज ग्रुप को कड़ी टक्‍कर देते हुए जीत हासिल की, क्‍यूंकि अजय देवगन की फिल्‍म केवल 2000 स्‍क्रीनों पर रिलीज हुई, जबकि जब तक है जान करीबन 2500 स्‍क्रीन पर। यशराज फिल्‍म का खर्च 85 से 90 करोड़ के बीच बताया जा रहा है, जबकि सन ऑफ सरदार का खर्च केवल 65 से 75 के बीच बताया जा रहा है। वैसे अजय देवगन बॉक्‍स ऑफिस क्‍लेकशन को देखने के बाद काजोल एवं बच्‍चों के साथ गोवा रवाना हो चुके हैं, जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सन ऑफ सरदार पूरी तरह सफल रहा। जब तक है जान को वो रिस्‍पांस नहीं मिला, जो मिलना चाहिए था, कहीं न कहीं यशराज बैनर्स को निराशा हाथ लगी है, भले ही फिल्‍म अपना खर्च निकालने में कामयाब हो जाए। फिल्‍मों के बढ़ते बजट के कारण सितारों के बीच अब युद्ध तो चलता ही रहेगा। अब आगे रिलीज होने वाली दो फिल्‍मों के बीच टक्‍कर का माहौल बताया जा रहा है, क्‍यूंकि अमीर खान की फिल्‍म तलाश नवंबर अंत में रि

'थप्‍पड़ कांड' के बाद शिरिष कुंदर का 'जोकर'

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दस करोड़ में बनी 'जानेमन' ने बॉक्‍स ऑफिस पर लगभग 50 करोड़ का क्‍लेक्‍शन किया। फिल्‍म का गीत 'हम को मालूम है' बेहद लोकप्रिय हुआ, मगर अफसोस की बात कि फिल्‍म निर्देशक को सिने प्रेमियों ने याद ही नहीं रखा। इतना ही नहीं, उन को अपनी दूसरी फिल्‍म निर्देशित करने के लिए भी करीबन छह साल लग गए, जो बेहद हैरत वाली बात है। जानेमन के बाद जब शिरिष कुंदर ने अपनी जोकर के लिए शाहरुख खान से बातचीत की तो उन्‍होंने मना कर दिया, जो फरहा खान, जो शिरिष की पत्‍नी हैं, के अच्‍छे दोस्‍त हैं, कई फिल्‍में एक साथ भी की। फिल्‍म शिरिष कुंदर अक्षय कुमार के पास पहुंचे, तो उन्‍होंने भी मना कर दिया, क्‍यूंकि जानेमन में अंतरिक्ष विज्ञानी बनकर भी वो कुछ नहीं कमा पाए। फिर शिरिष कुंदर पहुंचे सैफ अली खान के दरवाजे पर, जिन्‍होंने रोल के लिए हां बोल दी, क्‍यूंकि करीना के प्‍यार ने उनको पहले से ही जोकर बना रखा था। फिर पता नहीं, कहानी में कब और कैसे टि्वस्‍ट आया कि सैफ ने मना कर दिया, और बाद में पता नहीं शिरिष कुंदर ने कौन सा पासा फेंक कर अक्षय कुमार को साइन कर लिया, जिन्‍होंने फरहा खान के साथ तीस मार खान की। जो

सोनाक्षी की दूसरी फिल्‍म और जन्‍मदिवस

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सोनाक्षी सिन्‍हा, एक ऐसा नाम है। एक ऐसा चेहरा है। जो आज किसी पहचान का मोहताज नहीं। दबंग से पहले भले ही मायानगरी में होने वाली पार्टी में लोग उसको शॉटगन की बेटी के रूप में पहचानते हो, मिलते हो। मगर आज उसकी अपनी एक पहचान बन चुकी है। पहली ही फिल्‍म सुपर डुपर हिट और नवोदित अभिनेत्री पुरस्‍कार भी झोली में आन गिरा। ऐसा नहीं कि ऐसा केवल सोनाक्षी के साथ ही हुआ, पहले भी बहुत सी अभिनेत्रियों के साथ हुआ। मगर सोनाक्षी की आंखों में जो कशिश है, चेहरे पर जो नूर है, वो उसको बिल्‍कुल अलग करता है। जहां दो जून को सोनाक्षी पच्‍चीस साल की हो जाएगीं, वहीं उनकी दूसरी फिल्‍म राउड़ी राठौड़ उनके जन्‍मदिवस से ठीक एक दिन पहले रिलीज हो रही है। इस फिल्‍म में उनके ऑपोजिट अक्षय कुमार हैं, जिसके सितारे बॉक्‍स ऑफिस पर ठीक बिजनस नहीं कर रहे। मगर दिलचस्‍प बात तो यह भी है कि इस फिल्‍म को प्रभु देवा निर्देशित कर रहे हैं, जिन्‍होंने वांटेड से सलमान खान की फ्लॉप सिरीज पर विराम लगाया था। इस फिल्‍म के प्रोमो और गीत बताते हैं कि फिल्‍म पूरी तरह दक्षिण से प्रभावित है, आज कल छोटे पर्दे पर दक्षिण फिल्‍मों के हिन्‍दी रूपांतरणो

नो एंट्री, वेलकम और थैंक यू

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कुलवंत हैप्पी आप ने अक्सर देखा होगा कि आप "थैंक्स" कहते हैं तो सामने से जवाब में "वेलकम" सुनाई पड़ता है, मेंशन नॉट तो गायब ही हो गया। ये ऐसे ही हुआ, जैसे अमिताभ के स्टार बनते ही शत्रूघन सिन्हा एवं राजेश खन्ना की स्टार वेल्यू। कभी कभी थैंक्स एवं वेलकम का क्रम बदल भी जाता है, वेलकम पहले और थैंक्स बाद में आता है। शायद फिल्म निर्देशक अनीस बज्मी दूसरे क्रम पर चल रहे हैं, तभी तो उन्होंने पहले कहा, "नो एंट्री", फिर कहा, "वेलकम" और अब कह रहे हैं "थैंक यू"। अनीस के नो एंट्री कहने पर भी हाऊसफुल हो गए थे, और वेलकम कहने पर भी, लेकिन सवाल उठता है कि क्या दर्शक उनके थैंक यू कहने पर वेलकम कहेंगे? सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि इस बार अक्षय कुमार के साथ उनकी लक्की गर्ल कैटरीना नहीं, और उनका वक्त वैसे भी ख़राब चल रहा है, फिल्म आती है और बिन हाऊसफुल किए चली जाती है, वो बात जुदा है कि अक्षय कुमार ने इससे भी ज्यादा बुरा वक्त देखा है, और वो इस स्थिति को संभाल लेंगे, मगर लगातार दो फिल्म फ्लॉप देने वाली अनिल कपूर की बेटी का कैरियर धर्मेंद्र की बेटी ईशा देओल

संघर्ष का दूसरा नाम 'अक्षय'

'कौन कहता है आसमान में सुराख नहीं, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारो' यह पंक्ति उस वक्त बिल्कुल हकीकत नजर आती है, जब हम पिछले साल चार हिट फिल्में देकर सफलता की शिख़र पर बैठने वाले अक्षय कुमार की जिन्दगी में झाँकते हैं. आज अक्षय कुमार का नाम सफलतम सितारों में शुमार हो गया, हर किसी को उसका हर लुक भा रहा है, चाहे वो एक्शन हो, चाहे रोमांटिक या चाहे कामेडी. आज दर्शक उसकी सफलता देखकर वाह अक्षय वाह कह रहे हैं, मगर ज्यादातर दर्शकों को अक्षय के संघर्षशील दौर के बारे में पता नहीं, हां मगर, जिनको पता है वो अक्षय को संघर्ष का दूसरा नाम मानते हैं. गौरतलब है कि होटलों, ट्रेवल एजेंसी व आभूषण बेचने जैसे धंधों में किस्मत आजमाने वाले राजीव भाटिया ने बच्चों को मार्शल आर्ट भी सिखाया. इसी संघर्ष के दौर में उनको मॉडलिंग करने का ऑफर मिला. जिसके बाद दिल्ली के चांदनी चौक में रहने वाला राजीव भाटिया अक्षय कुमार के रूप में ढल गया और बड़े पर्दे पर अपनी अदाकारी के जलवे दिखाने लगा. अक्षय कुमार ने फिल्म 'सौगंध' के मार्फत बालीवुड में कदम रखा, उसके बाद खिलाड़ी, सैनिक, मोहरा, हम हैं बेमिसाल, वक्त हमारा ह