अगर रवीश कुमार ने पीएम को गुंडा नहीं कहा तो सवाल है कि....?
मैंने भी रवीश कुमार के बयान 'मुझे दुख है कि मोदी जैसा गुंडा मेरा पीएम है : रवीश कुमार' के बयान की फेसबुक पर निंदा की। होनी भी चाहिये, क्योंकि यह पत्रकारिता की शालीनता नहीं है और ऐसे बयान पत्रकारिता की गरिमा को चोट पहुंचते हैं।
मगर, बाद में पता चला है कि ऐसा कोई भी बयान संवाददाता रवीश कुमार ने नहीं दिया। जो बयान सोशल मीडिया और मीडिया जगत में वायरल हो रहा है, दरअसल वो बयान फर्जी है।
इससे भी मजेदार सवाल तो यह है कि यदि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रवीश कुमार ने गुंडा नहीं कहा, तो कौन है वह जो रवीश कुमार के कंधे पर बंदूक रखकर नरेंद्र मोदी पर निशाना साध रहा है।
अपने मन की भड़ास निकाल रहा है और उसके समर्थन में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रशंसक की खड़े हुए जा रहे हैं। रवीश कुमार के मुंह से क्यों? यदि कुछ कहना ही है तो अपने मुंह से कहिये।
दरअसल, इस फेक ख़बर को रवीश कुमार के खिलाफ नफरत फैलाने के लिए चलाया गया, ताकि एनडीटीवी के रवीश कुमार को नरेंद्र मोदी का कट्टर विरोधी घोषित कर दिया जाए, और उसकी हर तरफ से आलोचना हो।
ऐसा क्यों? दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के सत्ता में आने के बाद से संवाददाता रवीश कुमार की लोकप्रियता तेजी के साथ बढ़ी है। नतीजन, एनडीटीवी रवीश कुमार हो गया, जैसे भाजपा नरेंद्र मोदी। हालांकि, कांग्रेस के समय से ही रवीश कुमार न्यूज एंकर के साथ साथ ब्लॉगर के रूप में भी स्थापित हुए। हालांकि, इसमें कोई दो राय नहीं कि रवीश कुमार शुरू से ही नरेंद्र मोदी के विरोध में रहे हैं, विशेषकर गुजरात दंगों के समय से।
उधर, मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कर्नाटक के श्रृंगेरी से भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री जीवराज ने चिकमंगलुरु में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, ''अगर गौरी लंकेश ने आरएसएस के ख़िलाफ़ नहीं लिखा होता तो आज वह ज़िंदा होती।''
क्या गौरी लंकेश की तरह रवीश कुमार को भी खुद खुद लिखकर आरएसएस या भाजपा विरोधी बनाकर मौत के घाट उतार दिया जाएगा? सवाल इसलिए जो बयान रवीश कुमार के नाम पर जारी किया गया। असल में वो बयान तो रवीश कुमार का है ही नहीं, क्या जो बयान गौरी लंकेश के नाम से वायरल किए जाते रहे होंगे या किए जा रहे हैं, वह बयान गौरी लंकेश के ही होंगे? कौन करेगा इस की पुष्टि?
उसी सवाल पर छोड़कर जा रहा हूं, यदि ख़बरनवीश रवीश कुमार ने देश के प्रधान मंत्री को गुंडा नहीं कहा, तो कौन है, जो रवीश कुमार के कंधे पर रखकर देश के प्रधानमंत्री को गाली दे रहा है और कौन लोग हैं, जो इसको वायरल कर रहे हैं? क्या इसकी जांच नहीं होनी चाहिये?
अब क्या करे कोई कुछ जमाना कुछ गुँडई सोच का हो गया है । जमाना कहने पर नाराज नहीं होईयेगा उसमें शरीफ लोग नहीं आते हैं। क्या किया जाये सोच का बाहर ही नहीं निकल पा रही है गुँडई सोचने से । अब आभार कहना ठीक नहीं होगा ना अपने जैसे सोचने वालों से ?
जवाब देंहटाएंब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, डॉ॰ वर्गीज़ कुरियन - 'फादर ऑफ़ द वाइट रेवोलुशन' “ , मे आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
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