हे प्रभु! मेरी क्षमा याचना तो लेते जाएं।

हे प्रभु! मैं बहुत परेशान हूं। मुझे समझ नहीं आता कि मैं क्या करूं ? दिशा से उम्मीद लगाउं बदलाव की ? रोज सोचता हूं कि मेरी समस्याएं भी चर्चा का विषय बनेंगी। इस उम्मीद को दिल में लिए रोज सुबह शाम समाचार की दुनिया में नजर दौड़ाता रहता हूं। सोचता हूं कि शायद अख़बारनवीस मेरी समस्या का समाधान लाएं। कोर्इ ख़बर, खुशख़बर पाती जैसी बनकर सामने आए। जिसको पढ़कर मैं झूम उठूं। जैसे सावन में कोर्इ मोर। मगर, अब तक एेसा हुआ नहीं। रोज घिसीपिटी ख़बरों के साथ कुछ मसालेदार रोचक समाचार आते हैं। हे प्रभु! आज कल तो बाॅलीवुड गाॅशिप से ज्यादा राजनीतिक गाॅशिप को जगह दी जाती है।

पहले मन खुश तो हो जाता था। जब समाचारों में आता था कि विश्व सुंदरी ने अपने पुराने प्रेमी मित्र को छोड़कर नामी गरामी अभिनेता के पुत्र से विवाह रचा लिया। रैंप पर चलते हुए एक माॅडल टाॅप लैस हो गर्इ। आज बाॅलीवुड की बिंदास माॅडल ने भारत की जीत पर न्यूड होने की घोषणा की।

मगर, आज कल तो अजीबोगरीब समाचार आते हैं। लोक सभा में पूछा जाता है कि सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान यात्रा पर हरी साड़ी क्यों पहननी। तो सुषमा स्वराज उसके पीछे का महत्व बताती है कि बुधवार को वे ग्रीन साड़ी ही पहनती है। अच्छा होता प्रभु साथ में बता देती कि बुधवार को हरी साड़ी पहनने से क्या लाभ होता है। मेरे जैसे गरीब के भाग्य खुल जाते, क्योंकि प्रभु आप ने बुधवार का दिन तो सबके लिए बनाया है ना।

हे प्रभु! अगली ख़बर यादव सरनेम से जुड़ी है। आपको जानकार हैरानी होगी, वैसे आप तो जानीजान हैं। फिर भी बता देता हूं, मेरे मन की भड़ास निकल जाएगी। बाबूराम गौर ने यादव समाज में खुलासा किया कि बीजेपी ने उनको यादव सरनेम का इस्तेमाल नहीं करने दिया। यदि करते तो वे मुख्यमंत्री नहीं बनते, यहां तक के उनको टिकट भी नहीं मिलता। सबसे दिलचस्प बात तो यह थी कि उसी सरनेम का इस्तेमाल करने भर मध्य प्रदेश को नर्इ रेलगाड़ियां मिल सकती थी।

हे प्रभु! यदि आपकी भी कोर्इ शर्त है तो बताएं, मैं सरनेम छोड़ो। नेम बदलने को तैयार हूं। अब आप भी राजनेताआें की तरह मुंह नहीं फेरो प्रभु। मेरी अगली बात तो आप से ही जुड़ी हुर्इ है। आप सुना होगा कि बच्चे भगवान का रूप होते हैं आैर आज एक मंदिर में भगवान का प्रवेश वर्जित कर दिया।

आप चकित नहीं हों, प्रभु! यह बात राहुल गांधी की है। मैं भी मानता हूं, वे युवा है। मगर, दिल्ली के मुख्यमंत्री को अड़चन है। उनको ही नहीं, अन्य राजनेताआें को भी अड़चन है। इस बात को स्वीकार करने में कि राहुल गांधी युवा हैं। मगर, यह अड़चन दुविधा बन सकती है। यदि इस बात को गंभीरता से देश की अदालत ले ले। आपको तो पता ही होगा कि नेशनल हेराल्ड केस चल रहा है। जो कभी ख़बर देने के लिए शुरू किया गया था, आज ख़बरों में है। हालांकि, उनकी कोर्इ ख़बर नहीं लेता, जिनके लिए उसको शुरू किया गया था। चकित करने वाली बात तो यह है, प्रभु। यदि राहुल गांधी को दोषी पा गया, तो उनको जज बाल सुधार गृह भेजेंगे या बड़ी जेल।

हे प्रभु! मुझे क्षमा करना। यदि आपको मैंने बेफिजूल की ख़बरों से प्रताड़ित किया हो। मगर, आपको पता है कि भारत की सवा सौ करोड़ आबादी का एक बड़ा हिस्सा, इस तरह की ख़बरों से रोज परेशान होता है। मगर, परेशान करने वालों को आप भी दंड़ित नहीं करते। थोड़ा सा बुरा लगता है। हे प्रभु! कहां भाग लिए। मेरी क्षमा याचना तो लेते जाएं।

टिप्पणियाँ

  1. जो कभी ख़बर देने के लिए शुरू किया गया था, आज ख़बरों में है।

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  2. जो कभी ख़बर देने के लिए शुरू किया गया था, आज ख़बरों में है।

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