जरूरी तो नहीं
जरूरी तो नहीं
तेरे लबों पर लब रखूं
तो चुम्बन हो
जरूरी तो नहीं
मेरी उंगलियां बदन छूएं
तो कम्पन हो
जरूरी तो नहीं
तुझे अपनी बांहों में भरूं
तो शांत धड़कन हो
एेसा भी तो हो सकता है
मेरे ख्यालों से भी
तुम्हें चुम्बन हो
मेरे ख्यालों से भी
तुम्हें कम्पन हो
मेरे ख्यालों से भी
शांत धड़कन हो
तेरे लबों पर लब रखूं
तो चुम्बन हो
जरूरी तो नहीं
मेरी उंगलियां बदन छूएं
तो कम्पन हो
जरूरी तो नहीं
तुझे अपनी बांहों में भरूं
तो शांत धड़कन हो
एेसा भी तो हो सकता है
मेरे ख्यालों से भी
तुम्हें चुम्बन हो
मेरे ख्यालों से भी
तुम्हें कम्पन हो
मेरे ख्यालों से भी
शांत धड़कन हो
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, आयकर और एनआरआई ... ब्लॉग बुलेटिन , मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
जवाब देंहटाएंजरूरी कुछ भी नहीं..
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