अब हिन्‍दुओं की भावनाएं आहत नहीं हुई


आजकल बाजार में एक नया नारा गूंज रहा है '' हर हर मोदी, घर घर मोदी'' अगर इस नारे को पहले कांग्रेस ने उठा लिया होता, और कहा होता कि ''हर हर गांधी, घर घर गांधी'', सच में हिन्‍दुयों की भावनाएं आहत हो जाती, लेकिन अब ऐसा नहीं, क्‍यूंकि हर हर महादेव की जगह मोदी को रखा है, और जिनकी भावनाएं आहत होती हैं, वो कथित हिन्‍दु इस नारे को बड़े शौक से लगा रहे हैं, शायद बोलने से झूठ सच हो जाए, लेकिन असंभव है।
अगर भाजपा के कुछ मोदीवादियों ने मोदी को महादेव की जगह फिट कर ही दिया है तो मुझे इससे एक अन्‍य बात भी याद आ रही है। शायद हर हिन्‍दु भाई को ज्ञात होगी कि हिन्‍दु धर्म में 'त्रिदेव' का सर्वाधिक महत्व है यानि ब्रह्मा, विष्‍णु और महेश, दूसरे क्रम में कहूं तो निर्माता, पालक व विनाशक।

इस क्रम में अगर मोदी को महादेव कहा जाता है, तो बीजेपी के तीन शीर्ष नेता हुए, पहला अटल बिहारी वाजपेयी, जिन्‍होंने बीजेपी को एक अलग पहचान दी, स्‍वयं लोगों के प्रधान मंत्री होकर विदा हुए, दूसरा जो बीजेपी को आगे लेकर चले, जिनको पालक कहा जा सकता है यानि एलके आडवाणी, अब बीजेपी का पूरा भार, तीसरे कंधे पर है, जिसको नरेंद्र मोदी के नाम से जाना जाता है, जिसको उनके दीवानों ने हर हर महादेव वाले जयघोष में फिट कर दिया।

इसमें कोई दो राय नहीं कि दूसरे राजनीतिक दल अब मोदी को बीजेपी का विनाशक मान रहे हैं, एनडीए की बड़ी पार्टियां दूर हो चुकी हैं। अब देखना है कि मोदीवादियों के हर हर मोदी, घर घर मोदी, बीजेपी को किस डगर पर लेकर जा रहे हैं।

नोट :- यहां मैंने केवल अपने विचार रखें हैं, हो सकता है कि दूसरों से मेरे विचार मेल न खाएं, लेकिन आप अपने विचार रख सकते हैं, जिनका मैं पूरा सम्‍मान करूंगा।

टिप्पणियाँ

  1. नरेंद्र मोदी ने ट्विटर पर कहा, कुछ उत्साही समर्थक 'हर-हर मोदी' का नारा लगा रहे हैं। मैं उनके उत्साह का सम्मान करता हूं, पर उनसे प्रार्थना भी करता हूं कि भविष्य में इस स्लोगन का इस्तेमाल न करें।
    04:46 पीयेम

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