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नहीं चाहिये अंग्रेज, हमारे पास चोर नेतायों की पलटन है

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हर उदय का, अंत होना पतन है। देखो दुनिया , अंत प्यारा अपना वतन है। हर सफलता के पीछे बेजोड़ मेहनत व यत्न है। शादी से पहले प्रियतम , बाद में संतान उत्तम रत्न है। धर्म का अंत , आध्यात्मिक गुरूआें का तोतारटन है। नहीं चाहिये अंग्रेज , हमारे पास चोर नेतायों की पलटन है। पंजा , कमल , किसी के पास साइकिल तो किसी के पास लालटन है। तुम्हारा अनुभव तो पता नहीं , लेकिन हैप्पी का तो यह कथन है। शेअर कोयी नहीं करेगा , कहेगा हरकोयी बात में तो वजन है। कुलवंत हैप्‍पी, संचालक Yuvarocks Dot Com , संपादक Prabhat Abha हिन्‍दी साप्‍ताहिक समाचार पत्र, सामग्री लेखक Ganeshaspeaks । पिछले दस साल से पत्रकारिता की दुनिया में सक्रिय, प्रिंट से वेब मीडिया तक, और वर्तमान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की छाया में। Yuva Rocks Dot Com से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook  पर ज्वॉइन करें, Twitter पर फॉलो करे।

Ad Review : क्‍या देखा गूगल का यह विज्ञापन ?

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आज ऑफिस से लौटकर जैसे ही टेलीविजन का स्‍विच ऑन किया तो टाटा स्‍कायी की ओर से एक विज्ञापन चलाया जा रहा था। इस विज्ञापन से आगे मेरा टेलीविजन नहीं बढ़ा। विज्ञापन इतना प्‍यार था कि दिल को छू गया। मुझे लगा कि शायद जो बात ढ़ाई से साढ़े तीन घंटे की फिल्‍म नहीं कह सकती है, वे बात इस तीन मिनट कुछ सेकेंड के विज्ञापन ने कह दी। यह विज्ञापन था विश्‍व प्रसिद्ध सर्च इंजन गूगल का। सबसे दिलचस्‍प बात तो यह है कि इस विज्ञापन को गूगल की ओर से यूट्यूब पर भी आज ही प्रकाशित किया गया है। इस विज्ञापन से जो बात आपको जोड़ती है, वे है इसका भावनात्‍मक पहलु। भले ही देश का एक खेमा पाकिस्‍तान को पी पी कर कोसता था, लेकिन एक खेमा ऐसा भी है, जो आज भी पाकिस्‍तान की आबोहवा में सांस लेने के लिये तरसता था। इस विज्ञापन के किरदारों भारत व पाकिस्‍तान में आज भी मौजूद होंगे। जो आज भी अपने पुराने घरों को याद करते होंगे। जो आज भी अपने दोस्‍तों से मिलने के लिये तरसते होंगे। आने वाले समय में जब हमारी पुरानी पीढ़ियां चली जायेंगी, तो हो सकता है पाकिस्‍तान के प्रति हमारा प्‍यार रखने वाला एक खेमा मर जाये। और बच जाये,