भारत सरकार और डॉलर में होगी सीधी वार्ता

डॉलर द्वारा भारतीय रुपये पर हो रहे निरंतर हमलों से सरकार पूरी तरह चिंतित है, लेकिन सरकार सोच रही है कि केवल चिंतन मंथन करने से काम नहीं चलेगा, अब पानी सिर से ऊपर निकल चुका है, ऐसे में डॉलर के साथ बैठकर आमने सामने बात करनी ही होगी। 

सरकारी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सरकार बहुत जल्‍द डॉलर के साथ बैठकर इस विषय पर बात करेगी। सरकारी अधिकारियों का कहना है कि सरकार इस मामले में तीन दौर की बैठक का आयोजन कर सकती है।

उम्‍मीद है कि डॉलर रुपये को इज्‍जत देने के लिए तैयार हो जाएगा, और इस समझौते से रुपये की गिरती हालत में सुधार होगा। डॉलर का रुपये के प्रति कड़ा रुख वैसे तो सरकार से बर्दाशत नहीं होता, लेकिन वार्ता के दौरान सरकार शांति व गांधीगिरी से काम लेगी।

उधर, जब इस बारे में वित्‍त मंत्री से संपर्क साधा गया, और रुपये की दिन प्रति दिन बिगड़ रही तबीयत के बारे में पूछा गया तो उन्‍होंने कहा, लोगों को डॉलर की खरीददारी पर अंकुश लगाने की अपील की जा रही है, लेकिन लोग डॉलर खरीदने में अधिक दिलचस्‍प ले रहे हैं, उनको लग रहा है कि डॉलर भी सोने की तरह अच्‍छा रिटर्न देगा। साले पागल लोग।

सरकारी सूत्रों का कहना है कि सरकार वार्ता के लिए दोनों तरीकों पर विचार कर रही है, अगर डॉलर भारत में आना चाहता है तो स्‍वागत है, नहीं तो सरकार के प्रतिनिधि बातचीत के लिए अमेरिका की यात्रा कर सकते हैं।

वैसे तो सरकार को पूरी उम्‍मीद है कि मामला सुलझ जाएगा, अगर डॉलर ने पाकिस्‍तान की तरह नखरे दिखाने की कोशिश की तो सरकार नक्‍सलवाद की तरह डॉलर को भी सख्‍त चेतावनी देगी।

अगर डॉलर अपनी हकरतों से बाज नहीं आया तो हो सकता है कि सरकार डॉलर को भारत में प्रतिबंधित कर दे। ऐसे में डॉलर अपनी जिद्द की भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है। अगर बात न बनी तो सरकार नेपाल करंसी से बात करेगी।

एक अन्‍य सवाल के जवाब में वित्‍त मंत्री ने कहा कि अमेरिका के लिए टिकटें हमेशा सरकार पहले से बुक करवाकर रखती है, क्‍यूंकि जो दशा सरकार की है, ऐसे में कभी भी देश छोड़कर भागना पड़ सकता है, क्‍यूंकि गांधीगिरी भाषण से अब बहुत दिन चलने वाला नहीं।

उधर, प्रकाश झा अपनी नई फिल्‍म सत्‍याग्रह से गांधी के मनपसंद शांति प्रिय भजन को अहिंसा भरपूर बना रहा है, और सीता राम से कह रहा है कि अब लोगों को धैर्य मत दे, अब और सहने की हिम्‍मत मत दे।

इनपुट फेकिंगन्‍यूज डॉट कॉम से भी

टिप्पणियाँ

  1. गजब व्यंग-वाणी
    हकीकत हकीकत हकीकत-
    शुभकामनायें-

    बावन गज के थे सभी, लागा लंक कलंक |
    रावण संरक्षक हुआ, तब से रहें सशंक |
    तब से रहें सशंक, चला उन-सठ से आगे |
    इक-सठ मोहन-मौन, करोड़ों लुटे अभागे |
    डालर की अरदास, मिनट दो बारह बज के |
    पर लौटे ना पास, कभी वह बावन गज के ||

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