एबीपी न्‍यूज ने शुरू किया आपका ब्‍लॉग

लिखने वाले को चाहिए प्‍लेटफॉर्म, थोड़ी सी प्रसिद्धि, और कंपनी को माल। इंटरनेट की दुनिया में अब ब्‍लॉगरों का दम बोलने लगा है। कल तक पानी पी पी कर कोसने वाले आज ब्‍लॉग जगत के धुरंधरों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए जुट चुके हैं।

ब्‍लॉगर डॉट कॉम का शुक्रिया जिसने अपना मंच आजाद लिखने वालों को दिया। किसी ने यहां कविताएं लिखी, किसी ने अपनी हर रोज की दिनचर्या। ब्‍लॉगिंग धीरे धीरे अपने चर्म की तरफ बढ़ने लगी। हिन्‍दी ब्‍लॉगरों की भीड़ इंटरनेट पर एकत्र होने लगी। ब्‍लॉगवाणी ने ब्‍लॉगरों को दम भरने का मौका दिया। छोटी छोटी नुक्‍कड़ बैठकों की तरह ब्‍लॉगरों मीटों का आयोजन होने लगा। भारत में ब्‍लॉगर, यानि स्‍वतंत्र कलम का मालिक उभरकर सामने आने लगा। अख़बारों में लेखन को जगह मिलने लगी। अब संपादक के नाम पत्र लिखने की जरूरत न महसूस होने लगी।

ब्‍लॉगर और वर्डप्रेस का साथ मिलने से ब्‍लॉगर खुश हुआ। उसकी कलम दिन प्रति दिन नये नये शब्‍दों को जन्‍म देती चली गई। आज ब्‍लॉगर के लिए देश के बड़े बड़े मीडिया दिग्‍गजों ने अपनी वेबसाइटों पर ब्‍लॉग व्‍यवस्‍था कर दी, जोकि केवल शुरूआती दौर में उनके अपने कर्मचारियों के लिए थी, लेकिन कार्य का अधिक बोझ, इस जिम्‍मेदारी को उठा न सका। ब्‍लॉग व्‍यवस्‍था मीडिया वेबसाइटों पर दम तोड़ने लगी।

सबसे पहले हिन्‍दी वेबसाइट वेबदुनिया ने मायदुनिया डॉट कॉम से ब्‍लॉगरों जोड़ने का प्रयास किया। इस चेन को आगे बढ़ाया दैनिक जागरण ने अपने कदम जागरण जंक्‍शन से। धीरे धीरे इस खेल में नवभारत टाइम्‍स डॉट कॉम उतर आई। यहां पर ब्‍लॉगर ज्‍यादा दिखाई देने लगे, यहां पाठक वर्ग बड़ा था। मायवेबदुनिया डॉट कॉम एक समय के बाद दम तोड़ गई, लेकिन दैनिक जागरण निरंतर चलता जा रहा है। नवभारतटाइम्‍स डॉटकॉम का तो क्‍या कहना। इस बेड़े में अगला कदम रखने वाला मीडिया ग्रुप बना अमर उजाला। अमर उजाला ने ब्‍लॉग डॉट अमर उजाला डॉट कॉम के नाम से इसकी शुरूआत की।

दिलचस्‍प बात तो यह है कि अब इस पहल का हिस्‍सा स्‍टार न्‍यूज, जोकि अब एबीपी न्‍यूज हो चुका है, बन गया है। एबीपी न्‍यूज ने पाठक वर्ग दायरा बढ़ाने के लिए अपनी वेबसाइट पर 15 अगस्‍त के दिन एक शुरूआत की। लिखने की आजादी। आपका ब्‍लॉग।  अब ब्‍लॉग यहां पर भी अपना पंजीकरण कर सकते हैं।

लिखने का शौक है, तो लिखिए रहिये, कुछ और भी आएंगे, आने वाले वक्‍त में। ब्‍लॉगरों के लिए सुनहरे दिनों की शुरूआत तो बहुत पहले हो चुकी है। जय ब्‍लॉगर।

टिप्पणियाँ

  1. किसी और नहीं इंटरनेट की हिंदी दुनिया का एक भी व्‍यक्ति इससे अछूता नहीं रहना चाहिए मतलब सबके साथ।

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