ए अग्नि
कहीं तुम्हें बुझाने का
हो रहा है प्रयास
कहीं तेरी सलामती की
होती है अरदास
कहीं करे सृजन तू
कहीं करे विनाश
ए अग्नि,
तू वैसे ही दिखे
जैसे पहने लिबास
हो रहा है प्रयास
कहीं तेरी सलामती की
होती है अरदास
कहीं करे सृजन तू
कहीं करे विनाश
ए अग्नि,
तू वैसे ही दिखे
जैसे पहने लिबास
बेहतरीन रचना
जवाब देंहटाएंमिलिए सुतनुका देवदासी और देवदीन रुपदक्ष से रामगढ में
जहाँ रचा गया महाकाव्य मेघदूत।
बहुत ही सुंदर पंक्तियाँ... सुंदर भाव अभिव्यक्ति...!!!
जवाब देंहटाएंbahut sundar
जवाब देंहटाएंलिबास का ही प्रभाव होता है ...
जवाब देंहटाएं**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**
जवाब देंहटाएं~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~
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बेहतरीन रचना
दंतैल हाथी से मुड़भेड़
सरगुजा के वनों की रोमांचक कथा
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♥सप्ताहांत की शुभकामनाएं♥
ब्लॉ.ललित शर्मा
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हम्म ... बात मे दम है ...
जवाब देंहटाएंइस पोस्ट के लिए आपका बहुत बहुत आभार - आपकी पोस्ट को शामिल किया गया है 'ब्लॉग बुलेटिन' पर - पधारें - और डालें एक नज़र - बुंदेले हर बोलों के मुंह, हमने सुनी कहानी थी ... ब्लॉग बुलेटिन