जब नेता फंसे 'बड़े आराम से'

बड़े आराम से। यह संवाद तो आप ने जरूर सुना होगा, अगर आप टीवी के दीवाने हैं। अगर, नहीं सुना तो मैं बता देता हूं, यह संवाद छोटे नवाब सैफ अली खान बोलते हैं, अमूल माचो के विज्ञापन में। अमूल माचो पहनकर सैफ मियां, एक हत्‍या की गुत्‍थी को ''बड़े आराम से'' सुलझा लेते हैं, क्‍यूंकि ''अमूल माचो'' इतनी पॉवरफुल बनियान है कि मरा हुआ आदमी खुद उठकर बोलता है कि उसका खून किसने किया। इस विज्ञापन को देखने के बाद सरकार को शक हुआ कि जो घोटाले बड़े आराम से सामने आए हैं, उसमें अमूल माचो का बड़ा हाथ है।

घोटालों के सामने आते ही सरकार ने गुप्‍त बैठक का आयोजन कर नेताओं को सतर्क करते हुए कहा कि वह ''अपना लक पहनकर चलें'' मतलब लक्‍स कॉजी पहनें, वरना पकड़े जाने पर सरकार व पार्टी जिम्‍मेदार नहीं होगी। गुप्‍त बैठक से निकलकर नेता जैसे ही कार में बैठकर लक्‍स कॉजी लेने के लिए निकले तो रास्‍ते में ट्रैफिक पुलिस वाले ने नेता की गाड़ी को रोक लिया। नेता गुस्‍से में आ गए, आते भी क्‍यूं न जनाब। आखिर परिवहन मंत्री हैं, और उनके वाहन को बीच रास्‍ते रोक दिया जाए, बुरा तो लगेगा ही। ट्रैफिक पुलिस वाला कहता है, सर जी जो रूपा फ्रंटलाइन पहनते हैं, वही फ्रंट में रहते हैं।

नते ही नेता का सिर चक्‍कर खा गया, साला अभी तो गुप्‍त बैठक में बोल रहे थे, अपना लक पहनकर चलें, अभी यह पुलिस वाला बोल रहा है जो रूपा फ्रंटलाइन पहनते हैं, वही फ्रंट में रहते हैं। नेता जी दुविधा में फंस गए, आखिर कौन सी पहनूं, फ्रंट वाली या लक वाली। नेता को दुविधा में देख बीरबल जैसा तेज दिमाग पीए बोलता है, सर जी दोनों की एक साथ क्‍यूं नहीं पहन लेते। बात नेता को जम गई।

नेता तुरंत गाड़ी में बैठकर मॉल की ओर चल दिए। आखिर भाई नेता हैं, छोटी मोटी दुकान में थोड़ा न जाएंगे। नेता जैसे ही मॉल में पहुंचे तो टीवी चल रहा था, नीचे समाचारों की पट्टी चल रही थी, वो समाचार पट्टी को पढ़ने लगे ही थे कि अचानक स्‍क्रीन पर आकर अक्षय कुमार बनियान पहने कुछ गुंडा की पिटाई करने लगा। पिटाई करने के बाद जाते जाते ''होम डिलीवरी भी देता हूं। मैडम आपका बटन खुला है। फिट है तो हिट है बॉस।'' जैसे संवाद बोलता है। अब नेता के मन में फिर लड्डू फूटा। उसको एक नेता मित्र की याद आई। जो आशिक मिजाज था, वैसे अब नेताओं की छवि भी कुछ ऐसी बन गई है।

अब सोचा, क्‍यूं न इसे भी खरीद लिया जाए। तीनों एक साथ पहनकर चलेंगे, बड़े आराम से। अगले दिन नेता तीनों पहनकर कार्यालय में पहुंच गए। इतने में उनका नाम भी एक घोटाले में आ गया। नेता ने अपनी पार्टी प्रमुख को फोन लगाकर बोला कि उन्‍होंने तो वैसा ही किया था, जैसा पार्टी ने कल मीटिंग में बताया, लेकिन मेरा नाम फिर भी घोटाले में कैसे आया गया। तो आगे से फोन में पार्टी प्रमुख गुस्‍सेल मूड में कहते हैं, क्‍या नेता लोग ही केवल नकली चीजें बेच सकते हैं, दुकानदार नकली ब्रांड नहीं बेच सकता, अरे गधे। फोन कट, नेता कैचअप।

टिप्पणियाँ

  1. बेनामी5/12/2012 12:21 pm

    ek add se accha combination kiya aap ne

    aaj tak koi neta nhi fasa to ab kahn se fasega

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  2. जय हो नेता जी की लंगोट धर लो नेता जी खुदे फ़ंस फ़ंसा जाएंगे । क्या बात है कुलवंत भाई ,.,सीधा सिक्सर । बहुत अच्छे , धार बनाए रखिए

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  3. बहुत खूब कुलवंत भाई ... बढ़िया निशाना लगाया है !

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  4. Are waah kulwant ji aap o Satyamev jayate aur KBC ke saath laughter show bhee bana sakate ho. Gajab hee kar diya ji.. balle-balle!!

    Vishal Mishar From indore by mail

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