याहू चैट से फेसबुक तक

एक समय था, जब इंटरनेट यूजर्स yahoo व Rediff मैसेजर द्वारा किसी chat room में घुसे रहते थे। इस दौर में साइबर कैफे खूब कमाई का धंधा था, लोग इंटरनेट पर चैट व गेम खेलने में व्‍यस्‍त रहने लगे थे। फिर लोगों ने साइबर कैफे को अलविदा कहते हुए कम्‍प्‍यूटर व इंटरनेट को घर के किसी कोने में रख लिया और की बोर्ड कूटना शुरू कर दिया। जैसे जैसे इंटरनेट यूजर्स की संख्‍या बढ़ने लगी, वैसे वैसे इंटरनेट पर कंटेंट की मात्रा में भी भारी इजाफा होने लगा। इंटरनेट यूजर्स की बढ़ती संख्‍या को देखते हुए Google ने orkut को जन्‍म दिया। orkut ने बहुत जल्‍द लोकप्रिय हासिल कर ली, क्‍योंकि बहुत आसान जो था, इसमें यूजर्स को खाता बनाना और उसको चलाना।

मगर mozilla आने के बाद जो दुर्गति Internet Explorer हुई, वह दुर्गति facebook आने के बाद orkut की हुई। जो पाइप लाइन गूगल ने orkut द्वारा बिछाई थी, उस पर कब्‍जा facebook ने कर लिया।

मुझे याद है, जब मैंने पहली बार कुछ साल पहले इस पर लॉगिन किया था, एक बड़े संवाददाता से बात करने की कोशिश की थी, मगर बुरी तरफ असफल भी रहा, इतना ही नहीं उसने तो मेरा खाता ब्‍लॉक भी कर दिया था। इसके बाद मैंने कई महीनों तक facebook नहीं खोला, मगर एक दिन फेसबुक पर फिर लौटा, और महसूस हुआ कि यह पॉश इलाका है, और ओर्कुट नॉर्मल रेजीडेंसी वाला इलाका।

मगर धीरे धीरे ऑर्कुट वाले लोग पॉश एरिए में अपनी पैठ बनाने लगे, हर कोई एक दूसरे को friend request भेजने लगा। फेसबुक पर चाहने वालों का एक बड़ा ग्रुप सर्कल बनने लगा। अब लोग फेसबुक को एक प्रचार का बेहतरीन माध्‍यम मानने लगे। यहां पर हर कोई अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने लगा। उसको पूर्ण आजादी थी, status updates करने की। अपने फोटो अपलोड करने की। उनको एक दूसरे से share करने की। अब हर किसी का friend request स्‍वीकार होने लगी, बशर्ते उसके खाते में अशलील सामग्री न हो। अब टीवी से पहले फेसबुक पर खबरें प्रकाशित होने लगी। जिन्‍दगी में कितने उतार चढ़ाव हैं का जिक्र होने लगा।

यहां पर page create होने लगे, बड़ी बड़ी हस्‍ितयां यहां पर विराजमान होने लगी। फैन्‍स क्‍लब बनने लगे। आज फेसबुक गीतों में, समाचारों में, ख्‍यालों में व शायरोशायरी में शुमार होने लग गया। कुछ लोगों ने अपनी दुकानों के नाम फेसबुक रख दिए। आज facebook सबसे बड़ा ब्रांड बन चुका है। इतना बड़ा ब्रांड के किसी की जान भी ले रहा है और किसी की जान बचा भी रहा है।

चलते चलते इतना ही कहूंगा कि टाइमपास, बिजनस व प्रचार का एक अच्‍छा माध्‍यम है, फेसबुक। इसके हिट होने का यह कारण है, हर कोई अपना बिजनस बढ़ाना चाहता है, टाइम पास करना चाहता है, और प्रचार करना चाहता है। हम सब यहां इनमें से कुछ न कुछ तो करते हैं।

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