सावधान। एमएलएम बिजनस से


बढ़ती महंगाई और मिलावट से बचने के लिए एमएलएम, मतलब मल्‍टी लेवल मार्कटिंग बिजनस अच्‍छा है, मगर कोई अच्‍छी चीज गलत लोगों के हाथों में बुरे परिणाम देती है, जैसे कि पागल के हाथ में तलवार, आतंकवादियों के हाथ में गोला बारूद। बारूद तलवार बुरी चीजें नहीं, मगर गलत लोगों के हाथों में पड़ते ही गलत परिणाम देने लगती हैं। वैसे ही हिन्‍दुस्‍तान में एमएलएम बिजनस को लेकर हो रहा है। एमएलएम बिजनस के नाम पर करोड़ों रुपए की ठगी मारी जा रही है, इसलिए सावधान रहने के लिए कह रहा हूं। आज के युग में एमएलएम एक बेहतरीन बिजनस है, अगर करना है तो एक अच्‍छी एमएलएम कंपनी चुनिए। मैं आपको किसी कंपनी विशेष के लिए सिफारिश नहीं करूंगा, लेकिन एक अच्‍छी कंपनी चुनने के लिए सुझाव दे सकता हूं। सबसे पहले कंपनी के पास विजन होना चाहिए, एक बेहतर कल का। उसका प्रोडेक्‍ट बेस होना चाहिए। मार्किट भाव पर सामान उपलब्‍ध करवाए, क्‍योंकि एमएलएम को एडवाटाइजमेंट पर पैसा नहीं खर्च होता, वह ग्राहक के द्वारा भी प्रचार करवाती है। एमएलएम के लिए हिन्‍दुस्‍तान में अभी कोई लगाम कसने वाला कोई विभाग नहीं, इसलिए व्‍यक्‍ितयों खुद ही सावधान रहना होगा। 

नहीं करनी, अगर कोई आपसे आकर कहे कि दस हजार लगाओ, प्रति माह इतने हजार पाओ, तो सारा गलत होगा, क्‍योंकि अगर ऐसा होता तो केंद्रीय सरकार ऐसा सिस्‍टम लागू कर हिन्‍दुस्‍तान से सीधे ही बेरोजगारी एक बार में खत्‍म कर देती, इसलिए ऐसे झांसे में न आएं, ऐसा कुछ करने से पहले आप मैक्‍स फॉरेक्‍स, गोल्‍ड अभिनव एंव अन्‍य कंपनियों के बारे में जानकारी प्राप्‍त कर ले, जो रातोंरात लोगों का पैसा लेकर रफूचक्‍कर होगी।

रिश्‍तेदार के कहने पर ज्‍वॉइन न करें, उससे पूर्ण रूप से समझे आखिर पैसा कहां से आता है, अगर उसके पास उत्‍तर न हो तो समझ लीजिए वह गलत रास्‍ते पर जा रहा है, और उसको समझाकर सही रास्‍ते पर लाएं, वरना पछतावे के अलावा कुछ नहीं बचेगा।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

महात्मा गांधी के एक श्लोक ''अहिंसा परमो धर्म'' ने देश नपुंसक बना दिया!

सदन में जो हुआ, उसे रमेश बिधूड़ी के बिगड़े बोल तक सीमित न करें

हैप्पी अभिनंदन में महफूज अली

हैप्पी अभिनंदन में संजय भास्कर

..जब भागा दौड़ी में की शादी

कपड़ों से फर्क पड़ता है

भारत की सबसे बड़ी दुश्मन