दशा बदलने के लिए दिशा बदलें

अगर जीवन में लाख कोशिश करने के बाद भी कोई खास सुधार नजर न आए तो दिशा बदल लेनी चाहिए, तभी दशा बदल सकती है, अगर लकीर के फकीर ही बने रहे तो स्‍िथति बदलने की कोई संभावना नहीं। हिन्‍दुस्‍तान में अमीर अमीर और गरीब होते जा रहे हैं, इसका कारण आम आदमी का जीवन व उसकी सीमाएं हैं। जैसे के जन्‍म, साधारण शिक्षा, नौकरी, शादी, खर्च/थोड़ी बचत, इस तरह से आम आदमी का जीवन चल रहा है, अगर आम आदमी ने इसमें सुधार नहीं किया तो जीवन स्‍तर में सुधार की कोई गुजाइंश नहीं। इस व्‍यवस्‍था को सुधारने की जरूरत है, जन्‍म के बाद अच्‍छी शिक्षा,  शिक्षा के बाद बेहतरीन जॉब, और खर्च/थोड़ी बचत, जो बचत है उसको निवेश में बदलना। मगर आम आदमी जितनी उम्र भर में बचत करता है, उसको सुख सुविधाओं के लिए खर्च कर देता है या फिर अंतिम समय से पहले अपने स्‍वास्‍थ्‍य पर खर्च कर देता है। निवेश होना चाहिए भले ही छोटा हो, क्‍योंकि निवेश पैसे की संतान को पैदा करना है, सुख सुविधा के लिए खर्च किया पैसा पैसे की संतान को मार देता है। जैसे दंपति के बच्‍चे होते हैं, वह उनके युवा होने पर उनकी शादी कर देता है, और फिर वह बच्‍चे नए बच्‍चों को जन्‍म देते हैं, ऐसे ही आपके द्वारा किया छोटा निवेश भी पैसे की संतान को जन्‍म देने में सहाई होगा, मगर उस संतान को खर्च करने से बेहतर होगा, उसका पुर्ननिवेश। आम आदमी को अगर अमीर बनना है तो अमीरों की तरह सोचना होगा, अपनी सीमाएं लांघकर सोचना होगा, तभी संभव हो सकता है, वरना गरीब का अपनी गरीबी से उभरना मुश्‍िकल है। कौन बनेगा करोड़पति द्वारा कई लोग करोड़पति बने, मगर बाद में उनका जीवन स्‍तर पहले जैसा हो गया, क्‍योंकि वह अपनी सीमाएं और सोच को आगे नहीं बढ़ा सके। उन्‍होंने अपना पैसा सुख सुविधाओं पर खर्च दिया, खर्च हुआ पैसा कभी कमाकर नहीं देता, निवेश किया पैसा हमारा कमाकर देता है। 

जय युवा जय हिन्‍दुस्‍तान

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