बहुत बहुत शुक्रिया...

गत दिवस मेरा जन्मदिवस था, मुझे बेहद खुशी हुई कि मेरे जन्मदिवस पर इस बार भी मुझे ब्‍लॉग जगत से जन्मदिवस की ढेर सारी शुभकामनाएं मिली। मुझे नहीं लगता था कि ऐसा होगा, क्‍योंकि पिछले लम्‍बे समय से मैंने ब्‍लॉग जगत से दूरी जो बना ली थी। मेरे जन्मदिवस की खुशी को दुगुना करने के लिए मैं ब्‍लॉग जगत का सदैव ऋणि रहूंगा, खास जन्मदिन डॉट ब्‍लॉगस्पॉट डॉट कॉम का व बीएस पाबला जी का।

मैंने ब्‍लॉग से दूरी क्‍यों की....
ऐसा नहीं कि ब्‍लॉग जगत से मन ऊब गया था, ऐसा भी नहीं कि मैं लिखना नहीं चाहता, बस जिन्दगी केञ् कुञ्छ ड्डेञ्रबदल ऐसे होते हैं, जो कुञ्छ चीजों से अचानक दूरी बनाने पर बाध्य कर देते हैं, लेकिन दूरी से कोई रिश्ता खत्म नहीं होता, विछोह तो मिलन की ललक को ज्यादा बढ़ाता है। ब्‍लॉग जगत से एक बार फिर पहले जैसे जुडऩे की कोशिश में हूं, और उम्‍मीद है कि ब्‍लॉग में एक बार फिर से अपना योगदान अदा करूंगा।

चलते चलते....
लेखिका अरुंधित रॉय, जिनके नाम के आगे अब विवादित शब्‍द जुड़ चुका है, से निवेदन है कि जो आप कहती हैं, उससे देश का कितना भला होने वाला है, और कितना नुकसान, इस बात को ध्यान में रखकर कहें तो बेहतर होगा। ध्यान रहे कि हिन्दुस्तान की जनता कम, यहां राजनैतिक रोटियां सेकने वाले आपके बयानों को बड़ी गौर से सुनते हैं, क्‍योंकि हिन्दुस्तान की जनता के पास अपने पुराने जख्‍मों पर मरहम लगाने व रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करने से फूर्सत नहीं। भारत के न्यूज चैनलों, अखबारों के लिए अरुंधति रॉय का बयान पहली खबर है, लेकिन किसी गरीब के लिए मौत का कारण बन सकता है, क्‍योंकि पता नहीं, आपके बयान से दुखी राजनैतिक पार्टियों के कार्यकर्ता कब सडक़ों पर उतर आए और शहर को बंद करने के चक्कर में कितने गरीबों की जिन्दगी तबाह कर दें। जब जब देश में दंगा फसाद हुआ है, तब तब आम जन ही मरा है। अगर सच में आप हिन्दुस्तानी जनता की हितैषी हैं तो कृपया बयानों की पहले समीक्षा करें, फिर दें। हिन्दुस्तान में हाथी निकल जाता है, लेकिन कभी कभी पूंछ फंस जाती है। इस देश में छोटी छोटी बातों पर बड़े बड़े हादसे होते हैं, लेकिन कभी कभी बड़ी बातों को भी तवज्जों नहीं देता। हिन्‍दस्‍तान का भला करना है तो उसके लिए संस्‍थान खोला जा सकता है, जिसमें आप नई सोच को पैदा कर सकें, ऐसे खुले आम भाषण देकर एक सोच नहीं, देश में टकराव पैदा होगा, जिससे देश में तनाव बढेगा, जिससा का खमियाजा भुगतेगा आम गरीब जन।

टिप्पणियाँ

  1. मेरी तरफ से भी जन्मदिन की ढेरों बधाईयाँ और आशीर्वाद। कल जल्डी कहीं चली गया पूरी पोस्ट्ज़ नही पढ पाई इस लिये देर से आने की क्षमा चाहती हूँ। आशीर्वाद।

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  2. bhai kuljeet bahut din bad aapko padha. pahle to janmdin kee dhero badhaaiyaa aur jeevan mai khoob safal aur khush rahne kee shubhkamnaaye

    http://hariprasadsharma.blogspot.com/2010/10/blog-post_26.html

    जवाब देंहटाएं
  3. Der se sahee,janam din kee badhayi qubool karen!
    Arundhati ko bada hee achha khula khat likha hai aapne!

    जवाब देंहटाएं

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