टीम वर्क मीन्स मोर वी एंड लैस मी

आज बात करते हैं एक और चोरी की, जो मैंने एक इंदौर के टीआई स्थित गिफ्ट शॉप में से की। बात है उस दिन की, जब मैं और मेरी छमक छल्लो घूमने के लिए घर से निकले और चलते चलते स्थानीय टीआई पहुंच गए, टीआई मतलब इंदौर का सबसे बड़ा मॉल। मेरी छमक छल्लो की नजर वहां एक गिफ्ट शॉप पर पड़ी, मेरी चोरी करने की कोई मंशा नहीं थी और नाहीं कोई गिफ्ट शिफ्ट खरीदने की, बस उसके साथ ऐसे ही चल दिया।

जैसे हम दुकान के अंदर गए तो वहां पर बहुत सारे सुन्दर सुन्दर गिफ्ट पड़े हुए थे, जिनको देखकर हर इंसान की आंखें भ्रमित हो जाती और दिल ललचा जाता है। मैं भी अन्य लोगों की तरह हर गिफ्ट को बड़ी गंभीरता से देख रहा था परंतु इसी दौरान मेरी नज़र एक बड़े कॉफी पीने वाले कप पर गई, मैंने उस कप को नहीं चुराया बल्कि उसके ऊपर लिखी एक पंक्ति को चुरा लिया। वो पंक्ति 'टीम वर्क मीन्स मोर वी एंड लैस मी' ये थी।

दुकान में गिफ्ट देख रही मेरी छमक छल्लो को मैंने पास बुलाया और कहा कि इस पंक्ति को पढ़कर सुनना, उसने पढ़ा और मुस्करा दिया क्योंकि वह जानती है कि मैं जानबुझकर उसको इस तरह के अच्छे संदेशवाहक वाक्य को पढ़ने को कहता हूं। दरअसल, मैंने भी जानबुझकर उसको पढ़ाया था क्योंकि जब हम किसी कार्यालय काम करते हैं तो वहां टीम वर्क स्थापित करने की काफी जरूरत होती है और ऐसे में इस तरह के वाक्य स्थिति को समझ के लिए काफी फायदेमंद साबित होते हैं।

अगर हम टीम वर्क में यकीन नहीं करते तो हम दुखी होते हैं, पता है क्यों, क्योंकि हम आपने काम की तुलना अन्य साथी जनों से करने लग जाते हैं, जिसके चलते हमारे अंदर गलत ख्याल जन्म लेने लगते हैं। इसके चलते काम पर असर पड़ता है, इसलिए टीम वर्क पर ही विश्वास करके चलो क्योंकि तुम या मैं अकेला कुछ नहीं कर सकता, अगर ऐसा होता तो हम किसी कंपनी में काम न कर रहे होते और हम अपने कारोबार में भी अन्य कर्मचारी न रखते। तुम किसी और को देखकर खुद की क्षमता को कम मत करो क्योंकि तुम्हारा काम तुम्हारी जिन्दगी संवारेगा और दूसरे काम का उसकी जिन्दगी। हो सके तो अपने साथी को साथ लेकर आगे बढ़ने की कोशिश करो, क्या पता वह आपके प्रोत्साहन से काम करने लग जाए।

मैं टीम वर्क पर विश्वास करता हूं, पिछले दिनों मेरी टीम किसी निजी मतभेद के चलते टूट गई थी परंतु मैं फिर से उसको पटरी पर लाने के लिए संघर्षशील हो गया, इस दौरान मेरा साथ किसी और ने नहीं बल्कि ओम शांति ओम के संवाद फिल्म अभी बाकी है मेरे दोस्त ने दिया। इस संवाद ने मुझे बताया कि कोई बात नहीं तुम लगे रहो, जल्द ही अच्छा वक्त आएगा और वह आया।

नोट : इस लेख को बहुत पहले लिखा गया था, लेकिन युवा सोच युवा खयालात पर पहली बार प्रकाशित हो रहा है।

टिप्पणियाँ

  1. हमेशा हमारा का भाव होना चाहिए न की मेरा तुम्हारा , , बढीया प्रस्तुति ।

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  2. टीम वर्क आवश्यक है। बढिया प्रस्तुति

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  3. बिना टीम वर्क से कुछ बड़ी चीज़ का पाना आसान नही भाई कहा भी गया है अकेला चना भाड़ नही फोड़ता है बहुत संस्मरंण..ऐसे ही घूमते टहलते रहिए बढ़िया बढ़िया चर्चाएँ पढ़ने को मिलेगी हमें...

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  4. बिना टीम वर्क कुछ नहीं हो सकता..बहुत जरुरी है. अच्छा आलेख.

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