अर्ज है, नए साल की मुबारकवाद

गैरों को, अपनों को
हकीकत व सपनों को,

किसानों को, जवानों को
गजलों और तरानों को,

ग्रंथों को, किताबों को
काँटों और गुलाबों को

ब्लॉगरों को, पत्रकारों को
ब्लॉगों और अख़बारों को

जमीं को, आसमान को
किश्ती और विमान को

परिंदों को, जानवरों को
बसते हुए एवं बेघरों को

तुझको मुझको सब को
आज, कल व अब को

दीवाने को, दीवानी को
दुनिया के किसी भी कोने में बसते
हर हिन्दुस्तानी को
मेरी ओर से नया साल मुबारक हो







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