कभी सीधी सपाट

कभी सीधी सपाट 
तो कभी पहेली लगती है 
कभी बेगानी सी 
तो कभी सहेली लगती है 
ये जिन्दगी भी अजीब है दोस्तों 
पल में सब बिखर बिखर नज़र आता है
अगले ही पल सब निखर निखर नजर आता है 
कभी धुप कभी छाँव जिंदगी 
लगती है मनचाहे दांव 
जिन्दगी कभी खुशियों भरा थाल देती है 
कभी कर गम से मालामाल देती है 
ये जिन्दगी भी अजीब है दोस्तों

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