शिअद कांग्रेस में नहीं, परिवारों में टक्कर

बठिंडा पिछले एक दो साल से ख़बरों में है सिख-डेरा विवाद के कारण, लेकिन अब बठिंडा अख़बारों की सुर्खियों में डेरा सिख समुदाय विवाद को लेकर नहीं बल्कि राजनीतिक घमासान को लेकर है. पंजाब की 13 लोक सभा सीटों में से बठिंडा सबसे चर्चित एवं अति-संवेदनशील सीट बन चुकी है, क्योंकि इस सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अरमिंदर सिंह का बेटा रणइंद्र सिंह और उप-मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल की पत्नी हरसिमरत कौर है. इस लोक सभा सीट पर लड़ाई कांग्रेस और शिअद के बीच नहीं बल्कि दो बड़े राजनीतिक घरानों के बीच है. ये सीट इज्जत का सवाल बन चुकी है बादल परिवार के लिए, क्योंकि कैप्टन ने अपने बेटे को बादल के गढ़ में उतारकर घर में घुसकर मारने वाली रणनीति अपनाई है. अगर बादल परिवार की बहू इस सीट से हारती है तो बादल परिवार की साख को बहुत बड़ा झटका लगेगा. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बठिंडा सीट को निकालने के लिए शिअद नेता हर हथकंडा अपनाने के लिए तैयार है. ऐसे में चुनावों के दौरान हिंसक घटनाएं होने की भी पूरी पूरी आशंकाएं, जिन्होंने सुरक्षा प्रशासन की नींद उड़ा रखी है. इन आशंकाओं में उस समय और भी इजाफा हो जाता है जब हाल में हुए बठिंडा नगर निगम चुनावों में उप-मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल की धक्केशाही को सुरक्षा प्रशासन याद करता है. इसके अलावा पिछले दिनों हुए सिख-डेरा प्रेमियों के बीच में संघर्ष भी चिंताओं को दोगुना कर देते हैं. इन आशंकाओं के बीच बठिंडा में चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से करवाने के लिए करीबन 11 हजार जवानों की तैनाती की जाएगी, अगर और की जरूरत पड़ी तो अन्य जिलों से भी फोर्स मंगवा ली जाएगी. बठिंडा सीट पर चुनाव 7 मई को होना है, लेकिन तीन मई को ही पैरा मिलिट्री फोर्स व शेष पंजाब पुलिस के जवान मोर्चा संभाल लेंगे, ताकि बठिंडा लोक सभा क्षेत्र में को अप्रिय घटना घटित न हो. इतना ही नहीं दो परिवारों की प्रतिद्वंदिता को देखते हुए बठिंडा जिले के कुल 832 पोलिंग बूथों में से 250 बूथ अति संवेदनशील, 406 संवदेनशील और 176 बूथ सामान्य की श्रेणी में रखे गए हैं. बठिंडा सीट पर होने वाली धक्केशाही से कैप्टन अमरिंदर सिंह अच्छी तरह परिचित हैं, तभी तो कैप्टन अमरिंदर सिंह पुलिस कर्मचारियों को बार बार अपील करते हैं कि तुम लोग अपनी ड्यूटी इमानदारी से करना, सरकारें बदलती रहती हैं. कैप्टन के इस तरह के बयानों से साफ झलकता है कि बठिंडा सीट पर नगर निगम चुनावों की तरह धक्केशाही होने की पूरी पूरी संभावना है. दूसरा कारण प्रकाश सिंह बादल का गर्म मिजाज बेटा सुखबीर सिंह बादल भी है, जो अपनी पत्नी को जिताने के लिए हर हथकंडा अपनाने से बाज नहीं आएगा. बठिंडा में चुनावों के चलते सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए अन्य जिलों की सीमाओं पर सघन जांच अभियान शुरू किए गए हैं ताकि शरारती तत्व इस क्षेत्र में पहुंचकर तनाव पैदा न कर सकें.’

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