ब्‍लॉगर्स जय होली : गुब्‍‍बारों पर रोक लगी : युवा कैसे मनाएं होली :

अब तक होली पर सिर्फ
कीचड़रस पर थी पाबंदी
इस बार गुब्‍बारे हैं बंदी
गुब्‍बारे बिना छाई मंदी।

लगे गुब्‍बारा तो होता
मारने वाला है खुश
न लगे तो जी खाने
वाले को आता स्‍वाद।

होली बनी है त्‍योहार अब
रोक का समझ रहे हैं सब
जो थी हास - परिहास का
रंग तरंग भंग हुड़दंग का।


ब्‍लॉगर्स तो पोस्‍ट लगाकर
टिप्‍पणियां भेजकर भी तो
खेलेंगे होली जरूर इस बार
यही परंपरा चलाएं इस बार।

टिप्‍पणी करना ही गुलाल लगाना
माना जाएगा समझ लें शत्रु भी
इसलिए मत करें कोताही और
न करें गुरेज टिप्‍पणी देने में।

तो हो जाए होली की शुरूआत
मैंने लगा दी है पोस्‍ट और
हैं मन से जो युवा वे जरूर
निबाहें टिप्‍पणीधर्म है होली।

जो युवा हैं तन से उनके
होने में युवा कोई शक न
बाकी के ख्‍याल हों जवां
फिर तो सारा जहां जवां।

जय हो जय हो जय हो
जय होली जय होली
हरी नीली काली पीली
होली की जय रंगीली।

टिप्पणियाँ

  1. हैं मन से जो युवा वे जरूर
    निबाहें टिप्‍पणीधर्म है होली।


    --अजी हम तो चिर युवा हैं तो निबाहते चलेंगे टिप्‍पणीधर्म. :)

    जवाब देंहटाएं
  2. न बरसे रंग और न भीगे चुन्नरवा....
    इस बार इंदौर में होली तिलक लगा....
    ब्लॉगर्स टिप्पणी रूप लगाएं गुलाल
    गुलाल से भर दें वेब की ब्लॉग़ डाल

    जवाब देंहटाएं
  3. Waao….you can write poetry at the drop of hat..--\:)

    जवाब देंहटाएं
  4. बेनामी3/08/2009 12:43 pm

    waah sahi badhiya kavita;),tipaani kar rahe hai,holi mubarak

    जवाब देंहटाएं
  5. अच्‍छी अभिव्‍यक्ति दी भावों की .... होली की बहुत बहुत शुभकामनाएं।

    जवाब देंहटाएं

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