..जब भागा दौड़ी में की शादी

आज से एक साल पहले, इस दिन मैंने भागा दौड़ी में शादी रचाई थी, अपनी प्रेमिका के साथ. सही और स्पष्ट शब्दों में कहें तो आज मेरी शादी के पहली वर्षगांठ है. आज भी मैं उस दिन की तरह दफ्तर में काम कर रहा हूं, जैसे आज से एक साल पहले जब शादी की थी, बस फर्क इतना है कि उस समय हमारा कार्यलय एमजी रोड स्थित कमल टॉवर में था, और आज महू नाका स्थित नईदुनिया समाचार पत्र की बिल्डिंग में है. आप सोच रहे होंगे कि भागा दौड़ी में शादी कैसे ? तो सुनो..शादी से कुछ महीने पहले मुझे भी हजारों नौजवानों की तरह एक लड़की से प्यार हो गया था और हर आशिक की तमन्ना होती है कि वो अपनी प्रेमिका से ही शादी रचाए और मैं भी कुछ इस तरह का सोचता था. लेकिन हमारी शादी को आप समारोह नहीं, बल्कि एक प्रायोजित घटनाक्रम का नाम दे सकते हैं. मुझे और मेरी जान को लग रहा था कि शादी के लिए घरवाले नहीं मानेंगे, इस लिए हम दोनों ने शादी करने का मन बनाया, क्योंकि कुछ दिनों बाद उसको घर जाना था, और उधर घरवाले भी ताक में थे कि अब बिटिया घर आए और शादी के बंधन में बांध दें.क्योंकि उनको मेरे और मेरी प्रेमकहानी के बारे में पता चल गया था. इसकी भनक हमको भी लग गई थी, इस लिए हम दोनों ने पहले कोर्ट से कागजात तैयार करवाए और फिर उनको आर्य मंदिर में देकर शादी की तारीख पक्की की. मेरा तो मन था कि शादी 14 तारीख को करें, लेकिन श्रीमति ने कहा कि नहीं मेरी सहेली ने कहा है 16 का महूर्त शुभ है. मैंने पूरा दिन आफिस में कोहलू के बैल की तरह काम किया और फिर भागा भागा घर गया. वहां से तैयार बयार होकर पैदल उसकी गली से होते हुए इंडस्ट्री बस स्टॉप पहुंचा, जहां से बस पकड़ी और ब-मुश्किल आर्य मंदिर पहुंचा. शायद मैं पहला दुल्हा हूंगा, जिसके बाराती भी देर से आए और दुल्हन भी ऑटो रिक्शा में आई. इस मौके पर एक बात दिलचस्प थी, वो ये थी कि हम सब अलग अलग धर्मों एवं राज्यों से थे. मैं पंजाबी, पत्नी गुजराती, यार पंजाबी, गुजराती, बंगाली, उड़िया, मध्यप्रदेशी आदि. हम सब हम उम्र थे, सब खुश थे, एक दो को छोड़कर, क्योंकि उनको मेरी तरह ये चोरी छुपे की शादी अच्छी नहीं लग रही थी. हमने शादी सिर्फ ये सोचकर की थी कि अगर घरवाले मान जाते हैं तो हम दोनों दूसरी बार शादी कर लेंगे, वरना हम कोर्ट के मार्फत जाकर प्यार को बचा लेंगे. लेकिन शादी के एक महीने बाद हमने शादी का खुलासा कर दिया और एक साथ रहने लग गए. मेरे घरवालों ने तो उसकी वक्त अपना लिया था, लेकिन मेरे सुसराल वालों ने कुछ हद तक तो अपना लिया, लेकिन सस्पेंस अभी भी कायम है...बाकी सब ठीक है. लड़ते झगड़ते, रूठते, मनाते प्यार करते एक साल पूरा कर लिया.

टिप्पणियाँ

  1. सबसे पहले तो एक वर्ष पुराने युगल को मुबारक बाद इस कामना के साथ कि सदा ही दोनों रहें हैप्‍पी।

    भागा दौड़ी पहले ही कर ली अच्‍छा किया
    बाद में लड़ना भी झगड़ना भी क्‍योंकि
    बढ़ता है इससे प्‍यार लेकिन कर चुके हो
    भागा दौड़ी पहले ही, इसलिए बाद में मत
    भागना कभी भी, न तो समस्‍याओं से,
    न अन्‍य किसी डर से।

    जब दौड़ना तो साथ साथ दौड़ना
    भागने के लिए नहीं, भाग लेने के लिए
    और जीत कर लाना कोई पदक
    हम तब तक निगाहें रहेंगे तब तक एकटक।

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  2. साल पूरा हुआ बधाई।

    न जी पहली शादी नहीं है ऐसी कई शादियों में तो हम खुद ही विटनेस रहे हैं। दिल्‍ली में कनॉट प्‍लेस के आर्यसमाज मंदिर में रोजान करीब दर्जन शादी ऐसे ही होती हैं। इस तरह की शादी में मजा खूब आता है...बाकी शादियों में केवल ड्रेस या भोजन का मीनू या सजावट याद रहती है जबकि इसमें एक एक क्षण यादगार होता है।

    पर ये मां बाप साल भर बाद भी संस्‍पेंस जमाए हुए हैं, गजब जिद्दी हैं श्रीराम सेना के वालंटियर तो नहीं।

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  3. बेनामी2/16/2009 3:55 pm

    बधाई आपको.. मेरी कहानी भी कुछ मिलती सी है..

    आप दोनों प्रसन्न रहें ऐसी कामना है..

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  4. बहुत बहुत शुभकामनाएँ। आप दोनों सदा यह दिन मिलकर प्रसन्नता से मनाते रहें।
    घुघूती बासूती

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  5. मसिजीवी जी

    वे वालंटियर नहीं

    वांट टियर्स होंगे

    जो चाहते होंगे

    आंसू चाहे अपनी

    या किसी की भी

    आंखों में मिलें।

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  6. एक साल पूरा होने की बधाई...घर वाले भी मान ही जायेंगे, उन्हें भी थोड़ा वक्त दीजिये.

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  7. bade naseeb waale ho miyaan .... sahi hai love marriage to ho gayi ....bahut se to kar hi nahi paate ....beech mein tamam pachde pad jaate hain

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  8. पहली वर्षगांठ की बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं।

    जवाब देंहटाएं
  9. मेरी ओर से भी आपके वैवाहिक जीवन पूरे होने पर शुभकमानाएं

    जवाब देंहटाएं
  10. बेनामी2/17/2009 7:40 am

    विवाह वर्षगांठ की बधाई। घर वाले मान जायेंगे।

    जवाब देंहटाएं

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