मरती नहीं मोहब्बत

विश्वास कैसा वो
टूट गया जो
किसी के बहकाने से


मन का अंधकार
कभी मिटता नहीं,
दीपक जलाने से

कब गई
मैल मन की
एक डुबकी गंगा में लगाने से

यारों
मरती नहीं मोहब्बत कभी,
आशिक को मिटाने से

मरते आएं हैं,
और मरते रहेंगे आशिक
जा कह दो जमाने से

खुद मरना पड़ता है दोस्तों
कब जन्नत नसीब हुई
किसी और के मर जाने से

टिप्पणियाँ

  1. बेनामी2/13/2009 11:24 am

    kavita padakar man khush ho gya..theak hai aapne

    जवाब देंहटाएं
  2. वेलेंटाइन डे को मिटाने वाले
    मिट जाएंगे
    एक दो तीन साल तो
    वे नजर नहीं आएंगे
    क्‍योंकि वे खुद भी
    कहीं न कहीं
    किसी न किसी
    कोने में मना रहे होंगे
    गिफ्ट की पोटलियां लुटा रहे होंगे

    जवाब देंहटाएं

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