कहां छुपा गया फिजा का चांद ?

सच्चा प्यार हर किसी को नहीं मिलता और जिसे यह मिलता है वह खुशनसीब होता है. ये शब्द किसी और के नहीं थे, बल्कि फिजा के चांद के थे, जो आजकल मीडिया और अपनी फिजा से दूर कहीं जाकर छुप गया. आलम ये है कि इधर दिसम्बर महीने में फिजा की मोहब्बत को सीना ठोककर स्वीकार करने वाले चांद मोहम्मद पता नहीं आजकल किन बादलों की ओड़ में जाकर छुप गया. उधर, प्यार में मिली बेवफाई से दुखी चांद की फिजा ने नींद की ज्यादा गोलियां खाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया. आखिर किस मोड़ पर पहुंच गई चांद फिजा की प्रेम कहानी. इस प्रेम कहानी पर तो एक फिल्म बनने वाली थी, जिसका नाम था 'फिजा पर फिदा चांद', इस फिल्म का तो पता नहीं लेकिन ऐसा लगता है कि इस प्रेम कहानी में आए मोड़ के कारण बॉलीवुड में जरूर कोई फिल्म बने गई. ये वो ही फिजा है, जिसके लिए हरियाणा के पूर्व डिप्टी सीएम चंद्रमोहन से चांद मोहम्मद में बदल गए थे. चांद तो नजर नहीं आ रहा, लेकिन उसके डूबने के बाद फिजा ने मौत को गले लगाने की कोशिश की. यहां पर मैं एक बात तो कहूंगा कि जो अपने मां बाप का नहीं हुआ, अपने बीवी बच्चों का नहीं हुआ एवं अपने धर्म का नहीं हुआ तो वो चांद फिजा का कैसे हो सकता है. कहते हैं जिनकी फिदरत में हो दगा देना, ऐसे लोगों का क्या करे कोई. चांद में भी दाग होता है, इस बात को तो चांद मोहम्मद ने बाखूबी बता दिया. दोनों में प्यार हुआ, एक होने के सपने देखे और रास्ते में जो दीवार आई फांद गए. इतना ही नहीं धर्म आड़े न आए तो दोनों ने धर्म बदल दिया. अनुराधा बाली बन गई फिजा और चंद्रमोहन बन गया चांद मोहम्मद. प्यार में पागल हुए दोनों एक दूसरे के तो हो गए, लेकिन एक होने के इस बंधन को निभाने में न-कामयाब हो गए. चांद फिजा की कहानी दिसम्बर महीने में सामने आई थी, जब दोनों ने मीडिया के बीच आकर खुद की मोहब्बत को स्वीकार करते हुए एक साथ रहने के दावे किए थे, और अभी इन बातों को पौने दो महीने भी नहीं हुए कि हिन्दी फिल्मों की तरह इस प्रेम कहानी में भी नया मोड़ आ गया. चांद कहीं बादलों में छुप गया और फिजा ने मौत को गले लगने की कोशिश की. फिजा ने तो जान देकर अपने सच्चे प्यार का सबूत दिया, लेकिन दाग वाला चांद तो कमबख्त सामने ही नहीं आ रहा.

टिप्पणियाँ

  1. किसी के भीतर क्या चल रहा है यह जानना बहुत मुश्किल होता है।इसे प्रेम कहना प्रेम का अपमान करना ही कहलाएगा।

    जवाब देंहटाएं
  2. badihya hai .......ha...ha...haa...
    latikesh
    mumbai

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत खूबसूरत भावाभिव्यक्ति है आपकी.
    युवा शक्ति को समर्पित हमारे ब्लॉग पर भी आयें और देखें कि BHU में गुरुओं के चरण छूने पर क्यों प्रतिबन्ध लगा दिया गया है...आपकी इस बारे में क्या राय है ??

    जवाब देंहटाएं
  4. यह प्यार तो एक ज्वार से भी मामूली निकला।

    जवाब देंहटाएं

एक टिप्पणी भेजें

हार्दिक निवेदन। अगर आपको लगता है कि इस पोस्‍ट को किसी और के साथ सांझा किया जा सकता है, तो आप यह कदम अवश्‍य उठाएं। मैं आपका सदैव ऋणि रहूंगा। बहुत बहुत आभार।

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

महात्मा गांधी के एक श्लोक ''अहिंसा परमो धर्म'' ने देश नपुंसक बना दिया!

सदन में जो हुआ, उसे रमेश बिधूड़ी के बिगड़े बोल तक सीमित न करें

हैप्पी अभिनंदन में महफूज अली

..जब भागा दौड़ी में की शादी

सवारी अपने सामान की खुद जिम्मेदार

भारत की सबसे बड़ी दुश्मन

हैप्पी अभिनंदन में संजय भास्कर