'सरकार राज' ठाकरे को नसीहत


फिल्म निर्देशक राम गोपाल वर्मा की उम्दा पेशकारी 'सरकार राज' देखते हुए दर्शकों को पिछले दिनों महाराष्ट्र में महाराष्ट्र नव निर्माण सेना की ओर से उत्तर भारतीयों को निशान बनाने की घटनाओं की याद आई होगी। राज ठाकरे ने महाराष्ट्र में खुद को स्थापित करने लिए उत्तर भारतीयों को निशाना बनाया था, विशेषकर अमिताभ बच्चन को, जहां बड़े पर्दे के मैगास्टार अमिताभ बच्चन ने पर्दे के पीछे राज ठाकरे के शब्दी निशानों का खूब जोरदार जवाब दिया, वहीं पर अमिताभ बच्चन एवं उनके बेटे अभिषेक बच्चन ने 'सरकार राज' में महाराष्ट्र का नेतृत्व कर बड़े पर्दे पर खूब वाह वाह बटोरी है। उल्लेखनीय है कि इस फिल्म को आईफा अवार्ड समारोह में दिखाया गया था, फिल्म को इतना बड़ा समर्थन मिला कि पुलिस को भी भीड़ के साथ दो चार होना पड़ा. मेरे ख्याल से महाराष्ट्र को राम गोपाल वर्मा का आभार प्रकट करना चाहिए जिन्होंने महाराष्ट्र की एकता को पर्दे पर दर्शाया एवं महाराष्ट्र की एकता के नाम पर लोगों को तालियां बजाने लिए मजबूर कर दिया. वैसे तो सुनने आया है कि राज ठाकरे एवं राम गोपाल वर्मा में बहुत गहरी दोस्ती है एवं राज राम की फिल्म को रिलीज होने से पहले देखते हैं. अगर ऐसी बात है तो राज को फिल्म से सीख तो जरूर मिली होगी कि अगर बाल ठाकरे एवं राज ठाकरे का मकसद एक है तो रास्ते अलग अलग क्यों, अगर दोनों ही महाराष्ट्र का विकास चाहते हैं तो गद्दी पाने लिए उत्तर भारतीयों को निशाना क्यों बनाया जा रहा है. राम गोपाल वर्मा ने अपनी फिल्म को महाराष्ट्र की पृष्ठभूमि पर फिल्माया, इस फिल्म में एक नागरे परिवार है, जिसकी पूरा महाराष्ट्र मानता है. इसमें कोई शक नहीं कि फिल्म देखने वाले नागरे परिवार में ठाकरे परिवार की छवि कहीं न कहीं तलाशने की कोशिश करेंगे. जिस तरह नागरे परिवार महाराष्ट्र का भला चाहता एवं उसके लिए अपने निजी हित छोड़कर मानवता की भलाई में काम करता है. अगर राज एवं बाल ठाकरे ऐसा करते हैं तो किसी को भी ऐतराज नहीं होना चाहिए.

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